मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
जिस आबकारी महकमे ने आंख बंद कर लायसेंस जारी किया उसे मिला जांच का जिम्मा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 25 दिसम्बर। कानून को ठेंगा दिखाकर सारे नियम-कायदों को दरकिनार कर 2 साल से भी अधिक समय तक धड़ल्ले से अवैध रूप से बार का संचालन होता रहा और जिन्हें इसकी सुध लेनी थी वे कुंभकर्णी निद्रा में लीन रहे। जब यह बात जग-जाहिर होने लगी कि संबंधित को बार का नहीं, बल्कि क्लब का लायसेंस प्राप्त है। इस पर आबकारी विभाग ने प्रतिष्ठान के बाहर लिखे बार शब्द को उखाडक़र खानापूर्ति कर ली है जबकि कायदे से क्लब की आड़ में अवैध रूप से संचालित हो रहे बार का लायसेंस रद्द किए जाने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, ग्रामीण विकास, साहित्य, समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण, स्वच्छता आदि जैसे आदर्श और पवित्र उद्देश्य के लिए पंजीकृत क्लब ग्रीन पार्क कोरिया सोसायटी के पंजीयत नाम का दुरूपयोग निजी लाभ की व्यवसायिक गतिविधि के तहत शराब विक्रय के लिए किया जा रहा है। सामाजिक उद्देश्यों के लिए शशिधर जायसवाल के पते वार्ड क्र. 21, अंबिकापुर रोड, कोरिया, मनेंद्रगढ़ पर समितियों के असिस्टेंट रजिस्ट्रार छग द्वारा क्लब ग्रीन पार्क कोरिया सोसायटी का पंजीयन क्र. 122202046054 पर 11 जून 2020 को किया गया है, जो कि पंजीयन हेतु प्रस्तुत सोसायटी के नियमावली से पुष्ट जानकारी है, लेकिन शशिधर जायसवाल के द्वारा सामाजिक उद्देश्यों के लिए आदर्श सोसायटी के क्लब ग्रीन पार्क के पंजीकृत नाम का दुरूपयोग शराब विक्रय की व्यवासायिक गतिविधि के लिए प्रावधानित, व्यवसायिक विनोद गृह में शराब विक्रय के लिए आबकारी विभाग के लायसेंस प्राप्त करने में किया गया है। एफएल-4(क) का लायसेंस व्यवसायिक विनोद गृह (कार्मिशियल मनोरंजन क्लब) अर्थात निजी लाभ के व्यापार के लिए चलाए जा रहे मनोरंजन स्थल में आवश्यक सुविधायुक्त सेवाओं से क्षेत्र के लोगों के मनोरंजन की सुविधायुक्त ऐसा स्थल जहां क्लब के सदस्यों एवं उनके आमंत्रित मेहमानों के लिए शराब परोसने की भी सुविधा रही, जिसे सार्वजनिक बार के रूप में संचालित नहीं किया जा सकता है, लेकिन निजी लाभ के व्यापार के लिए आदर्श सामाजिक उद्देश्यों के तहत गठित क्लब ग्रीन पार्क के पंजीकृत नाम की आड़ में खुले बार का संचालन एक गंभीर कानूनी, सामाजिक और नैतिक अपराध की श्रेणी का कृत्य है।
क्या है एफएल-4-(क) लायसेंस
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शराब का सेवन करने वालों के लिए एक क्लब सुविधा के अनुसार लायसेंस जारी किया गया है, जिसे एफएल-4(क) का नाम दिया गया है। उपरोक्त क्लब में क्लब सदस्य व उनके वास्तविक अतिथियों को यदि क्लब का सदस्य उनके साथ मौजूद है, तभी शराब पैग के रूप में क्रय कर उसका सेवन कर सकते हैं, जबकि क्लब में शराब को बंद बोतल में बेचना पूर्णत: प्रतिबंधित है। साथ ही उपरोक्त कार्य में सदस्यों को सर्वसुविधायुक्त टेबल टेनिस, तैराकी, पुल टेबल, टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराना जरूरी है।
इसके अलावा होटल के बाहर बार शब्द का उपयोग न कर केवल क्लब ही लिखा होना चाहिए। क्लब के सदस्य के अतिरिक्त कोई भी सदस्य शराब पीते पाए जाने पर आबकारी नियमानुसार 10 हजार रूपए जुर्माने का प्रावधान भी लागू है।
निर्धारित मापदंडों का कोई पालन नहीं
जिस स्थल पर क्लब ग्रीन पार्क का संचालन व्यवसायिक विनोद गृह (मनोरंजन गृह) के लायसेंस पर किया जा रहा है। उस स्थल पर लायसेंस की शर्तों के अनुरूप चेक लिस्ट के अनुसार मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद आबकारी उप निरीक्षक द्वारा झूठी चेक लिस्ट में सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता का प्रमाण पत्र जारी किया जाना भी धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का अपराध है। इस संबंध में लायसेंसधारक के द्वारा झूठा शपथ पत्र चेक लिस्ट के संबंध में दिया जाना भी अपराध है।
जिसने आंख बंद कर लायसेंस दिया, उसे जांच की जिम्मेदारी
क्लब के लिए भी जो निर्धारित मापदंड हैं उसे पूरा नहीं किया गया है, लेकिन आबकारी महकमा को इतनी फुर्सत नहीं कि वह इसका निरीक्षण करे।
एमसीबी कलेक्टर पीएस धु्रव का कहना है कि आबकारी से प्रतिवेदन मंगाया गया है। प्रतिवेदन आने के बाद उसका परीक्षण कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। वहीं पुलिस अधीक्षक टीआर कोशिमा भी आबकारी महकमे के प्रतिवेदन के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।