महासमुन्द
गैस में खाना बनाने से धुंआ रहित वातावरण में पढ़ रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 15 जून। जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में भीषण गर्मी में भी बच्चे आनंद और शुकून के साथ पढ़ रहे हंै। एक ओर सुखद वातावरण मिलने से जहां बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है। वहीं कूलर और पंखे की व्यवस्था से आंगनबाड़ी केन्द्रों में भीषण गर्मी से निजात मिली है।
कलेक्टर प्रभात मलिक की पहल से जिले के सभी 1789 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। यहां सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कूलर और पंखे की व्यवस्था की गई है। इनकी व्यवस्था से बच्चों की उपस्थिति में सुधार देखा जा रहा है। वहीं सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में धुंआ से मुक्ति के लिए गैस सिलेण्डर उपलब्ध कराया गया है।
इस व्यवस्था से आंगनबाड़ी में पढऩे वाले बच्चों के पालक भी खुश नजर आ रहे हैं। महासमुंद के सुशील सैम्युअल वार्ड में संचालित आंगनबाड़ी में पढऩे वाली सिद्धी देवार की मां लिलिमा देवार ने कहा कि इस साल आंगनबाड़ी में कूलर के लगने से हमारे बच्चे नियमित रूप से आंगनबाड़ी जा रहे हैं। पिछले वर्ष गर्मी में वे आंगनबाड़ी जाने से आनाकानी करती थी। लेकिन इस वर्ष वह खुशी-खुशी आंगनबाड़ी जाती है।
इसी तरह नयापारा वार्ड नम्बर 11 स्थित आंगनबाड़ी में पढऩे वाले सौरभ धीवर के पिता विष्णु धीवर ने बताया कि इस वर्ष गर्मी थोड़ा अधिक पडऩे से हम लोग चिंतित थे लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र में इस वर्ष कूलर लगने से बच्चों को लू लगने की आशंका नहीं रही। इसलिए हम लोग निश्चिंत होकर बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र नियमित तौर पर भेज रहे हैं।
ज्ञात हो कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति,स्वास्थ्य और पोषण के लिए शासन द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। कुपोषण को सामुदायिक आधारित प्रबंधन के माध्यम से निजात पाने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य और पोषण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य और मितानिनों का नियमित बैठक लेकर विस्तृत समीक्षा की जाती है। बच्चों को पौष्टिकता से भरपूर गर्म भोजन दिया जाता है। सुपोषण अभियान के तहत मोरिंगा और रागी से निर्मित चिकीबार भी दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को पूरक पोषण आहार के रूप में रेडी टू ईट भी दिया जाता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडेय ने बताया कि इस वर्ष एनीमिया से पीडि़त 400 किशोरी बालिकाओं को सामान्य स्थिति में लाया गया है। जिले में 2023.24 में मनरेगा अभिसरण से कुल 46 नवीन आंगनबाड़ी का निर्माण स्वीकृत किया गया है।
अभी जिले में अब स्वयं के भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या 1699 हो गई है। इस वर्ष 91 नए केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं कुपोषित बच्चों के लिए पिथौरा में पोषण पुनर्वास केन्द्र भी प्रारम्भ किए गए हैं।