मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 9 दिसम्बर। संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में 8 दिसंबर को एक साथ एक ही दिन पनिका समाज के द्वारा 1 सूत्रीय मांग को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व सांसद के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में कहा गया कि वर्ष 1971 के पहले संविधान में पनिका जाति आदिवासी की श्रेणी में रही है और आज भी मध्यप्रदेश के 8 जिलों मे पनिका जाति आदिवासी श्रेणी में मान्यता प्राप्त है, लेकिन 8 दिसंबर 1971 को मध्यप्रदेश के 8 जिलों को छोडक़र अन्य राज्यों में पनिका जाति को आदिवासी श्रेणी से अलग कर दिया गया है। 1 सूत्रीय जायज मांग व अधिकार को पाने के लिए मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर पीएस धु्रव को मनेंद्रगढ़ पनिका समाज की ओर से 120 की संख्या में महिलाओं, पुरूषों और युवाओं ने एकता का परिचय देते हुए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान महिला प्रकोष्ठ से रूपलता पनिका, कविता पनिका, इंदु पनारिया, अरुणा, द्रोपदी, सुमरिया, जानकी, गौरी, मालती, रेखा, विमला, श्यामकली, रानू, रत्ना, राखी, सोनू, अनिता, ज्योति, मीना, राधा, माया और पुरूष प्रकोष्ठ से धर्मप्रकाश पनिका, रमेश कुमार, हेमलाल पनिका, जगदीश प्रसाद हेमंत पनिका, दीपक, राजा, सुमित, रोशन आदि सहित मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर, जनकपुर, खडग़वां, पसौरी, नागपुर, घुटरा, केलहरी से पनिका समाज के लोगों ने शामिल होकर अभियान को सफल बनाया।