धमतरी
![संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हर आदिवासी को कटिबद्ध रहना होगा-डॉ.धु्रव संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हर आदिवासी को कटिबद्ध रहना होगा-डॉ.धु्रव](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615903316_01.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 16 मार्च। आदिवासी धु्रव गोंड समाज तहसील नगरी का 65वां महासभा का आयोजन गत दिवस श्री बुढ़ा देव मंदिर कर्णेश्वर धाम देऊरपारा सिहावा में संपन्न हुआ।
इस आयोजन में सर्वप्रथम श्री बुढ़ा देव की पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात आदिवासी धु्रव समाज के पांचों वंश के देवी देवताओं तथा पांचो वंश का ध्वज स्थापित करके पूजा-अर्चना किया गया।
तत्पश्चात प्रथम दिन के मुख्य अतिथि आदिवासी धु्रव गोंड़ समाज समाज जिला धमतरी के अध्यक्ष शिवचरण नेताम ने धु्रव गोंड़ समाज के प्रतीक पचरंगी ध्वज का आरोहण किया तथा रात्रि में समाज हितैषी उद्बोधन, चिंतन प्रस्तुत किया गया।
इस आयोजन में गहन जांच पड़ताल तथा विचार मंथन कर जटील समाजिक प्रकरणों का निराकरण किया गया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि सिहावा नगरी के विधायक डॉ.लक्ष्मी धु्रव ने आदिवासियों की संस्कृति, इतिहास, परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हर आदिवासी को कटिबद्ध रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी अपनी संस्कृति व परंपरा के कारण ही जाने पहचाने जाते हैं। इसी के बदौलत ही हमें आरक्षण प्राप्त है। दूसरे जाति व धर्म का अनुकरण करने से आरक्षण के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है।
उन्होंने लड़कियों की प्रशंसा करते हुए कहा की आज लडिक़यां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं लेकिन लडक़े पिछड़ते जा रहे हैं। मोबाईल का अनावश्यक उपयोग, बेवजह घुमना फिरना तथा मद्यपान का लत इसका कारण हो सकता है। इन सब बुराईयों को त्यागने से मुकाम हासिल किया जा सकता है।इस इस अवसर पर प्रतिभा सम्मान के तहत समाज के 10 वीं एवं 12वीं बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान गया। साथ ही नगरी निवासी कु.लक्ष्मी धु्रव पिता संतोष धु्रव(छेदैहा)का चयन सेना में होने तथा सिरसिदा निवासी कु.यशस्वी धु्रव पिता माखनलाल धु्रव को राज्यस्तर के स्कुली क्रिकेट टुर्नामेंट में नेत्रित्व करने पर प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। दिखावे व फिजुल खर्ची से बचने के लिए दो जोड़ों ने आदर्श विवाह का प्रस्ताव रखा। जिसे उपस्थित समाजिक जनों ने सम्पन्न कराया।
महासभा में समाजिक नियमावली के तहत प्रत्येक समाजिक कार्यक्रम को गोड़ी रीति नीति के तहत सम्पन्न करने,पंगत में बफर सिस्टम बंद कर बैठाकर भोजन करवाने,शराब वितरण न करने, छ_ी तथा विवाह में कपड़ों की जगह पैसे भेंट करने के नियम को कड़ाई से पालन करवाने का निर्णय लिया गया। महासभा के उत्तम व्यवस्था की पुरी जिम्मेदारी युवा प्रकोष्ठ को दी गई थी। इस अवसर पर सभी 17 क्षेत्रों के प्रस्ताव पंजी का अंकेक्षक द्वारा ऑडिट किया गया। ब्याज मद की वितरित सभी राशि संबंधितों ने जमा की। अनेक समाजिक जनों ने समाज के हित में अलग अलग विषयों पर अपना प्रेरक उद्बोधन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन हुलास सुर्याकर ने किया तथा आभार प्रदर्शन कर्मचारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुरेंद्र धु्रव ने किया।
आदिवासी धु्रव गोंड समाज तहसील नगरी के अध्यक्ष छेद प्रसाद कौशिल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में आदिवासी धु्रव गोंड समाज तहसील धमतरी के अध्यक्ष जयपाल धु्रव, मगरलोड तहसील के अध्यक्ष माधव ठाकुर कुरूद तहसील अध्यक्ष भुपेंद्र धु्रव, जनपद पंचायत नगरी की अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम, जनपद सदस्य लक्ष्मी सुरेन्द धु्रव, यामिनी धु्रव, रेणुका धु्रव के अलावा तुलारा ओटी,धनसिंह नेताम, गजरु राम मरकाम, लोकेश मरकाम महासचिव नरेश छेदैहा, कोषाध्यक्ष भावत राम धु्रव सह सचिव सुरेश धु्रव, वित्त सचिव माखन ध्रुव, अंकेक्षक टीकम गंगेश, मीडिया प्रभारी सुरेंद्रराज धु्रव महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष बुधयारिन धु्रव, लखन लाल धु्रव, कैलाश प्रजापति, अय्युब खान, राजेन्द्र ठाकुर, परसादी राम चंद्रवंशी, मधुलाल सुर्याकर, टेश्वर धु्रव, शशि धु्रव, बुधन्तीन नेताम, प्रेमलता नागवंशी, युवा प्रकोष्ठक्ष अध्यक्ष महेन्द्र कुमार नेताम, उपक्षेत्रीय अध्यक्ष गण हेमंत सलाम, अवध राम मरकाम, चिंता राम धु्रव, कृष्ण कुमार मंडावी, सुरेंद्र सोरी, अमोल धु्रव, नारद धु्रव, चमरु राम धु्रव, अमर सिंह धु्रव, सीता राम नेताम, राम स्वरुप सामरथ, पालसिंह मरकाम, ईश्वर धु्रव, संत नेताम, नरसिंह मरकाम, पुरन नेताम, चंद्रभान मरकाम,नूतन कुंजाम, संतोष गंगेश, अशोक धु्रव पार्षद जितेन्द्र धु्रव, टिकेश्वर धु्रव, प्रफुल्ल अमतिया आदि उपस्थित थे।