महासमुन्द
![भू-स्वामी हक की जमीन नहीं, हाइवे की जमीन पर उगे पेड़ों को काटा गया भू-स्वामी हक की जमीन नहीं, हाइवे की जमीन पर उगे पेड़ों को काटा गया](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718269018MG-20240608-WA0139.jpg)
जांच में खुलासा, एसडीएम को सौंपी रिपोर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,13 जून। पेड़ काटे जाने की अनुमति के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। मामले में पेट्रोल पंप संचालक द्वारा अपने भू स्वामी हक की जमीन की बजाय शासकीय मद में दर्ज राष्ट्रीय राजमार्ग की जमीन पर उगे पेड़ों को काटा गया है। राजस्व विभाग के जमीनी अमले द्वारा इसका जांच प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम को सौंप दिया गया है।
जांच में पाया गया कि काटे गए पेड़ राष्ट्रीय राजमार्ग के खसरा क्रमांक 2460 में स्थित है, जिसका रकबा 4.38 हेक्टेयर है। काटे गए पेड़ों की स्थिति खसरा और 4 हरे-भरे पेड़ों के ठूंठ मिले हैं। अन्य के लिए गूगल की मदद लेने की जानकारी मिल रही है। वर्तमान में रकबा क्रमांक के अलावा गूगल मैप में चिन्हांकित कर एसडीएम को सौंप दी गई है।
गौरतलब है कि पेट्रोल पंप निर्माणी की जमीन राजमार्ग क्रमांक 353 में खसरा क्रमांक 2460 से लगकर स्थित है, जिसमें पेट्रोल पंप का निर्माण किया जा रहा है। प्रस्तावित पेट्रोल पंप में आवाजाही बाधित होने की आशंका के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनुमति लिए बिना ही पेड़ों को काटकर पर्यावरण को हानि पहुंचाई गई है।
विभाग को मामले की जांच के दौरान ग्रामीणों से पता चला है कि पेट्रोल पंप निर्माणी काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के तहत 20 पौधे रोपित किए जाने की कही गई है। वहीं ग्रामीणों ने सोमवार को भी इस बात को दोहराया है कि जिन हरे भरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है, वहां क्षतिपूर्ति के तहत लगाए गए पेड़ों के बड़े होने तक पेट्रोल पंप संचालन की अनुमति न दी जाए।