बेमेतरा
![लोगों को पानी के लिए करनी पड़ रही मशक्कत लोगों को पानी के लिए करनी पड़ रही मशक्कत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720774370205.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 जुलाई। शहर के लगभग सभी वार्डों में जलसंकट गहराने लगा है। आलम यह है कि वार्डों में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है। शहरवासी गर्मी की शुरुआत में पानी के लिए तरस रहे हैं। मीठे पानी की योजना पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। बावजूद शहर वासियों को मीठा पानी नहीं मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार पीएचई विभाग ने मीठे पानी की योजना को क्रियान्वन के लिए नगर पालिका को हैंडओवर करने की बात कही है, लेकिन नगर पालिका इंकार कर रहा है। फिर भी योजना का संचालन नगर पालिका के द्वारा किया जा रहा है।
शहरवासियों ने बताया जिस जगह पर नल चल रहा है। वहां पर लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर है। घरों तक पानी पहुंचाने में काफी समस्या होती है। परिवार को सुबह और शाम में पानी भरने को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है। पार्षद नीतू कोठारी ने बताया कि शहर में पानी की सप्लाई के लिए 10 वॉटर टैंकर की जरूरत है, लेकिन नगर पालिका के पास सिर्फ पांच वॉटर टैंकर हैं। नतीजतन एक स्थान पर आधा घंटा टैंकर खड़ा करने के बाद दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है।
मोहभ_ा वार्ड निवासी राज वर्मा ने बताया कि उसके घर के सामने दो माह पूर्व पावर पंप से मोटर को मरमत के लिए निकाला गया, जो अब तक मरमत नहीं होने के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस संबंध में पार्षद धर्म वर्मा से कई बार आग्रह किया गया है। पार्षद धर्म वर्मा ने बताया कि मोटर की मरमत के लिए कई बार नगर पालिका में मुख्य नगर पालिका अधिकारी से संपर्क किया गया, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। ऐसी ऐसी स्थिति में वार्डवासियों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
शहरी जल आवर्धन योजना पर 25 करोड रुपए खर्च होने के बावजूद शहरवासियों को मीठा पानी नहीं मिल रहा है। इस संबंध में संबंधित नगर पालिका व पीएचई विभाग मामला एक दूसरे पर डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं। योजना की शुरुआत से लेकर 10 साल तक कई वार्ड में पाइप लाइन का विस्तार नहीं हुआ हैं। मीठे पानी की योजना से सही तरीके से शहरवासियों को जलापूर्ति होने की स्थिति में हर माह वाटर पंप के संचालन में आ रहे हैं, लाखों रुपए बिजली बिल की बचत होगी
शहर के लोगों को जलापूर्ति के लिए ढाई सौ पावर पंप है। वाटर लेवल गिरने के कारण पावर पंप जवाब देने लगे हैं। मानसून में विलंब होने के कारण शहर में करीब 12 दिनों से पानी नहीं गिरा है। पावर पंपों से पानी आपूर्ति में बाधा आ रही है। लगातार वाटर लेवल गिरता जा रहा है। समस्या के निराकरण के लिए आमजनों का पालिका अधिकारी को फोन लगाने पर कॉल रिसीव नहीं करते।
पानी आपूर्ति के समय में एक घंटे की कटौती
जानकारी के अनुसार वाटर लेवल गिरने के बाद से नगर पालिका प्रशासन की ओर से पानी आपूर्ति के समय सीमा में 1 घंटे की कटौती की गई है ताकि आने वाले दिनों में सुचारू रूप से शहर पानी की आपूर्ति की जा सके। दिनों दिन जल संकट गहराने के साथ लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही है।
6 महीने से नहीं हुई बैठक
पार्षद नीतू कोठारी के अनुसार समस्या के निराकरण के लिए पालिका प्रशासन की ओर से कोई पूर्व कार्य योजना नहीं बनाई गई। पालिका परिषद की हर दो माह में बैठक होनी थी, लेकिन वर्तमान में 6 माह बाद भी बैठक नहीं हो पाई है। ऐसी स्थिति में जल संकट के निराकरण को लेकर कोई योजना नहीं बनी। खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है।
जिले में अब तक 115.9 मिमी. औसत वर्षा दर्ज
चालू बारिश सीजन के दौरान बेमेतरा जिले में 01 जून से 10 जुलाई 2024 प्रतिवेदित दिनांक तक की स्थिति में सवेरे 8 बजे तक जिले में 115.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। जिले में अब तक सर्वाधिक वर्षा तहसील दाढ़ी में 161.1 मि.मी. तथा न्यूनतम 68.1 मि.मी. वर्षा बेमेतरा तहसील में दर्ज की गई है। संयुक्त जिला कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार बेमेतरा तहसील में 68.1 मि.मी. वर्षा, नांदघाट तहसील में 123.6 मि.मी. वर्षा, बेरला तहसील में 73.9 मि.मी., भिंभौरी तहसील में 119.8 मि.मी, साजा तहसील मे 147 मि.मी., थानखहरिया तहसील में 68.5 मि.मी. वर्षा एवं देवकर तहसील में 148 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है।
वाटर लेवल में गिरावट
जानकारी के अनुसार सप्ताह भर के भीतर वाटर लेवल में 70 से 80 फीट गिरावट आई है। शहर में 290 फीट पर पानी आ रहा है और बारिश नहीं होने की स्थिति में समस्या और अधिक विकराल होने की संभावना है। जिले में बेमेतरा तहसील में सबसे कम बारिश 68.5 में मिमी, वहीं सबसे अधिक बारिश देवकर में 148 मिमी वर्षा हुई है।