बेमेतरा
![नेशनल लोक अदालत में सवा 5 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत में सवा 5 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720948166170.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 जुलाई। जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने इसकी शुरूआत की। लोक अदालत में जिले के दूरदराज गांवों से आए पक्षकार अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए पहुंचे थे।
जिला न्यायालय में 8 खंडपीठ और तहसील साजा न्यायालय में 1 खंडपीठ समेत 9 न्यायालयीन खण्डपीठ में राजस्व प्रकरण 3937, आपराधिक प्रकरण 133, बैंक रिकवरी 38, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण 11, सिविल प्रकरण 14, विद्युत विवाद प्रकरण 50, पारिवारिक प्रकरण 22, क्लेम निष्पादन प्रकरण 2, निष्पादन 11, बीएसएनएल 11, चेक बाउंस 44 प्रकरणों सहित जिले में रिकॉर्ड अनुसार 5383 मामलों का निराकरण किया गया। आपसी सहमति से सुनवाई के बाद पक्षकारों को बीमा, विद्युत व बैंक विवाद और अन्य प्रकरणों में 3 करोड़ 7 हजार 725 रूपए की मुआवजा राशि वितरित की गई।
प्री-सीटिंग के माध्यम से मां-बेटी का विवाद सुलझाया
मां-बेटी के मध्य लंबित जमीनी विवाद में राजीनामा कर विवाद सुलझाया गया। बेटी श्याम बाई (परिवर्तित नाम) द्वारा मां देवकी (परिवर्तित नाम) व बहन यशोदा (परिवर्तित नाम) के विरूद्ध लंबित सिविल अपील में प्रधान जिला न्यायाधीश बृजेन्द्र कुमार शास्त्री द्वारा उभय पक्ष के मध्य प्री-सीटिंग कर समझाइश देकर समझौता अनुसार दोनों बहनों को बराबर-बराबर भूमि के अतिरिक्त में बचत भूमि में तीनों मां-बेटियों का नाम राजस्व अभिलेख में संयुक्त रूप से दर्ज किए जाने का निर्णय पारित किया गया। प्रधान जिला न्यायाधीश की खंडपीठ में 11 क्लेम केस में 39 लाख की क्षतिपूर्ति राशि का अवार्ड पारित किया गया। अन्य मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण में भी राजीनामा के बाद बीमा कंपनी ने परिजनों को 13 लाख 20 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति देने पर सहमति दी।
100 वर्षीय बुजुर्ग चेक पाकर हुए भावुक
चेक बाउंस के केस में जोहन वर्मा ने लक्ष्मीनारायण राठी से 1.5 लाख रुपए घरेलू आवश्यकता होने पर उधार लिया था। कई बार मांगने पर पैसा वापस नहीं किया बल्कि परिवादी को जो चेक दिया, वह बैंक में बाउंस हो गया। ऐसे में लक्ष्मीनारायण राठी ने चेक बाउंस का परिवाद प्रस्तुत किया। न्यायाधीश मो. जहांगीर तिगाला ने जोहन वर्मा को कहा कि परिवादी तुहारे पिता तुल्य है। तुहारी मजबूरी में आर्थिक रूप से मदद भी की है। न्यायाधीश द्वारा दी गई समझाइश पर जोहन वर्मा ने लक्ष्मीनारायण राठी को पूरी रकम को चेक प्रदान किया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजीनामा कराया
भाइयों-भतीजों के मध्य पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के प्रकरण को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उमेश कुमार उपाध्याय ने आपसी समझौते के आधार पर समाप्त करवाया। एक प्रकरण में पति-पत्नी दोनों आहत थे। पति जरूरी काम से हरियाणा गया था व एक अन्य प्रकरण में आहत गर्भवती महिला ने न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ जताई। इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजीनामा कराया। आहत संतोष यादव अपनी बीमार बुआ को देखने ग्राम पिकरी गया था। आरोपियों द्वारा गाली-गलौज करने पर दर्ज कराए 6 वर्ष पुराने प्रकरण में राजीनामा हुआ।
पिता और पुत्र के बीच पैसों को लेकर आई दरार को सुलझाया
पिता ने पुत्र के खिलाफ 30 लाख व पुत्र ने पिता के खिलाफ 25 लाख रुपए के चेक बाउंस का मामला दर्ज कराया था। पिता-पुत्र एक दूसरे का मुंह भी नहीं देखना चाहते थे। न्यायाधीश अनिता कोशिमा रावटे की समझाइश पर पिता और पुत्र आपसी विवाद को भूल कर राजीनामा पर राजी हो गए। पिता ने पुत्र को गले लगाकर माफ किया।
परिवार न्यायालय के कई प्रकरणों में परिवार हुए एक
लंबे समय से मामूली झगड़े के चलते अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी कुंटुंब न्यायालय में न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल की समझाइश के बाद एक हो गए। अन्य प्रकरण में पति द्वारा 2 वर्ष की बच्ची सहित 7 माह की गर्भवती आवेदिका को बेसहारा छोडऩे के मामले में न्यायाधीश ने समझाइश दी और 10 हजार प्रतिमाह भरण-पोषण का आदेश जारी किया। कुटुब न्यायालय में कुल 22 प्रकरणों का निपटारा हुआ, जिनमें से पांच मामले में दंपत्तियों को एक साथ सुलह-समझौता कर भेजा गया।
विवाद के बाद बेटी व पत्नी को छोड़ दिया, फिर लेकर गया
5 साल की दिव्यांग बेटी के उपचार पर हो रहे खर्च व अन्य कारण के चलते हुए विवाद के बाद बेटी व अपनी पत्नी को मायके में छोड़ चुके युवक को लोक अदालत ने समझाइश दी। इसके बाद पति राजीखुशी के साथ बेटी व अपनी पत्नी को लेकर गया, जिससे दोनों पक्ष के परिजनों ने खुशी जाहिर की।