बेमेतरा
![रूठा मानसून फिर बरसा, किसानों की मायूसी खुशी में बदली रूठा मानसून फिर बरसा, किसानों की मायूसी खुशी में बदली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720951061165.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 जुलाई। जिले में दो दिनों के दौरान हुई अच्छी बारिश से फसल को लेकर चिंतित किसानों ने राहत महसूस की है। जिले में शनिवार को सभी तहसीलो में बारिश हुई। शुक्रवार को जिले में 90 एमएम बारिश हुई। प्रदेश के अल्पवर्षा वाले जिले में शामिल बेमेतरा जिला में 15 दिन बाद बारिश होने से किसानों ने राहत की सांस ली।
जिले में खरीफ फसल सीजन के दौरान बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में 202980 हेक्टेयर में धान की फसल लेने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। धान की फसल के लिए जरूरी बारिश नहीं होने की वजह से खेतों में कामकाज ठप होने लगा था। कम बारिश होने का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में बीते 1 जून से लेकर 27 जून तक की स्थिति में 25600 हेक्टयर में केवल 350 हेक्टेयर में धान की नर्सरी, 18 हजार हेक्टेयर में छिडक़ा बोनी, 7600 हेक्टेयर में कतार बोनी के साथ फसल ली जा रही थी। इस स्थिति में अनुमानित रकबा के विपरीत केवल 15 फीसदी रकबे में बोनी का कार्य हुआ था। अब करीब 15 दिन बाद 12 जुलाई से मौसम की मेहरबानी के चलते जिले में एक बार फिर बोनी का काम गति पकडऩे लगा है। कास्तकारी के कार्य में तेजी आने की वजह से अब फसल तैयारी का रकबा 49560 हेक्टयर पहुंच चुका है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार जिले में 49560 हेक्टेयर में धान की खेती की तैयारी हो चुकी है। इसी तरह जिले में 150 हेक्टेयर में कोदो कुटकी, 133 हेक्टेयर में मिश्रित फसल, 2223 हेक्टेयर में सोयाबीन, अरहर, फेरो अरहर, मूंगफली, उड़द, मूंग, तिल, कपास व गन्ना की खेती शुरू हो चुकी है। अन्य फसल समेत जिले में अभी 53060 हेक्टेयर में फसल ली जा रही है। जिले में आने वाले दिनों में मौसम विभाग के अनुमान के अनुरूप बारिश होने से बोनी के कार्य में और अधिक गति आने की संभावना है। समय रहते बारिश होने की वजह से खेतों में डाले गए बीज खराब होने से बच सकेंगे।
प्रदेश के कमजोर बारिश वाले जिलों में शामिल है बेमेतरा
बीते दिनों सामने आए प्रदेश स्तर के आकंड़े के अनुसार बेमेतरा प्रदेश के अल्प वर्षा वाले टॉप टेन जिलों में से एक है। प्रदेश के सबसे कम बारिश वाले 17 जिले में बेमेतरा जिले को सरगुजा के बाद स्थान मिला था। जिले में दो दिन के दौरान बारिश के लौट के आने के बाद हालात में और सुधार आने की संभावना है। इससे जिला अल्पवर्षा वाले जिलों की श्रेणी से बाहर निकल सकेगा।
तीन तहसील का औसत सुधार दो
किसान लखन वर्मा, नेमीचंद साहू ने बताया कि पूरे जिले में बेमेतरा तहसील के औसत की अपेक्षा 23 फीसदी, बेरला में 32 फीसदी और थानखम्हरिया तहसील में 28 फीसदी बारिश हुई है। इन तीनों तहसीलों में और बेहतर बारिश होने की उम्मीद किसान लगाए बैठे हैं। अन्य 5 तहसीलों में दाढ़ी में 49, भिंभौरी में 45, नांदधाट में 60, देवकर में 68 व साजा में 71 फीसदी से अधिक बारिश हो चुकी है। ग्राम बेतर के किसान सूरज व गोलू पटेल ने बताया कि खेतो में दरार नजर आने लगी थी पर अब बारिश से इस स्थिति से निजात मिल सकेगी।
धान की फसल पर निर्भर है जिले की अर्थव्यवस्था
कृषि प्रधान जिला होने की वजह से बेमेतरा, साजा, बेरला व नवगाढ़ ब्लॉक क्षेत्र की पूरी अर्थव्यवस्था फसल आधारित है। अंचल में किसान के साथ-साथ कारोबारी व अन्य वर्ग के लोग भी फसल की बेहतरी की उम्मीद लगाए हुए हैं। बीते 15 दिन से बारिश के रूठ जाने से लोगों के चेहरों पर फसल की चिंता साफ नजर आने लगी थी।
फसल के लिए जीवन अमृत की तरह है बारिश
अनुविभगीय कृषि विभाग के अधिकारी डॉ. श्यामलाल साहू ने बताया कि वर्तमान में सभी क्षेत्रों में बारिश होने की जानकारी मिल रही है। बारिश फसल के लिए अमृत की तरह है। इससे और अधिक ग्रोथ होगी।