राजपथ - जनपथ
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राजनीति दिखाने से नुकसान
कस्टम मिलिंग, शराब और कोयला घोटाले की जांच एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं। ऐसे ही मिलिंग घोटाले में फंसे खाद्य अफसर से लेन-देन के मोबाइल चैट मिलने पर पिछले दिनों जांचकर्ता अफसरों ने एक मिलर को तलब किया। मिलर भी एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी रह चुके हैं। पूछताछ की बारी आई, तो मिलर ने घोटाले पर कुछ राजनीतिक बातें कह दी। इस पर अफसरों की भौंहे टेढ़ी हो गई, और फिर सख्ती से पूछताछ की। मिलर को जवाब देने में पसीना छूट गया, और किसी तरह खेद प्रकट कर अफसरों का गुस्सा शांत किया। तब घंटों की पूछताछ के बाद मिलर को जाने दिया गया।
अब निशाना आलोक शुक्ला पर?
राज्य में भर्ती परीक्षाएं पीएससी, और व्यापमं के जरिए होती है। पीएससी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच कर रही है, और तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के यहां रेड भी की है। कुछ इसी तरह भूपेश सरकार में व्यापमं के चेयरमैन रहे डॉ.आलोक शुक्ला को भी जांच एजेंसी अपने घेरे में लेने की कोशिश कर रही है।
डॉ.शुक्ला नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले के आरोपी हैं, और वो हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं। खबर है कि ईडी ने उन्हें घेरे में लेने की कोशिश कर रही है, और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर डॉ.शुक्ला की अग्रिम जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन लगाया है। प्रकरण के एक अन्य आरोपी अनिल टुटेजा पहले ही आबकारी केस में हिरासत में है। डॉ.आलोक शुक्ला का क्या होता है, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
दक्षिण के लिए कांग्रेस की तैयारी
रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए कांग्रेस नई रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी जल्द से जल्द प्रत्याशी घोषित करने पर विचार कर रही है। ताकि प्रत्याशी को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके। चर्चा है कि विधानसभा सत्र निपटने के बाद पर्यवेक्षक भेजकर नाम लिए जाएंगे। इसके अलावा पार्टी सर्वे भी कराने जा रही है। हाल के विधानसभा उपचुनावों में इंडिया-गठबंधन को मिली सफलता से कांग्रेस नेता उत्साहित हैं। लिहाजा यहां कड़ी टक्कर देने की रणनीति बना रही है। देखना है आगे क्या होता है।
बिजली का मुद्दा गरमाएगा सत्र में
छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला स्टेट नहीं रह गया है। इस बात की पुष्टि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की बैठक में हो गई थी। इधर बिजली दरों में बढ़ोतरी और बिलिंग दोनों को लेकर आम उपभोक्ताओं से लेकर उद्योगपति, व्यवसायी सबकी अलग-अलग शिकायतें हैं। स्टील उद्योग जो, 60 प्रतिशत बिजली का उपभोक्ता है- टैक्स आदि मिलाकर करीब 9 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान कर रहा है, जो उन कई राज्यों से अधिक है, जहां छत्तीसगढ़ से कोयला भेजा जाता है। घरेलू बिजली की दर भी बढ़ गई है। आम उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक आधी छूट मिल जाने के बाद भी कोई राहत महसूस नहीं होती है।
यह तो उन की बात है, जिनकी ठीक बिलिंग हो रही है। मगर, अनाप-शनाप बिजली बिल की शिकायत बहुत आ रही है। बलौदाबाजार से खबर है कि एक-दो कमरे वाले घरों में 29 हजार तक का बिल दे दिया गया है। बिजली कनेक्शन तो यहां पहुंचा दिया गया है, लेकिन मीटर नहीं लगा है। कोटा ब्लॉक के कई गांवों में 7 हजार से लेकर 22 हजार रुपये तक के बिल दे दिए गए हैं। जब वे शिकायत करने बिजली ऑफिस गए तो उन्हें लोक अदालत जाने की सलाह दे दी गई।
बारिश शुरू हो जाने के बाद खपत घटने के चलते कटौती कम हो रही है। वरना पूरी गर्मी उद्योगों और घरों में लगातार बिजली आती-जाती रही। कांग्रेस ने बिजली कटौती और दरों में वृद्धि को लेकर पिछले एक माह के भीतर ब्लॉक और जिला स्तर पर कई बार प्रदर्शन किया। अब 22 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में भी इस मुद्दे पर हंगामा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
पैदल चलने वालों का ख्याल रखें..
बादलों का गरजना और स्कूलों का खुलना लगभग एक साथ ही शुरू होता है। कई कच्चे रास्ते इन दिनों कीचड़ से सराबोर हैं। कुछ वाहन चालक अपनी गाड़ी का शीशा तो बंद करके चलते हैं, पर यह भूल जाते हैं कि उसी सडक़ पर लोग पैदल, साइकिल या दुपहिया पर चल रहे हैं। यह छात्रा जब कीचड़ से बचते हुए पैदल स्कूल की ओर बढ़ रही थी, तब जीप के चालक ने सभ्यता नहीं दिखाई और स्कूल यूनिफॉर्म खराब हो गया। बालिका का यूनिफॉर्म सरकारी स्कूल का दिखाई देता है। क्या पता उसके पास दूसरा सेट है भी नहीं। जब तक यह धुलकर सूख नहीं जाएगा, वह स्कूल नहीं जा पाएगी।