धमतरी
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छत्तीसगढ़ में बढ़ता धर्मांतरण चिंता का विषय-सीएम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 22 मई। कुरूद में आयोजित शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन कथा दोपहर की जगह सुबह आठ बजे से प्रारंभ हुई, जिसमें शामिल होने लोग रात से ही पंडाल में पहुंचने लगे। बीते सात दिनों में यहां आस्था का सैलाब उमड़ा रहा। मुख्यमंत्री, मंत्री विधायक से लेकर लाखों श्रद्धालुओं ने भीषण गर्मी की परवाह किए बिना कथा का श्रवण किया।
इस कार्यक्रम की सफलता में मौसम का बड़ा योगदान रहा, पूरे सप्ताह आंधी तूफान और बारिश यहां से दूर रही। आयोजक श्रीधर परिवार के अलावा विधायक अजय चन्द्राकर के नेतृत्व में नगर एवं क्षेत्रवासियों ने पूरे मनोयोग से तन मन धन लगाकर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की सफलता में प्रशासन की भूमिका भी अहम रही, जिसके चलते कहीं कोई अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई।
मंगलवार को कथा सुनने कुरुद पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त कर कहा कि कुरूद में इतना बड़ा आयोजन हो रहा है। मैं इसके लिए कथावाचक प्रदीप मिश्रा एवं आयोजक श्रीधर शर्मा परिवार सहित उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इतने बड़े कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया है। सीएम साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि है यह ऋषि मुनियों की तपोस्थली भी है। भगवान श्री राम ने अपने चौदह साल के वनवास का अधिकांश समय हमारे छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में ही बिताए है।
यहां शिवरीनारायण स्थल है जहां शबरी माता के जूठे बेर प्रभू श्रीराम ने खाए थे। यहां के लोग शुरू से ही धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं, लेकिन पिछले सालों में यहां धर्मांतरण बढऩे लगा है, जिसको लेकर पहले माना जाता था कि अनपढ़ और गरीब लोग ही बहकावे में आकर ऐसा कदम उठा रहे हैं, लेकिन शिक्षित वर्ग भी अपना मूल धर्म संस्कृति छोड़ विदेशी धर्म अपनाने लगे हैं, जो चिंता का विषय है। सामने बैठे लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देख उत्साहित मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक पंडित मिश्रा जैसे संत और आप जैसे धर्मप्रिय लोग हैं तब तक यहां धर्मांतरण में लगे लोगों के मनसूबे कामयाब नहीं हो सकते।
व्यासपीठ से पं.मिश्रा ने प्रदेश में जारी जनहित के कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी कार्य सांय सांय हो रहे हैं। आप सभी भक्त शिव की भक्ति में पूरे भाव के साथ जुड़ जाओ तो आपके जीवन में भी प्रगति सांय सांय होगी।
इस हल्के फुल्के अंदाज में कथा की शुरुआत करने हुए कथाकार मिश्रा ने कहा कि शिव महापुराण की कथा कहती है कि आप भोलेबाबा की कभी परीक्षा मत लो,उन्हें एक लोटा जल चढ़ावो और प्रतीक्षा करो, आप पर शिव की कृपा जरुर होगी। वेदव्यास ने दुखों को मिटाने शिव महापुराण की रचना की है।
बुधवार को अंतिम दिन कथा के समय में परिवर्तन कर सुबह 8 से 11 बजे रखा गया। जिसकी वजह से लोग रात में ही कथा स्थल पहुंचने लगे। आज की कथा सुनाते हुए श्री मिश्रा ने बताया कि मृत्युलोक में जन्म लेने वाला अनाथ नहीं होता, ऐसे सभी का नाथ विश्वनाथन होता है, इसलिए हमें अनाथालय का नाम बदलकर विश्वनाथालय कर देना चाहिए। जिस प्रकार फ्रिज में रखी वस्तुएं कभी खराब नहीं होती वैसे ही शिव के संपर्क में रहने वाला व्यक्ति बुरा नहीं हो सकता।
अंत में श्रीधर परिवार की ओर से प्रकाश शर्मा ने कथावाचक, विधायक एवं इस आयोजन से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों का सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया। पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर ने इस बड़े आयोजन की सफलता में योगदान देने वाले कार्यकताओं, समाजसेवी संस्थाओं, दानदाताओं, स्वयंसेवकों एवं क्षेत्रवासियों एवं प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीधर परिवार और आप सभी को इस सफलता का श्रेय जाता है।