बेमेतरा

जिला अस्पताल में दो करोड़ की दवाई खरीदी के नहीं मिले दस्तावेज
26-Mar-2022 2:55 PM
जिला अस्पताल में दो करोड़ की दवाई खरीदी के नहीं मिले दस्तावेज

रिकॉर्ड रूम का ताला तोडक़र दस्तावेजों के अवलोकन में गड़बड़ी का खुलासा, कई जरूरी दस्तावेज गायब

कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा,  26 मार्च।
जिला अस्पताल में बीते दिनों प्रबंधन की ओर से लगभग 2 करोड रुपए से दवाई समेत अन्य सामग्री की खरीदी की गई है। प्रभारी सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी के द्वारा कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में दस्तावेजों के अवलोकन में दवाइयों की खरीदी संबंधित दस्तावेज नहीं मिले। अधिकारी ने इसकी जानकारी बेमेतरा कलेक्टर को दी, जिस पर कलेक्टर भोसकर विलास संदीपान ने 2 करोड़ रुपए की दवाई समेत अन्य सामग्री खरीदी के भौतिक सत्यापन और ऑडिट के लिए 7 सदस्यी जांच टीम का गठन किया है। गौरतलब हो कि जिला अस्पताल में बड़े पैमाने पर शासन से प्राप्त फंड के दुरुपयोग की लगातार शिकायत मिल रही है। आलम यह है कि अस्पताल में करोड़ों रुपए की खरीदी के दस्तावेज गायब हैं। इस मुद्दे पर अस्पताल प्रबंधन समेत जिम्मेदार बोलने को तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में बड़ी गड़बड़ी के मद्देनजर जांच के आदेश हुए हैं।

करोड़ों का फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

जांच के आदेश बेमेतरा कलेक्टर की ओर से न्यायालय के आदेश पर सिविल सर्जन डॉ वंदना भेले के कार्यभार संभालने के पूर्व हुए हैं। जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों रुपए का फंड का आबंटन किया जाता है, लेकिन प्राप्त राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही है। ऐसी स्थिति में मरीजों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल रही है।

दवाइयों की खरीदी से संबंधित दस्तावेज गायब
जांच के लिए जारी आदेश के अनुसार जिला अस्पताल बेमेतरा में डॉ वंदना भेले पूर्व सिविल सर्जन द्वारा वर्तमान पदांकित सिविल सर्जन डॉ खेमराज सोनवानी को प्रभार नहीं प्रदान किए जाने पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पंचनामा कर कक्ष और अलमारी को खोलने की कार्रवाई की गई। बरामद दस्तावेज में लेखा शाखा संबंधी आवश्यक दस्तावेज, बीटीआर रजिस्टर, कैश बुक, चेक बुक आदि नही मिले, लेकिन जिला कोषालय बेमेतरा के ट्रेजरी वाउचर स्लिप में विगत माह लगभग 2 करोड रुपए की बड़ी रकम दवाई समेत विभिन्न सामग्री क्रय के लिए भुगतान हेतु आहरण किया गया, जिसके स्टॉक मिलान, कैश बुक मिलान एवं भौतिक सत्यापन के लिए सात सदस्यी जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है।

7 सदस्यीय जांच टीम गठित
जिला स्तरीय जांच दल में लीना मंडावी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, संदीप ठाकुर संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी बेरला, हीरा गवर्णा डिप्टी कलेक्टर बेमेतरा, डॉ खेमराज सोनवानी सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला बेमेतरा, अश्वनी वर्मा विकास खंड चिकित्सा अधिकारी, शशी दुबे लेखाधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा शामिल हैं, जो खरीदी के संबंधित प्रकरण की जांच कर प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपेंगे।

जावक रजिस्टर की चोरी, संदेह
जिला अस्पताल से जावक रजिस्टर चोरी होने की शिकायत अस्पताल प्रबंधन की ओर से दर्ज कराई गई थी। कोतवाली से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल प्रकरण में अपराध दर्ज नहीं किया गया है। आवेदन के आधार पर जांच जारी है। जिसमें रूम इंचार्ज से पूछताछ की गई है। गौरतलब हो कि 14 मार्च को कलेक्टर की ओर से सिविल सर्जन के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, उसी रात को अस्पताल से जावक रजिस्टर चोरी होने को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। इस कृत्य में अस्पताल स्टाफ की भूमिका बताई जा रही है।

एक माह के भीतर स्वास्थ्य विभाग में हुए घटनाक्रम
कोरोना की दूसरी लहर में हुए पुराने कामो को नया दिखाकर, रायपुर की एमएच ब्रदर्स नाम की फर्म को कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी किया गया। जिसमें 18 आक्सीजन बेड के लिए सेंट्रल पाइप लाइन का विस्तार, फ्लो मीटर समेत अन्य कार्य शामिल हैं। इसीप्रकार एनएचएम और इमरजेंसी कोविड फंड के अंतर्गत सामग्री क्रय के लिए नियमों को ताक पर रखकर तकनीकी समिति का गठन किया गया। फिर तीन मार्च को जिला अस्पताल और एमसीएच के औचक निरीक्षण पर पहुंचे ज्वाइन डायरेक्टर डॉ. श्रीवास्तव ने दस्तावेजों की अनुपलब्धता पर सिविल सर्जन को नोटिस थमाया। इसके बाद जिला अस्पताल और एमसीएच में महिलाओं की निजता भंग होने की शिकायत कलेक्टर से 8 मार्च को हुई। फिर महिलाओं की निजता भंग की शिकायत पर कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ लीना मंडावी की अध्यक्षता में 7 सदस्यी जांच टीम का गठन किया। फिर कोविड फंड के अंतर्गत हुए कार्यों के भौतिक सत्यापन का आदेश केंद्र सरकार से जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से आनन-फानन में 4 आईसी यूनिट और 8 एचडी यूनिट के लिए जरूरी इक्यूपमेंट और बैड की खरीदी की गई। फिर जांच में महिलाओं की निजता भंग होने के मामले में सिविल सर्जन डॉ वंदना भेले के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राज्य शासन और स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट से अनुशंसा। फिर जांच टीम में शामिल साइबर सेल के अधिकारी ने जिला अस्पताल और मदर चाइल्ड हॉस्पिटल के संवेदनशील वार्डो से 30 सीसी कैमरे को हटाने की कार्रवाई की। फिर जांच में सहयोग और अभद्र व्यवहार के लिए दो जीडीएस कर्मचारी की सेवा समाप्ति और एक फार्मासिस्ट के निलम्बन की कार्यवााही की फिर न्यायलय के आदेश पर सीएस डॉ वंदना भेले ने 24 मार्च को फिर से कार्यभार संभाला।

अनियमितता को ले आरोप-प्रत्यारोप
स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आर्थिक अनियमितता को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। वही स्वास्थ्य विभाग में आर्थिक अनियमितता को लेकर साक्ष्यों के साथ कई दस्तावेज  को पोस्ट के जरिए भेजे गए हैं। जिसमें कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। स्पष्ट है कि जनता की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त फंड के बंदरबांट का यह मामला प्रत्यक्ष उदाहरण है, जहां 2 करोड़ रुपए से खरीदी गई सामग्री का कोई हिसाब किताब नहीं है।

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