सरगुजा
![मीसा बंदी वह पीढ़ी है जो देश की दूसरी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी-सच्चिदानंद मीसा बंदी वह पीढ़ी है जो देश की दूसरी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी-सच्चिदानंद](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718289415-0016.jpg)
सम्मान निधि शुरू, लोकतंत्र सेनानियों में उत्साह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,13 जून। विष्णुदेव साय सरकार ने छत्तीसगढ़ के मीसा बंदियों को फिर से सम्मान निधि दिए जाने की घोषणा के बाद 5 वर्ष से बाकी सम्मान निधि को एक साथ दिया। मीसाबंदियों ने भाजपा सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भाजपा सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए आगामी 25-26 जून को राजधानी में अपने आवास पर ही पूरे मीसाबंदी परिवार को आमंत्रित कर सम्मानित करने के मुख्यमंत्री द्वारा निर्णय को लेकर प्रदेश के सभी मीसाबंदियों की ओर से सीएम साय को धन्यवाद दिया है।
गुरुवार को अंबिकापुर के विश्राम भवन में प्रेस वार्ता के दौरान श्री उपासने ने कहा कि भूपेश सरकार ने मीसा बंदियों की सम्मान निधि साल 2019 में बंद कर दी थी, जिसे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने दोबारा देने की घोषणा की, जिससे लोकतंत्र सेनानियों में नया उत्साह पैदा हुआ है।
सच्चिदानंद उपासने ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मीसाबंदियों के श्राप के कारण ही भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार का पतन हुआ है। पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने साल 2019 में मीसाबंदियों की पेंशन बंद कर दिया था, उसके बाद से लगातार मीसाबंदियों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार से पेंशन शुरू किए जाने की मांग कई बार की, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे दोबारा शुरू नहीं किया। छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही भाजपा ने मीसाबंदियों की पेंशन शुरू करने के संकेत दे दिए थे, इसकी विधिवत घोषणा भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने करते हुए 5 वर्ष की बाकी सम्मान निधि को एकमुश्त दिया, जिसका हम आभार जताते हैं।
उन्होंने कहा कि मीसा बंदी वह पीढ़ी है जो देश की दूसरी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। हम उन परिवार को संगठित करने का काम कर रहे हैं। इसके लिए वे प्रदेश में हर जगह जाकर लोगों से मिल रहे हैं।
उन्होंने इंदिरा गांधी के शासनकाल में देश में आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल की घोषणा कर सभी के अधिकारों की आजादी छीन ली गई थी। 25 जून की कालरात्रि को मीसा कानून लागू किया गया था, जिसके तहत 21 महीने तक कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल में यात्राएं दी गई। हम उस दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं। आज उस कालखंड को 49 वर्ष हो गए।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जिस पीढ़ी ने देश की दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ी उनके जीवन को शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष ललन प्रताप सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर, द्वारिका जयसवाल, हरमिंदर सिंह टिन्नी, संतोष दास सहित अन्य मौजूद थे।