दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 24 मार्च। दंतेवाड़ा में लोक निर्माण विभाग द्वारा किरंदुल से दंतेवाड़ा सडक़ का नवीनीकरण कार्य कराया जा रहा है। इसकी लागत करीब 100 करोड़ रुपये है। उक्त सडक़ जिलेवासियों हेतु गले की हड्डी बन गई है। इस सडक़ के निर्माण के 1 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी एक चौथाई फीसदी कार्य नहीं हो सका।
इसी कड़ी में सातधार से दंतेवाड़ा तक नवीन पुल- पुलियों का निर्माण भी संभव नहीं हो सका। पातररास से दंतेवाड़ा तक दो पुलों का निर्माण आज पर्यंत अपूर्ण है। इसके फलस्वरुप जिला मुख्यालय आने वाले वाहनों को धूल के गुबार का सामना करना पड़ता है। स्थिति यह है कि दो पहिया वाहन चालक धूल के गुबार से सराबोर हो जाते हैं।
चार पहिया वाहनों ने बदला रास्ता
प्रदेश में यह सडक़ एकमात्र ऐसी सडक़ है, जो चार पहिया वाहनों के लिए अघोषित रूप से बंद हो चुकी है। अधिकांश चार पहिया वाहनों का आवागमन नकुलनार और पालनार के मार्ग से हो रहा है। किरंदुल से जाने वाले चार पहिया वाहन पालन से होकर नकुलनार के रास्ते आगे का मार्ग तय करते हैं, वहीं बचेली से होकर जाने वाले वाहन नकुलनार होकर अपनी-अपनी यात्रा आगे बढ़ाते हैं। इसकी मुख्य वजह किरंदुल से बचेली तक सडक़ की जर्जर स्थिति होना है। सडक़ जर्जर होने की वजह से सडक़ के आसपास निवास करने वाले नागरिकों को बड़ी समस्या होती है।
इस सडक़ के निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा धीमी गति से कार्य किया जा रहा था। इसके फलस्वरुप आलोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त निविदा को निरस्त कर दिया गया। जिससे निर्माणकर्ता द्वारा अपनी नाकामी छुपाने हेतु न्यायालय की शरण ली गई। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में लंबित है। वही नये सिरे से निविदा प्रक्रिया खुल पाने के अभाव में सडक़ निर्माण कार्य थमा हुआ है।
निविदा नहीं खुली- ईई
इस विषय में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता शिवलाल ठाकुर ने बताया कि पुराने ठेकेदार का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है वहीं नए सिरे से निविदा प्रक्रिया नहीं खुल सकी है।