कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 18 जनवरी। जल संसाधन विभाग की जमीन बेचने के मामले मेें पुलिस ने तत्कालीन हल्का पटवारी, विक्रेता और गवाहों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। मामले में पुलिस धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों की खोज में जुटी है।
प्रार्थी ने मामले की शिकायत जल संसाधन विभाग, तहसीलदार बैकुंठपुर और चरचा थाने में की थी। लंबे समय बाद अब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
पुलिस की एफआईआर के अनुसार शिवपुर चरचा निवासी अली हसन ने तहसीलदार बैकुंठपुर, चरचा थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पिता स्व. हैदर अली मकान बनाने के लिए जमीन देखने बैकुंठपुर के मण्डलपारा गये थे। वहां पर पटवारी वन्दना कुजूर मिली, उसने हमारे द्वारा देखी गई जमीन को ठीक नहीं बताया और कहा कि मैं एक जमीन बता रही हूं उसे ले लिजिये बहुत ही अच्छी जगह पर जमीन है, तत्पश्चात पटवारी वन्दना कुजूर द्वारा खसरा नं 83/2 जमीन को दिखाया गया। मेरे पिताजी एवं मेरे द्वारा जमीन पसंद किए और पटवारी के द्वारा सभी रजिस्ट्री का दस्तावेज तैयार किया गया तथा रजिस्ट्ररी मेरे पिता स्व. हैदर अली के नाम कराया गया। जमीन की कीमत के रूप में पटवारी वंदना कुजूर द्वारा तीन लाख रुपए नगद तथा दो लाख तीन हजार रुपए का चेक गोविन्द दास के नाम पर लिया गया।
29 मई 2020 को जल संसाधन के अनुविभागीय अधिकारी गेज परियोजना द्वारा नोटिस दिया गया कि ख.नं 83/2 शासकीय भूमि है तत्काल अतिक्रमण को खाली करे, नोटिस मिलते ही मेरे पिता और मैं काफी परेशान हो गया और अपने साथ छल एवं धोखाधड़ी की शिकायत तहसीलदार बैकुंण्ठपुर, गेज परियोजना के अधिकारी और चरचा थाने में की शिकायत की गई, तहसीलदार बैकुंठपुर द्वारा की गई जांच में पटवारी वंदना कुजूर को निलंबित कर दिया गया है। इस सदमे से मेरे पिता मानसिक रूप से काफी परेशान हो गये थे, जिसके कारण उनकी हार्टअटैक से उनकी मृत्यु हो गई।
शिकायत पत्र की घटना स्थल ग्राम मण्डलपारा थाना बैकुण्ठपुर का होने से शिकायत पत्र जांच के लिए थाना चरचा से थाना बैकुण्ठपुर को प्राप्त होने पर शिकायत पत्र की जांच की गई।
जांच में पाया गया कि गोविन्द दास एवं हल्का पटवारी वंदना कुजूर के द्वारा एक राय होकर अपराधिक पडयंत्र करते हुये जल संसाधन विभाग की गेज परियोजना कि ग्राम मण्डलपारा में स्थित खसरा नंम्बर 83/2 में से रकबा 0.020 हे. भूमि को राजस्व अभिलेख में गोविन्द दास के नाम विलोपित नहीं होने एवं जल संसाधन विभाग का नाम अंतरित नही होने का लाभ उठाकर फर्जी चौहददी उपरोक्त भूमि का गोविन्द दास के नाम पर बनाकर यह जानते हुये कि वह भूमि गोविन्द दास का नहीं है।
फर्जी चौहद्दी को असली चौहद्दी के रूप में रजिस्ट्रार कार्यालय के रूप पेश कर हैदर अली निवासी चरचा के नाम रजिस्ट्री कर 5,03,000 रूपये की ठगी की गई है, जो धारा 420, 467,,468, 471, 120 बी तहत का अपराध घटित होना पाये जाने से पूर्व भूमि स्वामी गोविन्द दास, हल्का पटवारी वंदना कुजूर एवं रजिस्ट्री के गवाह देवेद्र प्रसाद मण्डलपारा तथा मो. इबरार कचहरीपारा बैकुण्ठपुर के विरूद्ध धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया।