राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 फरवरी। डोंगरगांव-डोंगरगढ़ विधानसभा के भीतरी इलाकों में अवैध रूप से चल रहे अवैध ईंट भट्ठों पर कार्रवाई करने खनिज विभाग की विशेष टीम जल्द ही इलाकों का दौरा करेगी। बताया जा रहा है कि कलेक्टर टीके वर्मा ने खनिज विभाग के अफसरों को बिना रोकटोक के अवैध ईंट भट्ठों के संचालन पर रोक लगाने कहा है। कलेक्टर ने सख्त लहजे में खनिज विभाग को सीधे दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
कांग्रेस-भाजपा नेताओं की अंदरूनी सांठगांठ के बूते धड़ल्ले से दर्जनों अवैध ईंट भट्ठियां चल रही है। लाल बहादुर नगर और चिचोला क्षेत्र में पर्यावरण के नियमों को धत्ता बताते हुए लाल ईंट का निर्माण भट्ठों में किया जा रहा है। विशेष अनुमति लिए जाने के बाद कुछ शर्तों के दायरे में लाल ईंट निर्माण किए जाने का प्रावधान है।
प्रशासन के निर्देशों की परवाह किए बगैर लाल ईंट की करीब दर्जनभर भट्ठियां लाल बहादुर नगर और चिचोला से सटे गांवों में चल रही है। बताया जा रहा है कि लाल ईंट निर्माण के लिए पर्यावरण विभाग के साथ-साथ खनिज विभाग से भी अनुमति लिए जाने का प्रावधान है। पिछले कुछ बरसों में निर्माण कार्यों में फ्लाईऐश ईंटों को ही वैध माना गया है। मिट्टी से निर्मित होने वाले लाल ईंट पर रोक लगी हुई है।
बताया जा रहा है कि निर्माण कार्यों में शासन ने फ्लाईऐश ईंटों को ही उपयोग करने की हिदायत दी है। इसके बावजूद लाल बहादुर नगर और चिचोला के झिंझारी, कोहलाकसा, रामपुर, चिद्दो, खरखटोला, मेढ़ा, अछोली, भोथली, भंडारपुर, जामरी, बुढ़ानछापर, मुगलानी, खूबटोला, डिगोफाल में धडल्ले से लाल ईंट निर्माण की भट्ठियां सुलग रही है।
इस संबंध में जिला कलेक्टर टीके वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि खनिज अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। वहीं जिला खनिज अधिकारी राजेश मालवे ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि निश्चित तौर पर कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी। इस संबंध में आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है।
बताया जा रहा है कि चिचोला और लालबहादुर नगर में चल रहे ईंट भट्ठे पूरी तरह से अवैध हैं। ज्यादातर ईंट भट्ठों में भाजपा और कांग्रेस नेताओं की मिलीभगत भी है। राजनीतिक सांठगांठ के चलते ईंट भट्ठियां खुलेआम संचालित की जा रही है। इस बीच पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर धड़ल्ले से लाल ईंट का निर्माण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर निर्माण कार्यों में कांग्रेस-भाजपा नेताओं की आपसी साझेदारी है। ऐसे में राजनीतिक सांठगांठ के कारण प्रशासन भी कार्रवाई करने से बच रहा है।