बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 मार्च। धान परिवहन के मामले में भेदभावपूर्ण कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। तीन ट्रांसपोर्टर पर एफआईआर कराई गई है, लेकिन इस तरह के अन्य मामलों में शामिल सम्बंधित ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई तो दूर स्पष्टीकरण नही मांगा गया है । इससे स्पष्ट है कि मामले में एक तरफा कार्रवाई की गई है।
इस सम्बंध में ट्रांसपोर्टर रिम्पाल सिंग, परमिंदर और धर्मेन्द्र यादव ने बताया कि मामला सामने आने के बाद कलेक्टर कार्यालय से जारी नोटिस का बिंदुवार जवाब दिया गया है। जिसमें धान परिवहन के लिए टीओ जारी होने से लेकर समिति से धान उठाव और संग्रहण केंद्र में अनलोड होने तक की सारी प्रक्रिया से अवगत कराया गया है, वहीं मामले में किसी भी तरह की अनियमत्ता के आरोपो को खारिज करते हुए बताया कि समिति में कम्प्यूटर आपरेटर की ओर से हुई लिपकीय त्रुटि के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई है। शिकायत कर्ता उक्त तीनो ट्रांसपोर्टर के अनुसार जिले में अनुबंधित अन्य ट्रांसपोर्टर दलवीर सिंग व मनोज रोड लाइंस के समिति से धान परिवहन में इस तरह की लिपकीय त्रुटि है, बावजूद कार्रवाई सिर्फ तीन ट्रांसपोर्टर कर इतिश्री कर लिया गया ।
साक्ष्यों को दरकिनार कर एक तरफा कार्रवाई, उठे सवाल
परिवनकर्ताओं ने कलेक्टर को 8 बिंदुओं में जवाब प्रस्तुत करने के साथ लिपकीय त्रुटि एवं अन्य परिवहनकर्ता के परिवहन में वाहनों के नम्बर में हुए त्रुटि से सम्बंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, बावजूद एक तरफा कार्रवाई की गई। जिसमें तीनो ट्रांसपोर्टर के जवाब को दरकिनार कर एफआईआर कराई गई, जबकि उसी तरह के मामले में दो और परिवहन कर्ता को नोटिस जारी करना भी मुनासिब नहीं समझा गया। इस तरह की भेदभाव पूर्ण कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे है ।
परिवहनकर्ताओ ने मामले को लेकर शिकायत होने पर, समिति के कर्मियों से तस्दीक की, जहां लिपकीय त्रुटि के कारण वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर बदलने के कारण आरटीओ में कार, स्कूटर, बाइक समेत अन्य वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बर से मैच हुए । जिसे लेकर कार्रवाई की गई है । इसमें समिति प्रमुखों ने कम्प्यूटर आपरेटर की त्रुटि को मानते हुए, डीएमओ कार्यालय को पत्र सौपा है । ये सभी पत्र सम्बंधित परिवहनकर्ताओ ने नोटिस के जवाब के साथ प्रस्तुत किया है। जिसमें त्रुटि के कारणों का उल्लेख किया गया है ।
नम्बर प्लेट बदलने का कोई खेल नहीं
परिवहनकर्ताओं के अनुसार ऑनलाइन डाटा एंट्री में त्रुटि हुई है, ना कि मैनुअल किसी तरह की गड़बड़ी की गई है। वाहनों के नम्बर प्लेट बदलना जैसा कोई कृत्य नहीं किया गया है , क्योंकि समिति से धान के उठाव से लेकर संग्रहण केंद्र में अनलोड होने तक वाहन का रजिस्ट्रेशन नम्बर और ड्राइवर समेत का चार बार फोटो लेकर विभाग के सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाता है । जहां हर बार मात्रा का मिलान किया जाता है । ऐसी स्थिति हर बार हुए परिवहन की जांच सॉफ्टवेयर में दर्ज डाटा से किया जा सकता है।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से ‘छत्तीसगढ़’ को बताया डीएमओ और फूड विभाग की जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया गड़बड़ी पाए जाने पर अपराध दर्ज किया गया है। मामले के हर पहलू की जांच की जाएगी। जिसमें जिम्मेदारी तय करने के साथ आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं ट्रांसपोर्टर इंद्रजीत सिंह का कहना है कि रायपुर ट्रांसपोर्ट संघ की बैठक में आया हूँ , इस मामले के संबंध में मुझे कोई जानकारी नही है, इसलिए कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हूँ।