राजपथ - जनपथ
![राजपथ-जनपथ : साय की बात भूपेश की जुबानी राजपथ-जनपथ : साय की बात भूपेश की जुबानी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/sthayi_stambh/1720515794hadhi_Chauk_NEW_1.jpg)
साय की बात भूपेश की जुबानी
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सीएम विष्णुदेव साय से निजी चर्चा को मीडिया में लाकर भाजपा में हलचल पैदा कर दी है। दरअसल, भूपेश ने बृजमोहन अग्रवाल की जगह नए संसदीय कार्य मंत्री को लेकर साय ने चर्चा की थी। चर्चा में साय ने भूपेश से कहा था कि विधानसभा सत्र से पहले नया संसदीय कार्य मंत्री बन जाएगा।
बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद संसदीय कार्य, और अन्य विभाग सीएम के पास हैं। पहले यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि कैबिनेट विस्तार नगरीय निकाय चुनाव के बाद होगा, लेकिन जैसे ही भूपेश ने सीएम से चर्चा का ब्यौरा दिया तो भाजपा में हलचल बढ़ गई है। हालांकि सीएम साय ने कैबिनेट विस्तार के मसले पर सिर्फ इतना ही कहा कि यह समय पर होगा।
दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के बाद छत्तीसगढ़ में भी विस्तार की अटकलें लगाई जा रही है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा का सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसे में इससे पहले कैबिनेट विस्तार अथवा बृजमोहन अग्रवाल के विभागों को अन्य मंत्रियों को दिया जा सकता है। अगर कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ, तो संसदीय कार्य विभाग रामविचार नेताम को दिया जा सकता है। नेताम मंत्रिमंडल में सबसे अनुभवी हैं। देखना है आगे क्या कुछ होता है।
सदन में छाएगा बलौदाबाजार
विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी सदस्य बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण के मसले पर सरकार को घेरने की बना रहे हैं। विपक्ष पहले दिन ही कामरोको प्रस्ताव लाकर आगजनी मसले पर चर्चा के लिए जोर दे सकते हैं। इस पूरे मामले में कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव भी जांच के घेरे में हैं, और उन्हें पुलिस ने तलब भी किया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष की भी गिरफ्तारी हुई है। इन सबके चलते मामला राजनीतिक रंग ले चुका है।
बताते हैं कि बलौदाबाजार आगजनी मसले पर पुलिस और प्रशासन की गंभीर चूक सामने आई है। जबकि राज्य की खुफिया एजेंसी ने धरना प्रदर्शन के मसले पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन को अलर्ट भी किया था। मगर जिले के अफसर नजरअंदाज करते रहे, और बड़ी घटना हो गई। सीएम विष्णुदेव साय की नाराजगी के बाद कलेक्टर और एसपी को निलंबित किया जा चुका है। बावजूद मामला शांत नहीं हो रहा, और सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है। देखना है कि सदन में सरकार इसका सामना कैसे करती है।
पुलिया बही, पटरी बच गई
बिहार में बारिश के दौरान एक दर्जन से ज्यादा पुलों के बह जाने की खबर तो हमने सुन ही ली, अब यूपी से भी तस्वीर आई है। यहां पीलीभीत जिले में शारदा नदी पर हाल ही में बनाई गई नई रेल लाइन की पुलिया बह गई। पुलिया नदी के बहाव में कहां गायब हो गई, पता नहीं चला लेकिन ट्रैक नदी में झूल रहा है। रेलवे ने ट्रेन तो बंद कर दी लेकिन लोगों की हिम्मत देखिए। वे इसी ट्रैक से पैदल नदी को पार कर रहे हैं और एक गांव से दूसरे गांव की दूरी नाप रहे हैं। यह ट्रैक उनके लिए पुलिया का काम कर रहा है।
स्कूल खुले नहीं और ताले बंद
स्कूल खुलते ही राजधानी के आसपास के किसी स्कूल में ताला बंद करने का आंदोलन हो जाए तो समझा जा सकता है कि शिक्षा विभाग की नए सत्र की तैयारी कैसी रही है। तिल्दा ब्लॉक के अल्दा स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल की शाला समिति, पंचायत और ग्रामीणों सबने मिलकर स्कूल में ताला जड़ दिया है। वे पिछले सत्र से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बताते आ रहे हैं कि यहां इतिहास, अर्थशास्त्र, भौतिकी, रसायन जैसे विषयों के लिए कोई शिक्षक ही नहीं है। जो तीन शिक्षक यहां के नाम पर नियुक्त किए गए हैं, उनको भी किसी दूसरे स्कूल में अटैच कर दिया गया है। नई किताबें, नई साइकिल और यूनिफॉर्म के साथ पहुंचे बच्चे स्कूल पहुंचकर पढ़ाई नहीं, गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश में हजारों शिक्षकों के पद खाली हैं। बहुत से शिक्षक दूसरे विभागों में वर्षों से संलग्न हैं। शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में ऐसे विरोध प्रदर्शन की खबरें आगे और आएंगीं।
पुरी के लिए सिर्फ चार यात्री..
पुरी जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की गई है। हावड़ा मार्ग की ट्रेनों की तो काफी पहले से घोषणा कर दी गई थी लेकिन ईस्ट कोस्ट रेलवे ने इस बार तीन स्पेशल ट्रेन जगदलपुर से भी चलाने की घोषणा की। इस स्पेशल ट्रेन को आम लोगों के लिए किफायती बनाने के लिए किराया भी केवल 135 रुपये रखा। मगर 6 जुलाई को जब पहले दिन जगदलपुर से यह ट्रेन निकली तो सिर्फ चार यात्री यहां से सवार हुए। हालांकि आगे सभी छोटे-छोटे स्टेशनों में भी स्टापेज था, इसलिए और भी यात्री मिल गए। पर, जगदलपुर से सिर्फ चार यात्रियों के सवार होने की वजह यह सामने आई कि रेलवे की घोषणा का किसी को पता ही नहीं था। जबकि अकेले बस्तर से हजारों धार्मिक पर्यटक पुरी जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होते हैं। मगर, रेलवे ने देर से घोषणा की और इसका ठीक प्रचार-प्रसार भी नहीं किया। खैर, अभी दो स्पेशल ट्रेन 14 और 18 जुलाई की सुबह फिर जगदलपुर ट्रेन रवाना होंगी। जो चूक गए उन्हें मौका मिल जाएगा।
रायपुर के एक अस्पताल में बैठे चार बच्चे, चार मोबाइल पर व्यस्त। तस्वीर ली है राजश्री श्रीवास्तव ने।