दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 10 अप्रैल। लोकसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ नागरिकों हेतु घर से मतदान की अभिनव पहल वरदान साबित हो रही है। इससे मतदान की दर में बढ़ोतरी होगी।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांगजन एवं 85 वर्ष से अधिक बुजुर्ग मतदाताओं से मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टियां उनके घर पहुंचीं तो मतदाताओं के चेहरे खिल गए। शारीरिक शिथिलता और दिव्यांगता की वजह से मतदान न कर पाने का उनका मलाल दूर हो गया। सभी ने निर्वाचन आयोग की इस व्यवस्था पर खुशी जताई।
इस कड़ी भांसी ग्राम के गुमापारा निवासी दिव्यांग मतदाता सोनू तेलम द्वारा मंगलवार को घर से मतदान किया गया। सोनू ने पोस्टल बैलेट से वोट डालकर कहा कि चलने-फिरने में परेशानी की वजह से वह वोट डालने नहीं जा पाता था। परन्तु इस बार नई व्यवस्था से पोलिंग पार्टी मेरे घर पहुंची और वोट डालकर बहुत खुशी हुई। अब मैं अपने मत के अधिकार से वंचित नही रहुगा। इस संबंध में सोनू के परिवारजन बताया कि सोनू बचपन से ही पोलियोग्रस्त है, और अभी उसकी उम्र 19 वर्ष है हालांकि उसका दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाया जा चुका है।
इस श्रेणी के लोगों के घर जब पोलिंग टीम पहुंचती है तो पहले तो लोग कुछ समझ नहीं पाते है और जब पोलिंग पार्टी अपने आने का कारण बताती है तो वे उत्साह के साथ घर के वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाता सदस्यों का मतदान कराने में मदद करते है। इसके साथ यह भी कहना है कि निर्वाचन आयोग की इस संवेदनशील पहल से वृद्धजन और दिव्यांगों को घर बैठे मतदान की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बहराल उन्हें मतदान के लिए मतदान केंद्र जाने और कताबद्ध होने की समस्या से मुक्ति मिल गई। इस क्रम में शाम पांच बजे तक चलित मतदान टीमों ने अपने-अपने क्षेत्र में मतदान कराया।
इस प्रकार कुल मिलाकर दिव्यांग और वयोवृद्ध मतदाता द्वारा इस प्रकार घर बैठे उत्साहपूर्वक मतदान किया जाना अन्य मतदाताओं के लिए प्रेरणा है।