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कम ब्याज पर लोन का झांसा, साढ़े 5 लाख की ठगी, एसपी, बैंक अफसर से शिकायत कर न्याय की गुहार
11-Jan-2021 8:42 PM
कम ब्याज पर लोन का झांसा, साढ़े 5 लाख की ठगी, एसपी, बैंक अफसर से शिकायत कर न्याय की गुहार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर, 11 जनवरी। माँ को कैंसर था, इलाज के लिए लोन लेने गया तो दलाल ने कम ब्याज पर लोन दिलाने अपने साथ ले गया, बिना कोई गिरवी रखे 10 लाख का लोन हो गया, जब खाता होल्ड हुआ, तब पता चला कि 5 लाख की जगह 10 लाख का लोन स्वीकृत हो चुका है, और उसे 5 लाख 50 हजार का चूना लग चुका है। अब पीडि़त पुलिस अधीक्षक से लेकर बैंक लोकपाल तक शिकायत कर न्याय की मांग कर रहा है।

इस संबंध में छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के कलेक्टर कार्यालय शाखा की प्रबंधक कंचन सिंह का कहना है कि मैंने लोन करके उनके खाते में डाला है, वो झूठ बोल रहे है, उनके द्वारा  ब्लेंक चेक किसे दिया ये मुझे नहीं पता, मुझे जबरन बदनाम किया जा रहा है। मेरी कोई गलती नहीं है।

जानकारी के अनुसार मनेन्द्रगढ़ निवासी सुरेश पन्त पिता मोहन पन्त छत्तीसगढ़ राज्य ऊर्जा वितरण कं. लिमिटेड (ष्टस्क्कष्ठष्टरु) में  पदस्थ है। जुलाई 2019 में उसे कटघोडी निवासी तनुज सिंह के द्वारा लोन लेने के सम्बन्ध में प्रस्ताव दिया गया। उसने बैंक से रुपये पांच लाख रुपए लोन के रूप में दिलवाने की बात की। उस व्यक्ति ने उन्हें जानकारी दी कि उसकी बैंक के शाखा प्रबंधक से अच्छी जान पहचान है, इसलिए लोन बहुत आसानी से मिल जाएगा। क्योंकि मेरी माँ के कैंसर के इलाज के लिए मुझे पैसों की आवश्यकता थी, तो मैं लोन लेने के लिए तैयार हो गया। तनुज सिंह उसे भारतीय स्टेट बैंक शाखा बैकुंठपुर ले जाता था एवं वहां किसी भी अधिकारी की अनुपस्थिति में यह कह कर कि साहब जल्दी में हैं, बहुत ही जल्दबाजी में उसने लोन सम्बंधित दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवा लेता था, साथ ही यह कहा कि शाखा प्रबंधक से उसकी बात हो चुकी है एवं उसका लोन स्वीकृत हो चुका है। लेकिन उस व्यक्ति ने पीडि़त को बार-बार पूछने पर भी यह जानकारी नहीं दी कि उसने उसका लोन वास्तव में किस बैंक से करवाया है।

 तनुज सिंह ने उसके लोन की राशि के रूप में रुपये पांच लाख मात्र नकद में दिए और जिसमें से रुपये 50 हजार यह कह कर वापस लिए कि लोन स्वीकृति में उसे शाखा प्रबंधक को पैसे देने होंगे एवं स्वयं उसके भी पैसे इस कार्य में खर्च हुए हैं। 

पहली बार मालूम हुआ लोन कहां से हुआ

 नवम्बर 2020 को पीडि़त के विभाग में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा कलेक्ट्रेट बैकुंठपुर की महिला शाखा प्रबंधक कंचन कुमारी द्वारा यह फोन किया गया कि उनकी शाखा में पीडि़त का रुपये दस लाख का लोन है, जिसकी सुरक्षा के लिए उन्हें बीमा करवा लेना चाहिए। जिसकी जानकारी पीडि़त को विभाग के सेवायुक्तों द्वारा दी गई। तब पीडि़त हैरान रह गया, उसने बताया उन्होंने सिर्फ पांच लाख का ही लोन लिया था जिसमें से 50 हज़ार रुपए तनुज सिंह कटगोड़ी द्वारा ले लिए गए थे। उस दिन पीडि़त को पहली बार यह ज्ञात हुआ कि मेरा लोन छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से स्वीकृत है।

होल्ड लगाया है ग्रामीण बैंक ने

पीडि़त जब अपने मासिक वेतन की राशि निकालने भारतीय स्टेट बैंक शाखा बैकुंठपुर पहुंचा, जहां उसे यह कहकर उसके वेतन के पैसे नहीं दिए गए कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में उसका लोन होने के कारण उनके वेतन खाते में रोक लगवा दी गई है। जिसके बाद वो छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के बैकुंठपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में गया, जहाँ उनसे सम्बंधित अधिकारियों को सारी बात बताई।

खुद मिला प्रबंधक से

पीडि़त का कहना है कि  मुझे मात्र 5,00,000/- (रूपये पांच लाख) की राशि का ही भुगतान किया गया  और मेरे वेतन खाते में रोक लगवाकर मुझे एवं मेरे परिवार को आधारभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति से भी वंचित रखा गया, क्योंकि मेरे वेतन खाते में रोक लग जाने के कारण मुझे भोजन की कमी भी होने लगी थी, तो मैं स्वयं दिसम्बर 2020 को छ.रा.ग्रा. बैंक शाखा कलेक्ट्रेट बैकुंठपुर गया, जहाँ शाखा प्रबंधक कंचन कुमारी द्वारा मुझसे लोन संबंधित बीमा के दस्तावेजों पर यह कहकर हस्ताक्षर करवाया गया कि यदि लोन नहीं पटाना है तो बीमा के कागजों में हस्ताक्षर करो। क्योंकि मेरी माली हालत बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी थी तो मैंने उन दस्तावेजों में हस्ताक्षर कर दिए। 

फिर बुलाया गया बैंक

पीडि़त के अनुसार 7 जनवरी 2021 को कंचन कुमारी के बुलाने पर हम शाखा कलेक्ट्रेट बैकुंठपुर गए जहां उन्होंने मेरे भ.स्टे.बैंक बैकुंठपुर स्थित खाते से रुपये 95000/- लोन में जमा करवाने हेतु चेक में हस्ताक्षर करवाए एवं इसके पूर्व भी उन्होंने मेरे एलआईसी के रुपये 55000/- भी लोन में जमा करवा लिए हैं। साथ ही उन्होंने मुझसे 6 ब्लेक चेक में भी हस्ताक्षर करवाए एवं कहा कि 30 जनवरी 21 को मेरी अगली किश्त है, अगर मैं वह किश्त नहीं चुकाता तो मेरे वेतन खाते में वह पुन: रोक लगवा देंगी। इस प्रकार मेरे वेतन खाते में रोक लगवाने की धमकी दे-दे कर वह मुझसे लोन की भरपाई करवाना चाहती हैं।

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