बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 15 जुलाई। सरकारी व निजी जमीन के सामने बेजा कब्जा करने वालों की वजह से परेशान शिकायतकर्ताओं की शिकायतों के बाद भी उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला। इस मामले में कार्रवाई नहीं की जा रही है। समय पर अतिक्रमण नहीं हटाने की वजह से गांवों का विकास भी प्रभावित हो रहा है। जिले के स्कूलों का बाउंड्रीवाल व आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी अटका हुआ है। एक्शन नहीं होने के कारण बेजा करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा करने वालों की शिकायतों का पुलिंदा लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर व गांव के विकास के लिए जरूरी जमीनों पर बेजा कब्जा होने की वजह से संबंधित गांव के लिए स्वीकृत सडक़, नाली, स्कूल कक्षा, बाउंड्री बाल व आंगनबाड़ी का निर्माण प्रभावित हो रहा है। सरकारी संपत्ति की जरूरतें को देखते हुए समाजसेवी आवेदक प्रस्तुत कर भेजा कब्जा हटाने की मांग करते आ रहे हैं। बावजूद इसके अतिक्रमण कम होने की अपेक्षा बढ़ रहा है।
ग्राम मोहतरा के पहलवान सिंह ने बताया कि उनके गांव में 29 से अधिक लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है, जिसमें कई जनप्रतिनिधि है। उनकी शिकायतों पर कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति की गई है। सिन्हा ने बताया कि गांव में हुए अतिक्रमण के प्रति उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की थी जिसके आधार पर ही शिकायत की गई। गांव में स्कूल के सामने जमीन पर बेजा कब्जा कर रहे हैं। इसी तरह ग्राम संबलपुर निवासी ओम सोनी ने बताया कि वह अपने गांव के सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा की शिकायत चार साल पहले से कर रहे हैं। चार साल से शिकायत करने के बाद भी बेदखली नहीं की गई है। कई बार जनदर्शन में भी शिकायत कर चुके हैं। ग्राम सुरहुली निवासी गणेशाराम ने भी बीते दिनों पक्के रास्ते पर बेजा कब्जा को लेकर शिकायत की थी जिस पर आज तक कार्रवाई की स्थिति साफ नहीं हो पाई है।
कई गांवों में आंगनबाड़ी भवन नहीं
जिले में 1084 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 75 आंगनबाड़ी का निर्माण स्थल चयन व बजट मिलने के बाद भी नहीं हो पाया। जिले के बेेरला में 16 आंगनबाड़ी केन्द्र, बेमेतरा 3 आंगनबाड़ी, साजा 15 आंगनबाड़ी, नवगाढ़ 21 आंगनबाड़ी, नांदघाट 6 आंगनबाड़ी व खंडसरा में 14 आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण प्रारंभ नहीं हो पाया है। प्रभावित आंगनबाड़ी केन्द्रो में कई केन्द्रों का निर्माण चिन्हित स्थल पर बेजा कब्जा होने की वजह से नहीं हो पाया है। संतोष वर्मा ने बताया कि जिले में बेजा कब्जा की वजह से कई विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जिसे लेकर एक बार जांच जरूरी है।
निदान की दिशा में कदम बढ़ाने की जरूरत
जानकार किरण सिंह वर्मा मानते हैं कि गांवो में ज्यादातर बेजा कब्जा ठेला या दुकान बनाकरकिया जा रहा है, जिसके पीछे गांव में रोजगार के लिए कॉप्लेक्स व गुमटी बनाने की योजना का नहीं होना है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुमटी या दुकान बनाकर आंबटित करने की योजना तैयार किए जाने की जरूरत है, जिससे पंचायतों की आय में बढ़ोतरी हो सके। वहीं गांव के लोगों को रोजगार के लिए दुकान उपलब्ध हो सके। कार्रवाई के साथ-साथ गांव में निदान की दिशा में कार्य किए जाने की जरूरत है।
बेदखली की मांग
नगर के वार्ड क्रमांक- 1 के पार्षद लछनी यशवंत लहरे, लक्ष्मी प्रसाद डेहरे, विजय कुमार अनंत समेत अन्य लोगों ने वार्ड में बेजा कब्जा कर पिकरी तालाब, पैठू तालाब में निर्माण करने की शिकायत बीते दिनों की थी। शिकायत करने वालों के अनुसार कब्जे की वजह से खेत आने-जाने में दिक्कत हो रही है।
विवाद का कारण अतिक्रमण
जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में हो रहे अतिक्रमण को लेकर कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो चुकी है। इसी तरह जिले के थानखहरिया पंचायत के ग्राम नवागांव में बीते दिनों अतिक्रमण को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था। नौ जुलाई को हुए विवाद व मारपीट के मामले में पुलिस ने दोनों पक्ष के 37 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है, जिसमें से एक पक्ष के रामकिशोर साहू की रिपोर्ट पर 21 लोगों के खिलाफ व गजेन्द्र सिह राजपूत परिहार की रिपोर्ट पर 16 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ है। दोनों पक्ष के बीच खूनी संघर्ष में कई घायल हुए थे।