धमतरी
![धमतरी के सेमरा में भी हफ्ते भर पहले मन गई होली धमतरी के सेमरा में भी हफ्ते भर पहले मन गई होली](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1616495449oli-1.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 23 मार्च। धमतरी जिले के सेमरा (सी)में होली पर्व सात दिन पहले ही मना लिया जाता है। मान्यता है कि समय पर पर्व मनाने से गांव पर विपदा आन पड़ती है।
होली फाल्गुन अमावस्या को मनाई जाती है, जो कि इस साल 29 मार्च को है, लेकिन धमतरी के सेमरा गांव में 22 मार्च को ही रंगोत्सव मना लिया गया। यह पहली बार नहीं बल्कि हर साल ऐसा ही होता है।
लोग बताते हैं कि ये सदियों से चली आ रही परम्परा है। होली से सात दिन पहले इस गांव में हर तरफ रंग गुलाल, नगाड़े और पिचकारी दिखाई देती हैं। छत्तीसगढ़ी फाग गीतों को गाते, नगाड़ा बजाते झूमते हुए ग्रामीण देखने को मिलते हैं, तो गलियों में बच्चे रंग खेलते नाचते हुए उत्सव मनाते हैं। सेमरा की होली में ग्रामीणों के रिश्तेदार भी दूसरे गांवों से आते हैं और होली के उत्सव में शामिल होते हैं।
सभी त्यौहार सात दिन पहले मनाए जाते हैं
मात्र होली ही नहीं बल्कि सभी त्यौहार यहां समय से सात दिन पहले ही मना लिये जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके बुजुर्गों से सुनी हुई किंवदंती है कि काफी पहले गांव में महामारी आई थी। बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई थी, तब गांव के मुखिया के सपने में गांव के आराध्य सिदार देवता ने दर्शन देते हुए कहा कि आज के बाद सारे त्यौहार सात दिन पहले मनाना। हर त्यौहार में गांव के सिदार देवता की पहले पूजा करना, अगर ऐसा नहीं किया तो फिर से महामारी या कोई दूसरा संकट आएगा। बस तभी से ये परंपरा शुरू हो गई। गांव के बीचों बीच बने सिदार देवता के मंदिर में पूजा पाठ के बाद यहां कोई भी पर्व या शुभ काम शुरू किया जाता है।
यह बात कितनी सच है या फिर कितनी काल्पनिक है इसकी परवाह किये बिना गांव की नई पीढ़ी भी अपने पूर्वजों की बनाई परिपाटी को न सिर्फ स्वीकार करती है बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी आगे भी बढ़ाते चली आ रही है।