मोहला मानपुर चौकी
सीएम के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 6 जनवरी। छत्तीसगढ़ अंशकालिन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के नियमितीकरण की मांग को लेकर गुरुवार को प्रांतीय आह्वान पर एक दिवसीय रैली निकालकर छग शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी छग शासन से नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे।
नवगठित जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ चौकी अतंर्गत ब्लॉक अंबागढ़ चौकी के प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला, हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी में पदस्थ ढ़ाई सौ अंशकालिन सफाई कर्मचारियों ने गुरुवार को ब्लॉक मुख्यालय में नियमितीकरण की मांग को लेकर छग शासन के खिलाफ रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रांतीय आह्वान पर ब्लाक मुख्यालय में जुटे सफाई कर्मचारियों ने एक दिवसीय रैली व विरोध प्रदर्शन की। शुरूआत नगर के ट्रायबल कालोनी स्थित खेल मैदान से किया। रैली नगर के मुख्य मार्गों से भ्रमण करते राजस्व कार्यालय में समाप्त हुई। रैली में आंदोलनकारी छग शासन से नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि के लिए नारेबाजी करते प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रदर्शन की अगुवाई संघ के ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश सहारे एवं सचिव प्रहलाद विश्वकर्मा ने की। रैली की समाप्ति पश्चात आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम पर तहसीलदार मनोज रावटे को ज्ञापन सौंपा। रैली व ज्ञापन के दौरान ब्लॉक के सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारी मथुरा भारद्वाज, लीलावती, संगीता साहू, बिदेशराम करसेल, पतराखन नेताम, जितेन्द्र भारद्वाज, चंदू साहू, भुनेश्वर, कमलेश, गोवर्धन, कुवरंसिह, मालती भुआर्य, ईश्वरी चंद्रवंशी, फुलबाई, कुमारीबाई सहित बड़ी संख्या में स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मचारी उपस्थित थे।
10 को जिला व 15 को राजधानी में प्रदर्शन
छग अंशकालिन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के ब्लॉक पदाधिकारियों ने बताया कि प्रांतीय आह्वान पर सफाई कर्मचारी प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में 10 जनवरी को जिला स्तरीय एवं 15 जनवरी को राजधानी रायपुर में प्रांत स्तरीय विरोध प्रदर्शन कर नियमितीकरण की मांग करेंगे। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि जब तक उनकी मांगे पूर्ण नहीं हो जाती है, उनका आंदोलन चरणबद्ध ढंग से शांतिपूर्वक तरीके से प्रदेशभर में चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि उनकी मांगे उनके अधिकार से जुडी हुई है। यदि शासन शांतिपूर्ण ढंग से चलाए जा रहे आंदोलन के बाद भी उनकी मांगे पूर्ण नहीं करती है तो वे फिर सडक़ में आकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।