राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बृजमोहन ने खड़े किए सवाल
18-Jun-2024 5:03 PM
 राजपथ-जनपथ : बृजमोहन ने खड़े किए सवाल

बृजमोहन ने खड़े किए सवाल

 सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को पार्टी के विधायकों के संग जाकर स्पीकर डॉ. रमन सिंह को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा तो दे दिया है, लेकिन मंत्री पद नहीं छोडऩे से राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है। पूर्व महाधिवक्ता, और संविधान विशेषज्ञ कनक तिवारी ने फेसबुक पर लिखा कि इसमें कोई शक नहीं बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा को लेकर नई संवैधानिक चुनौती पेश की है। पार्टी मुख्यमंत्री और संविधान के लिए।

संसदीय मामलों के कुछ जानकारों का मानना है कि तकनीकी तौर पर बृजमोहन छह महीने तक मंत्री पद पर रह सकते हैं। इसमें कोई अड़चन नहीं है। भाजपा के अंदर खाने में भी इस मसले पर चर्चा हुई है। हल्ला है कि  बृजमोहन को स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने सुझाव दिया है कि जुलाई में होने वाले मानसून सत्र तक उन्हें मंत्री बने रहना चाहिए।

दूसरी तरफ, बृजमोहन के मसले पर कांग्रेस की राय बटी हुई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बृजमोहन की बर्खास्तगी की मांग कर दी है। जबकि पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया उन्हें कांग्रेस में शामिल होने तक न्योता दिया है। वो एक कदम आगे जाकर कह रहे हैं कि बृजमोहन कांग्रेस में जो चाहेंगे, मिलेगा। इन चर्चाओं के बीच कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि लोकसभा की सदस्यता लेने से पहले बृजमोहन मंत्री पद छोड़ सकते हैं। इससे परे कुछ लोग इस मसले पर पीआईएल भी दायर करने की सोच रहे हैं। चाहे कुछ भी हो, बृजमोहन ने एक बहस छेड़ दी है। और वो मंत्री बने रहने तक सुर्खियों में रहेंगे।

सीएम का बढ़ा रुतबा

लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद पार्टी के भीतर सीएम विष्णुदेव साय का कद बढ़ा है। और वो जिस कार्यक्रम में जा रहे हैं, वहां पार्टी के नेता, और कार्यकर्ता उत्साह से स्वागत भी कर रहे हैं। साय कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान भी दे रहे हैं। ऐसे ही पड़ोस के जिले में पार्टी के जिलाध्यक्ष ने सीएम के साथ हेलीकॉप्टर यात्रा करने की इच्छा जताई।

जिलाध्यक्ष ने इस सिलसिले में स्थानीय सांसद से बात की। सांसद ने जिलाध्यक्ष की भावनाओं को सीएम तक पहुंचाया। सीएम ने तुरंत उन्हें बुलवाया, और अपने साथ हेलीकॉप्टर से रायपुर ले आए। जिलाध्यक्ष की हेलीकॉप्टर में घूमने की इच्छा पूरी की। इसके बाद जिलाध्यक्ष खुशी-खुशी बस से वापस अपने घर पहुंचे। कुछ ऐसा ही अंदाज मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रहे डीपी घृतलहरे का भी था।

दिग्विजय सिंह सरकार में घृतलहरे विमानन मंत्री थे। उस वक्त वो हेलीकॉप्टर लेकर अपने विधानसभा क्षेत्र मारो पहुंचे। और कुछ कार्यकर्ताओं की हेलीकॉप्टर से घूमने की इच्छा पूरी की। घृतलहरे काफी लोकप्रिय भी थे। और जब उन्हें टिकट नहीं मिली, तो वो 1998 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय मैदान में कूद गए। और कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त करवा दी। बाद में राज्य बनने के बाद जोगी सरकार में मंत्री भी रहे।

दिल्ली के लिए किसका रास्ता खुलेगा

मोदी 3.0 में तोखन साहू को जगह मिलने के साथ ही छत्तीसगढ़ का कोटा क्लोज हो चुका है। अब सबकी निगाह संगठन चुनाव की ओर है। जेपी नड्डा केंद्र में मंत्री बनाए गए हैं। 24 जून तक उनका कार्यकाल खत्म होना है। इससे पहले नए राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री जैसे प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति हो सकती है । जाहिर है कि छत्तीसगढ़ से भी कुछ नेताओं को मौका मिल सकता है। संभवत: आठ बार के विधायक और रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले बृजमोहन अग्रवाल को केंद्रीय संगठन में जगह मिल जाए। उन्हें चुनाव प्रबंधन में माहिर माना जाता है। वे राजनाथ सिंह के लिए पहले गाजियाबाद और फिर  लखनऊ में कमान संभाल चुके हैं। प्रदेश में भी कई उपचुनाव जिताने में मुख्य रणनीतिकार रहे हैं। ऐसा होता है तो भी वे मोदी, शाह से निकटता हासिल कर सकेंगे। वहीं सरोज पांडेय को भी संगठन में मौका मिल सकता है। इसके अलावा संतोष पांडे, विजय बघेल को भी संगठन में एडजस्ट किया जा सकता है। और भी कुछ नाम हो सकते हैं, जिन्हें केंद्र या राज्य के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। इनमें धरम लाल कौशिक, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल हो सकते हैं।

कलेक्टर-एसपी के तबादले सत्र के पहले

विधानसभा के मानसून सत्र से पहले सरकार कुछ जिलों में कलेक्टर एसपी के तबादले कर सकती है। बलौदा बाजार की घटना के बाद सरकार ने कलेक्टर-एसपी को हटाने के साथ ही दूसरे जिलों में पड़ताल शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों के कलेक्टर-एसपी बदले जा सकते हैं। कुछ जगहों पर कार्यकर्ताओं की भी अफसरों को लेकर शिकायतें हैं। तबादले में इन्हें भी ध्यान में रखा जाएगा। वैसे करीब तीन महीने बाद कैबिनेट की बैठक होने वाली है। इसमें से भी कुछ संकेत बाहर निकलेंगे।

पूर्व मंत्री जयसिंह अकेले नहीं..

लोकसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा सीट से कांग्रेस पीछे रह गई। बाकी सीटों पर उसने लीड ली। भाजपा की विधानसभा में जीत वाली सीटों से भी अंतर पाट दिया। अब नतीजा आने के करीब 12-13 दिन बाद पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का बयान आया है। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने कुछ बातें उठाई थी, यदि सुन ली गई होती तो हार नहीं होती।  पर उन्हें इस बात की तसल्ली होनी चाहिए कि उस चुनाव में हारने वाले वे अकेले मंत्री नहीं थे। 9 मंत्री हार गए थे। डिप्टी सीएम भी और तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले मंत्रीगण भी। इसलिये सुनने बताने का कोई फर्क पडऩे वाला नहीं था। बस, मुश्किल यही रही कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने गलतियां नहीं सुधारी और नतीजा विपरीत आया। कोरबा की ही तरह अधिकांश हारे हुए मंत्रियों के इलाके में लोकसभा चुनाव में भी हार का अंतर नहीं पाटा जा सका। जो लड़े वे हार गए।

नदी पार कराएगा रोपवे

बस्तर में दर्जनों गांव ऐसे हैं जिनका संपर्क बारिश के दिनों में स्कूल, अस्पताल और बाजार से कट जाता है। हर साल कई हादसे उफनती नदी-नालों को पार करने के दौरान होते हैं। इसी बस्तर में आईटीबीपी के सहयोग से सीआरपीएफ ने एक पहल की है। बीजापुर के चिंतावागु नदी पर उन्होंने एक 200 मीटर लंबा रोप वे बनाया  है। इसे बनाने के लिए 22 इंजीनियरों ने करीब दो माह कड़ी मेहनत की। कुछ दिन पहले इसे शुरू कर दिया गया है। अब इस बारिश में आसपास के कई गांवों के ग्रामीण अपनी जरूरत में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।   ([email protected])

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