राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : अपने-परायों दोनों से दर्द
24-Jul-2024 4:06 PM
राजपथ-जनपथ : अपने-परायों दोनों से दर्द

अपने-परायों दोनों से दर्द

विधानसभा में कांग्रेस आक्रामक है। टक्कर का संख्या बल भी है और मुद्दे भी हैं। यह शुरुआत है। जैसे-जैसे साल बीतते जाएंगे, यह आक्रामकता बढ़ती जाएगी। एकतरफा नहीं, दो तरफा। मंत्रिमंडल में जगह नहीं पाने वाले भाजपा के कुछ विधायक भी भरे बैठे हैं। अपनों से नाराजगी नहीं, लेकिन सिस्टम से नाराजगी है। कांग्रेस ने जो सिस्टम तैयार किया था, वही जारी है। कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बदलाव नजर नहीं आ रहा। नए नवेले मंत्री संतुष्ट भी नहीं कर पा रहे हैं। सदन में संतोषजनक जवाब नहीं आएगा तो अपने भी अब विपक्ष की तरह सवाल पूछने लगे हैं, मंत्री तो मंत्री सीएम तक अपने नहीं रहे इनके लिए, यह दो दिनों में ही देख चुके हैं।

सूना-सूना सा सदन

बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा से एक युग का अंत हो गया। सरकार और विपक्ष दोनों में ही बृजमोहन की आवाज की धमक सुनाई देती थी। पिछले कार्यकाल में जब भाजपा के पास सिर्फ 14 विधायक थे, तब ओपनिंग बैट्समैन बृजमोहन ही होते थे। संसदीय ज्ञान, परंपरा के साथ फ्लोर मैनेजमेंट के माहिर। इस बार फ्लोर मैनेजमेंट की जिम्मेदारी केदार कश्यप के पास है। उनके लिए यह बड़ी चुनौती रहेगी क्योंकि बृजमोहन अपने दल के ही नहीं दूसरे दल को भी साधकर चलने वाले नेता थे।

मुसाफिरों की जेब में हाथ, फिर भी...

रेल बजट, जो कभी आम बजट से एक दिन पहले आता था, अब सिर्फ बीते समय की बात बनकर रह गया है। कभी लोग इस बात का बेसब्री से इंतजार करते थे कि उनके राज्य को कौन-सी नई ट्रेन मिलेगी, मुसाफिरों के लिए कौन-कौन सी रियायतें दी जाएगी। कमोबेश रेल मंत्री का जलवा वित्त मंत्री के बराबर होता था। लेकिन अब रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया है, और इसके प्रावधानों की अलग से चर्चा नहीं होती।

फिर भी, हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में माल भाड़े से एक लाख 69,000 करोड़ रुपए कमाए, और यात्रियों से 73,000 करोड़ रुपए। यह रेलवे के कुल राजस्व का लगभग 43.20 प्रतिशत है। अगले साल यात्रियों से 80,000 करोड़ रुपए और माल भाड़े से 1 लाख 80,000 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है। अगले साल यात्रियों का योगदान 44.44 प्रतिशत होगा।

यानी कि, यात्रियों से होने वाली आमदनी बढ़ेगी और माल भाड़े से होने वाली घटेगी। अब, लोक कल्याणकारी राज्य की भावना के विपरीत, रेलवे की टिकट पर लिखा होता है कि आपकी यात्रा का 49त्न खर्चा रेलवे वहन करता है। इसे पढक़र यात्री अपने आपको दोषी महसूस करता है, जैसे कि उसकी यात्रा रेलवे पर कोई बोझ हो।

लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि रेलवे जो माल का परिवहन करती है, उसके उपभोक्ता भी हम ही हैं। कोयला, सीमेंट, पेट्रोल, राशन समुद्र में तो नहीं फेंका जाता। अगर हम-आप इसकी खपत नहीं करेंगे, तो यह परिवहन कैसे होगा?

तो क्या रेलवे से यह उम्मीद कर सकते हैं कि टिकट पर ऐसा लिखें, हमारा 43-44 प्रतिशत राजस्व आप सम्मानित यात्रियों से आता है। आपकी आरामदायक और सुरक्षित यात्रा हमारी जिम्मेदारी है।

काम नहीं करवाना, रिकॉर्डिंग करनी थी 

भाजपा नेता और वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक का एक कथित ऑडियो कांग्रेस के कुछ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में एक व्यक्ति, जो खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बताता है, अपनी समस्या बताते हुए उनसे नाराजगी के साथ बात कर रहा है।

ऑडियो में कार्यकर्ता शिकायत करता है कि उसके बच्चे का एडमिशन स्कूल में नहीं हो रहा है, और इस समस्या से परेशान होकर वह कांग्रेस में जाने की धमकी देता है। वह शिकायत करता है, कार्यकर्ता का काम नहीं होता, इसीलिए भाजपा हार जाती है। जिस पर कौशिक बार-बार उसे आकर मिलने को कहते हैं, लेकिन वह आने तैयार नहीं होता, ज़ाहिर तौर पर वह बातचीत रिकॉर्ड करते हुए उकसाते हुए दिखता है। 

ऐसे में उसकी धमकी पर कौशिक झल्लाकर जवाब देते हैं, चले जाओ कांग्रेस में। ऐसे कार्यकर्ता की जरूरत भी नहीं। कौशिक ने उसे समस्या लेकर घर आने को कहा, लेकिन कार्यकर्ता कहता है, दो बार गया, आप नहीं मिले। कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर बातचीत डाल देने की धमकी भी दी, कौशिक ने कहा कर दो, उसने ऐसा कर भी दिया। बातचीत में गर्मी बढ़ रही थी, शायद इसे भांपकर कौशिक ने फोन रख दिया। पर कांग्रेस के लिए यह पर्याप्त था कि कौशिक ने किसी को कांग्रेस में चले जाने की सलाह दे दी। वायरल ऑडियो में कौशिक की झल्लाहट तो है, पर वाकये में सनसनी का अभाव है। 

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news