बेमेतरा
![130 बच्चे, पढ़ाने वाला कोई नहीं, नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत तक नहीं 130 बच्चे, पढ़ाने वाला कोई नहीं, नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत तक नहीं](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720861209201.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 जुलाई। शैक्षिक सत्र प्रांरभ होने के पूर्व स्कूल के लिए सुविधायुक्त भवन व शिक्षकों की पदस्थापना किए जाने के निर्देश के बावजूद भी जिला के बेरला ब्लॉक के ग्राम डंगनिया में शिक्षको की कमी है। वहीं ग्राम खहरिया में बेहतर भवन नहीं है। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए पालकों ने जिला मुख्यालय में कलेक्टर का दरवाजा खटखटाया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को आवेदन सौंपकर शिक्षक की पदस्थापना करने की मांग की है।
जानकारी हो कि बीते जून माह को गर्मी के छुटटी के बाद स्कूल प्रारंभ किया गया है। स्कूल खुलने से पूर्व उच्च कार्यालयों के निर्देश के अनुसार इसके लिए जरूरी संसाधन, भवन व शिक्षकों की कमी को दूर किया जाना था। जिले के बेरला ब्लॉक के दो अलग-अलग गांव के स्कूलों में शिक्षकों की कमी व सुविधा वाले भवन का अभाव बीते कई सत्र से कायम है। ग्राम डंगनिया के रविन्द्र वर्मा, गोवर्धन, मनोज सिंह, मीनाराम, अवध व सरपंच प्रकाश गायकवाड ने कलेक्टर को आवेदन सौंपा है।
ग्रामीणों के अनुसार बिते 26 जून से स्कूल को नये सत्र के लिए प्रारंभ किया गया है। इससे पूर्व बिते सत्र से शासकीय प्राथमिक स्कूल डंगनिया में शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए बार-बार मांग करने के बाद नियुक्त नहीं किया गया है। इस बार फिर इस स्कूल को शिक्षक की नियुक्ति किये बगैर प्रारंभ कर दिया गया है। पालकों ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे हैं। बच्चों को पढ़ाना तो दूर देखने वाले भी नहीं हैं। विभाग की उदासीनता की वजह से उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। पालकों ने 130 बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षक की व्यवस्था करने की मांग की है।
एक कमरे का संधारण नहीं होगा 82 हजार में
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल भवन के सुधार व संधारण के लिए शाला जतन योजना चलाया जा रहा है। स्कूल भवन की मरमत के लिए योजना के तहत लाभ लेने के लिए प्रस्ताव भेजे जाने के बाद केवल 82 हजार रूपये स्वीकृत किया गया था। भवन की जर्जर हालात को देखते हुए पूरे भवन का इस रकम से संधारण किया जाना संभव नहीं है।
कम फंड होने की वजह से भवन को संधारण नहीं किया गया है। संधारण नहीं होने के कारण बीते 3 साल से स्कूली बच्चे प्राइमरी और माध्यमिक शाला के एक ही भवन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों का स्कूल दो पाली में लग रही है। प्राइमरी के बच्चों का क्लास सुबह और माध्यमिक शाला के बच्चों का 11.30 बजे लग रही है। इससे बच्चों के शिक्षा प्रभावित हो रही है। इसके चलते गांव के कई बच्चे गांव से बाहर प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करने के लिए मजबूर है। शिक्षा विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्कूल की हालत को देखने के लिए पालकों ने अधिकारियो को आंमत्रित किया है। अधिकारी भवन की खंडहर हालत को देखकर ही उनकी समस्या को समझ कर निराकरण करेंगे।
स्कूल भवन के नाम पर खंडहर
बेरला विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत खहरिया में प्राथमिक व मिडिल दोनो स्कूल एक भवन में लगाई जा रही है। स्कूल का भवन बीते 5 साल से संधारण के अभाव में जर्जर होते जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सन 1980 से बने स्कूल भवन तकरीबन 5 साल से जर्जर स्थिति में है। चालीस साल पुराने भवन में ही बच्चे पढ़ाई करते थे, जो अब जर्जर होने के कारण तकरीबन 3 साल से गांव के अन्य स्कूल के भवन में दो पाली में पढ़ रहे हैं। दो पाली स्कूल होने की वजह से स्कूली बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। मूल समस्या को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बैठक में जवाब मांगा जाएगा - अजय
जिला पंचायत उपाध्यक्ष व शिक्षा समिति अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि शिक्षा स्थायी समिति की बैठक 18 जुलाई को आहूत की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना, एकल शिक्षकीय स्कूलों की जानकारी, व्यवस्था पर चल रहे शिक्षकों की जानकारी, सजेस स्कूलों में भर्ती प्रकिया की जानकारी मंगाई गयी है। स्कूल भवनों का संधारण व शिक्षको की कमी पर जिला शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा जाएगा।