महासमुन्द
![तेलंगाना में छत्तीसगढ़ के दो मजदूर दम्पत्ति बच्चों समेत बंधक तेलंगाना में छत्तीसगढ़ के दो मजदूर दम्पत्ति बच्चों समेत बंधक](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718199429-221.jpg)
परिवार ने लगाई कलेक्टर-एसपी से गुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 12 जून। महासमुंद जिले के सुखीपाली के दो मजदूर दम्पत्ति को उनके 3 बच्चों के साथ बंधक बनाने की जानकारी मिली है। वर्तमान में सभी चारों मजदूर अपने बच्चों की देखरेख के साथ मजदूरी कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। बंधक मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त कराने के लिए वृद्ध परिजन पिथौरा पुलिस से लेकर कलेक्टर और एसपी तक गुहार लगा रहे हैं।
ग्राम सुखीपाली, तहसील पिथौरा जिला-महासमुंद छ.ग. के निवासी विजय कुमार बरिहा अपने परिवार एवं अपने बहनोई के परिवार के साथ ईंट भ_े में अधिक मजदूरी कमाने विगत वर्ष तिरुपति गए थे। वहां इनकी मुलाकात ओडिशा के एक मजदूर दलाल जगदीश नाईक से हुई।
जगदीश ने इन मजदूरों को अधिक मजदूरी देने का लालच देकर इन्हें तेलंगाना के ईंट भ_ा संचालक नागराज भथुला निवासी ग्राम मामीडायला थाना त्रिमालगिरी जिला- सिरियासेठ (तेलंगना) ले जाकर काम में लगा दिया। जल्दी घर वापसी के लिए ये मजदूर दिन रात मेहनत कर कोई ढाई लाख ईंट बना लिये। जिसकी तय मजदूरी कोई ढाई लाख रुपये होती है।
घर वापसी के लिए से मजदूर कोई माह भर से भ_ा संचालक से मिन्नतें कर रहे हैं कि उनका हिसाब करे जिससे वे अपने घर जा सके। परन्तु भ_ा संचालक द्वारा कांटाबांजी ओडिशा के दलाल से रुपये लेने की बात कर रहा है और उन्हें उनकी बनाई ईंटो को बिक्री के बाद वाहन से पहुंचाने का काम सौंपा गया है। जिसके एक वाहन के 250 रुपये दिए जा रहे हैं, जो कि तीन बच्चों की परवरिश के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं।
फंसे मजदूरों के नाम
बंधक मजदूरों में इनका मुखिया विजय कुमार बरिहा(32) सुमीदा बरिहा(30), गणेश राम बरिहा (30) सुमित्रा(30) के अलावा तीन बच्चे दीपांशु (3), योगेश (2) ,एवम तमन्ना (1) वर्ष शामिल हैं।
उक्त संबंध में तेलंगाना में भ_ा में रहने के लिए मजबूर युवक विजय कुमार बरिहा ने ‘छत्तीसगढ़’ से मोबाइल पर चर्चा करते हुए बताया कि वे प्रतिवर्ष की तरह मानसून के पूर्व वे अपने गांव सुखीपाली वापस लौटना चाहते हैं, ताकि कृषि कार्य को पूरा कर सके।परन्तु संबंधित मुंशी जगदीश नाईक कांटाबांजी ओडिशा के द्वारा उन्हें ठेकेदार तक पहुंचाया गया था। विजय के अनुसार अभी वहां उनका अपना कोई नहीं है। वे मानसून के पहले घर आना चाहते थे, परन्तु भ_ा संचालक एवं दलाल के चंगुल में फंस के आंसू बहा रहे हैं।
विजय के वृद्ध पिता फूल सिंह बरिहा एवं माता मथुरा बाई पुत्र एवं दामाद के साथ बच्चों के भी तेलंगाना में फंसे होने की खबर से परेशान हंै। इस वृद्ध दम्पति के आंसू नहीं रूक रहे हंै। ये परिवार पिथौरा पुलिस, श्रम अधिकारी पुलिस अधीक्षक से लेकर कलेक्टर तक घटना की जांच करवा कर उनके परिवार वालों को वापस घर लाने की गुहार लगा रहा है।