राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : मंत्रालय में ऐसा दूसरी बार
25-Jun-2024 5:13 PM
राजपथ-जनपथ : मंत्रालय में ऐसा दूसरी बार

मंत्रालय में ऐसा दूसरी बार

छत्तीसगढ़ में बदलती सरकारों के साथ प्रशासन में भी बदलाव होते रहे हैं । यह सरकार नहीं करती, सरकार के करीबी रहे अफसर ही करवाते रहे। सीएस के समकक्ष को राजस्व मंडल, प्रशासन अकादमी भेजना तो परंपरा बन चुकी है। वहीं एमडी मार्कफेड, एमडी शराब निगम जैसे आईएएस के कैडर पदों पर आईपीएस या राप्रसे तो दूर अन्य कैडर के अफसरों को बिठाने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में ही शुरू हुई। इसे लेकर कई बार आईएएस एसोसिएशन सरकार से मिलकर असहमति जता चुका है। इस बार तो एक नई परंपरा शुरू की गई है।

वह यह कि अवर सचिव का पद ज्वाइंट कलेक्टर के समकक्ष है, और यहां  आईएएस वासु जैन पदस्थ किए गए । ऐसा 24 वर्ष में दूसरी बार हुआ, जब  आईएएस की पोस्टिंग हुई है। इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग में अपर सचिव के पद पर रणवीर शर्मा की पोस्टिंग हुई थी। वैसे अब तक अधिकतम राप्रसे अफसर बनाए जाते रहे हैं।

तीन दिन पहले वासु जैन के जारी इस आदेश पर महानदी भवन में चर्चाएँ चल पड़ी है। आईएएस कह रहे अक्षम्य नाराजगी जैसी बात है तो बिना विभाग के मंत्रालय में अटैच रख देते।यह परंपरा भी तो यहीं स्थापित हुई है। इस बार की पोस्टिंग ऑर्डर से लॉबी खुश नहीं है, जल्द ही सीएम के साथ डिनर होने वाला है। उसमें एसोसिएशन क्या करता है देखने वाली बात होगी। सदस्यों को बचाने की जिम्मेदारी उसकी ही है।

 जल्द हो सकती है पारी खत्म

राज्य की पुलिसिंग में बड़े बदलाव के संकेत हैं। एक झटके में बलौदाबाजार एसपी  को निलंबित कर सरकार ने तेवर दिखा दिए हैं। बड़े जिलों में भी बदलाव की तैयारी चल रही है। इसमें सबसे बड़ी वजह लॉ एंड आर्डर है। यह चुनाव में भी मुख्य मुद्दा था, जिसके दम पर भाजपा, कांग्रेस से सत्ता छीनने में कामयाब हो गए।

कानून व्यवस्था जहां ठीक है, वहां विधायक, स्थानीय नेता कप्तान से नाराज है कि उनकी बात नहीं सुनते। सरकार और संगठन से उनकी सुनने वाले कप्तान की पोस्टिंग की मांग हो रही है। एक आईजी के डेपुटेशन पर जाने को देखते  कुछ रेंज के आईजी बदल सकते है। रायपुर में पूर्णकालीन आईजी की पोस्टिंग हो सकती है। क्योंकि रायपुर में मॉब लीचिंग, बलौदाबाजार हिंसा और थानों में ब्लेड चलना, सिपाहियों पर हमले जैसी बड़ी चूक मानी जा रही है। इसलिए नई पोस्टिंग हो सकती है।  सरगुजा और दुर्ग आईजी भी बदल सकते हैं।

संस्कृत से लेकर बृजमोहन तक

छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित सांसदों ने सोमवार को शपथ ली। सरगुजा के सांसद चिंतामणि महाराज को छोडक़र बाकियों ने हिन्दी में शपथ ली। चिंतामणि महाराज, उन तीन सांसदों में थे जिन्होंने संस्कृत में शपथ ली। चिंतामणि महाराज की तरह दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी दिल्ली की सांसद बांसुरी ने भी संस्कृत में शपथ ली।

पहली बार के सांसद चिंतामणि महाराज के संस्कृत में शपथ लेने पर नवनिर्वाचित सांसदों ने सबसे ज्यादा मेज थपथपाकर स्वागत किया। चिंतामणि महाराज के बादं बृजमोहन अग्रवाल के शपथ लेने पर सांसदों ने स्वागत किया। शपथ लेने के बाद केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बृजमोहन को संसद भवन स्थित अपने कक्ष में नाश्ते पर आमंत्रित किया।

बृजमोहन ने ओडिशा के चार लोकसभा संबलपुर, सुंदरगढ़, बरगढ़, और भुवनेश्वर के प्रभारी थे। यहां पार्टी को जीत मिली है। भूपेन्द्र यादव ओडिशा के चुनाव प्रभारी थे। तब भी उस समय बृजमोहन की भूमिका की सराहना की थी। और अब जब बृजमोहन सांसद बनकर पहुंचे हैं, तो उनकी काफी पूछ परख होती दिख रही है।

जल जीवन मिशन के पाक-साफ अफसर

जल जीवन मिशन के काम को लेकर पिछली सरकार के कार्यकाल में बेतहाशा शिकायतें मिली थी। कई ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया, वसूली का आदेश निकला और अधिकारी सस्पेंड भी किए गए। इस गर्मी में प्रदेश के अनेक शहरों और गांवों से रिपोर्ट आती रही कि किस तरह पाइपलाइन आधी अधूरी बिछाई गई हैं। पानी टंकी तैयार है लेकिन सप्लाई नहीं हो रही है। जो काम हो रहे हैं उनमें गुणवत्ता का भारी अभाव है। कल ही भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने डिप्टी सीएम अरुण साव को ज्ञापन सौंप कर कहा कि सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर जिले में जल जीवन मिशन के काम में भारी भ्रष्टाचार हुआ है, जांच कराएं।

मगर राजनांदगांव जिले में शिकायतों की जांच के बाद अफसरों को ठेकेदारों से ईमानदारी का सर्टिफिकेट मिल गया है। बीते अप्रैल में राजनांदगांव कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के लेटर हेड पर मिशन संचालक को शिकायत मिली थी कि वह अफसर की कमीशन खोरी से त्रस्त हैं। चंदे के नाम पर 10 प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा है और भुगतान नहीं करने पर बिलों में दस्तखत नहीं किए जा रहे हैं। शिकायत संगठन की तरफ से थी, इसलिए तुरंत दुर्ग के एक अधिकारी को जांच के लिए भेजा गया। जब अधिकारी पहुंचे तो कोई बयान देने के लिए पहुंचा ही नहीं। जब जांच अधिकारी के सामने कोई आया नहीं, तब उन्होंने मान लिया कि शिकायत फर्जी है। शिकायत करने वाले किसी अज्ञात कारण से पीछे हट गए। अब जांच अधिकारी ने मान लिया है कि शिकायत फर्जी है। सब ठीक चल रहा है। यह रिपोर्ट तैयार हो गई, पेश कर दी गई। अब जिनकी शिकायत हुई वे डंके की चोट पर कह सकते हैं कि हम कमीशन नहीं खाते।

अतिरिक्त समय ही दे देना था...

यूजी-नीट की परीक्षा में ग्रेस मार्क पाने वाले 1563 छात्रों को दोबारा टेस्ट देने का मौका मिला, जिनमें से सिर्फ 813 शामिल हुए। चंडीगढ़ के दो छात्रों को मौका था, पर दोनों शामिल नहीं हुए। इसके बाद छत्तीसगढ़ में मौजूदगी सबसे कम रही, यहां के बालोद केंद्र में 185 पात्र परीक्षार्थियों में से 115 ने भाग लिया और दंतेवाड़ा केंद्र में तो 417 में से 176 ने ही लिया। भाग नहीं लेने वाले परीक्षार्थियों का कहना है कि जून के पहले सप्ताह में रिजल्ट आने के बाद से इस पर देशभर में जो विवाद चल रहा है, उसके चलते वे तनाव में हैं। वे दोबारा खुद को परीक्षा देने के लिए तैयार नहीं कर पाए। हमने ग्रेस मार्क के लिए नहीं कहा था। हमें गलत पेपर बांट दिया गया था। सही पेपर देर से मिला। अतिरिक्त समय की मांग हमने उसी समय की थी।

 शायद स्थानीय अफसर इस मांग पर फैसला इसलिये नहीं ले पाए क्योंकि उन्हें कोई अधिकार ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नहीं दिया था। अब एजेंसी को विचार करना चाहिए कि देशभर में एग्जाम एक साथ होते हैं तो अलग-अलग अनचाही परिस्थितियां खड़ी हो सकती हैं। स्थानीय अधिकारियों को ऐसे में जरूरत के अनुसार फैसले लेने की छूट मिलनी चाहिए।

नांदघाट का फल बाजार..

रायपुर-बिलासपुर हाईवे के बीच शिवनाथ नदी के पुल पर फलों का बाजार लगता है। बड़ी भीड़ होती है। यात्री यहां रुकते हैं और कुछ खरीद कर आगे बढ़ते हैं। छत्तीसगढ़ के दूसरे हाट-बाजारों की तरह यहां भी मौसमी फल मीठे जामुन बिकने के लिए आए हैं। सामरी की विधायक सिद्धेश्वरी पैकरा रायपुर से अंबिकापुर जाते हुए रुकीं और उन्होंने भी अपने लिए खरीद लिए।  ([email protected])

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