महासमुन्द
![बलौदाबाजार हिंसा असामाजिक तत्वों की करतूत, निर्दोषों को गिरफ्तार कर प्रताडि़त किया जा रहा बलौदाबाजार हिंसा असामाजिक तत्वों की करतूत, निर्दोषों को गिरफ्तार कर प्रताडि़त किया जा रहा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718547356hoto_3.jpg)
सतनामी समाज की महिलाओं ने पुलिस पर लगाया आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 16 जून। सतनामी समाज की महिलाओं ने बलौदाबाजार में घटित घटना को लेकर कल प्रेसक्लब में एक वार्ता आयोजित कर कहा कि सतनामी समाज बलौदाबाजार घटना की निंदा करता है। उनका मानना है कि कलेक्टरेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में की गई तोडफ़ोड़ व आगजनी की घटना सतनामी समाज ही नहीं बल्कि पूरे मनाव समाज के लिए चिंताजनक है। किंतु पुलिस प्रशासन अब ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार कर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त कर रहा है जो उस दिन के प्रदर्शन में शामिल नहीं थे।
इन महिलाओं का मानना है कि उग्र प्रदर्शन आगजनी व तोडफ़ोड़ की घटना हुई है, लेकिन यह घटना सतनामी समाज के लोगों द्वारा नहीं की गई है। बल्कि आंदोलन की आड़ में घुस आए असामाजिक तत्वों द्वारा की गई है। ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें लेकिन निर्दोष सामाजिक पदाधिकारियों के खिलाफ जबरिया कार्रवाई न करे। जिस तरह से पुलिस द्वारा गांवों में घूम-घूमकर धरपकड़ जारी है, उससे समाज की छवि खराब होने के साथ ही समाज में भय का वातावरण निर्मित हो रहा है।
समाज की महिलाओं ने इस कार्रवाई को शीघ्र रोके जाने की मांग प्रशासन से की है। जिले के ग्राम बोहारडीह, झारा व महासमुंद के सतनामी समाज महिला प्रकोष्ठ की रीतुरानी बांधे, चंद्रकला जांगड़े, गुंजन मन्नाडे, अमृता डहरिया, पार्वती, हितेश आवड़े, संतोष टंडन, कांती मन्नाडे, मालती मन्नाडे, द्रोपती लहरे, रूखमणी निराला आदि ने मांग करते हुए कहा है कि निर्दोष पदाधिकारियों को रिहा किया जाए।
उनका कहना था कि जैैतखंभ तोडऩे से समाज की भावना आहत हुई और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। जिस पर पुलिस ने बिहार से आए तीन मजदूरों की गिरफ्तारी की। लेकिन समात उनकी गिरफ्तारी से संतुष्ट नहीं हैं और उच्चस्तरीय सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। गिरौदपुरी में भी समाज के लोगों ने 7 जून को जिला स्तर पर शांतिपूर्ण रूप से ज्ञापन उच्च स्तरीय जांच या सीबीआई जांच की मांग की थी। शासन स्तर पर कोई लिखित निर्णय नहीं लिए जाने के बाद प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन के माध्यम से ज्ञापन सौंपने के लिए प्रत्येक जिले से हजारों की संख्या में बलौदाबाजार के मैदान में एकत्र हुए थे।
उक्त सभा में समाज के लोगों के साथ ही आमलोग और अन्य सामाजिक संगठन तथा सभी पार्टी से संबंध रखने वाले लोग शामिल हुए थे। आंदोलन को प्रदेश व ब्लाक के किसी भी मुखिया ने नेतृत्व नहीं किया था बल्कि स्वस्फूर्त होकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन का आह्वान किया गया था। इस बीच कई लोग मंच पर आते जाते रहे। कुछ देर तक बैठकर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया। और कुछ असामाजिक तत्वों ने भीड़ को उकसाकर तोड़ फोड़ आगजनी को अंजाम देने लगे। इस बात को धरना प्रदर्शन में शामिल निर्दोष लोग समझ नहीं पाए।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उक्त घटना में बाहरी लोगों के हाथ होने का अंदेशा है। जिसकी विशेष जांच कर पर्दाफ ाश किया जाना चाहिए।