धमतरी
![राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा, रथ निकालकर प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा, रथ निकालकर प्रचार-प्रसार](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615984980_2.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 17 मार्च। शासन के निर्देशानुसार एवं एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग धमतरी के पर्यवेक्षक उषाकिरण चन्द्राकर के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा के तहत ग्राम मुजगहन (धमतरी) में गढ़बो सुपोषित छत्तीसगढ़ पोषण पखवाड़ा रथ का स्वागत ग्राम पंचायत सरपंच चन्द्रशेखर साहू ने किया।
आंगनबाड़ी केन्द्र के समीप रंगमंच में आयोजित पोषण पखवाड़ा में ग्रामीण को सुपोषण की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। जागरूकता के लिए यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण है। शासन द्वारा निहित की गई आयोजन की खुले मन से सराहना की गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कविता धु्रव ने उपस्थित ग्रामीण महिलाओं को पोषण के पांच सूत्र की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि-पहले सुनहरे 1000 दिनों में तेजी से बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास होने की जानकारी, गर्भावस्था के दौरान तथा जन्म से 2 वर्ष की अवधि में शामिल होने की जानकारी के साथ उचित स्वास्थ्य पर्याप्त पोषण मुक्त माहौल तथा सही देखभाल बच्चे का पूरा विकास करने में मदद करते हैं।
इस समय मां और बच्चे को सही पोषण और खास देखभाल की जरूरत होती है। पौष्टिक आहार के संबंध में बताया कि सभी उम्र केलोगों के साथ-साथ बच्चे को छ: माह के होने तक पर्याप्त मात्रा में तरह-तरह का आहार अवश्य खिलाने चाहिए। रोटी, चांवल और साथ ही पीले व काले रंग की दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, मेथी, चैलाई और सरसों, पीले फल आम व पपीता का जरूर सेवन करें। मांसाहारी है तो अण्डा, मांस और मछली खायें। खाने में दूध, दूध से बने पदार्थ और अखरोट लें। आंगनबाड़ी से मिलने वाले पोषण आहार अवश्य खाना चाहिए।
बच्चा छ: महीना का हो जाये तो मां के दूध के साथ घर का बना मसला और गाढ़ा उपरी आहार भी शुरू करना चाहिए। कद्दू, लौकी, गाजर, पालक तथा दाल और यदि मांसाहारी है तो अण्डा, मांस व मछली भी देने चाहिए। बच्चे के खाने में ऊपर से एक चम्मच घी, तेल या मक्खन मिलाना चाहिए। बच्चे के खाने मे नमक, चीनी और मसाला कम डालना चाहिए। बच्चे को बाजार का बिस्किट, चिप्स, मिठाई, नमकीन और जूस जैसी चीजें न खिलाए इससे बच्चे को सही पोषक तत्व नहीं मिल पाता।
एनीमिया की रोकथाम के लिए आयरन युक्त आहार दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मेथी, सरसों, फल, दूध, दही, पनीर का सेवन करना चाहिए। भोजन में नींबू, आंवला, अमरूद जैसे खट्टे फल को शामिल करना चाहिए जो आयरन के अवशोषण में मदद करें। 05 से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में दो बार 1 मिलीलीटर आई.एफ.ए. सीरप देने चाहिए। 05 से 09 वर्ष के उम्र में आई.एफ.ए. की एक पिंक गोली खानी चाहिए। 10 से 19 वर्ष तक की उम्र में सप्ताह में एक बार आई.एफ.ए. की एक नीली गोली खानी चाहिए। गर्भवती महिला को गर्भावस्था के चैथे महीने से रोजाना 180 दिन तक आई.एफ.ए. की एक लाल गोली खाना चाहिए।
जन्म के तुरंत बाद बच्चे की गर्भनाल तीन मिनट बाद ही कांटना चाहिए। इससे नवजात बच्चे के खून में आयरन की मात्रा बनी रहती हैै।
सभी उम्र के लोगों को एनीमिया की जांच आवश्यक है ताकि व्यक्ति की हीमोग्लोबिन के स्तर के अनुसार उसका उपयुक्त ईलाज किया जा सके। डायरिया के संबंध में बताया कि व्यक्तिगत साफ सफाई, आहार की स्वच्छता, घर की सफाई का ध्यान रखे और डायरिया से बचाव के लिए स्वच्छ पानी पिये। माताएं छ: माह तक बच्चे को केवल स्तनपान ही करवाएं। कोई और खाद्य पदार्थ यहां तक पानी भी नहीं देना चाहिए वह भी बच्चें में डायरिया बन सकता है। डायरिया होने पर भी मां को स्तनपान नहीं रोकना चाहिए। बल्कि बार-बार स्तनपान करवाना चाहिए। स्वच्छता और सफाई के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई जिसमें हमेशा साफ बर्तन में ढंककर रखा हुआ पानी पीना चाहिए। बर्तन को ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए। खाना बनाने शौच के बाद स्तनपान से पहले और बच्चे के मल के निपटान के बाद साबुन और पानी से अवश्य हाथ धोना चाहिए। किशोरी बालिकाओं को माहवारी के दारौन व्यक्तिगत साफ-सफाई पर को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात गढ़बो सुपोषित छत्तीसगढ़ पोषण पखवाड़ा रथ को मुजगहन की गलियों में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए भ्रमण कराकर आमदी नगर पंचायत की ओर रवाना किया गया।
राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा एवं गढ़बो सुपोषित छत्तीसगढ़ पोषण पखवाड़ा रथ आयोजन में मुख्य रूप से पंच डोमार सिंह नाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंजू गंगबेर, कुमारी गौरीशा यादव, दिनेश्वरी सिन्हा, पुष्पा जाधव, मीनाक्षी साहू, सरिता धु्रव, कुशलता, चुनेश्वरी, गंगा बाई, गीता बाई, ललिता महाडिक़, लोकेश्वरी, रूखमणी, ललेश्वरी, सुमित्रा, सुलोचना, तामेश्वरी, परमा बाई, प्रेमीन संत बाई, देवकी बाई, पुनोतिन बाई, रीना, महेश्वरी, टिकेश्वरी एवं अन्य ग्रामीण जन पुनीत राम, अरविंद, बोधीराम, असंत कुमार, मुकुंद, विकास सेन, अवध राम उपस्थित थे।