बेमेतरा

700 कोटवारों को महीनों से नहीं मिला मानदेय, दाल-रोटी के पड़ रहे लाले
19-Feb-2024 1:28 PM
700 कोटवारों को महीनों से नहीं मिला मानदेय, दाल-रोटी के पड़ रहे लाले

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 19 फरवरी। जिले के चार ब्लॉक के गांवों मे कार्यरत 700 से अधिक कोटवारों को महीनों से पारिश्रमिक नहीं मिला है। जिले के बेमेेतरा व दाढ़ी तहसील के 203 कोटवार 8 माह से मानदेय की आस में बाजार से उधार लेकर जीवन चला रहे हैं। जिले में साजा, देवकर, नवागढ़, नांदघाट, बेरला, भिभौरी, देवरबीजा व थानखम्हरिया में सैकड़ों कोटवार सेवा दे रहे हैं, जिनमे महिला कोटवार भी शामिल हैं।

जानकारी हो कि जिले के चार विकासखंड के सैकड़ों कोटवारों को मानदेय नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कोटवार संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि वो मानदेय जारी कराने के लिए अपने अपने तहसील में आवेदन प्रस्तुत कर चुके हैं, जिसके बाद भी मानेदय जारी नहीं हुआ है। गांव की सुरक्षा व अन्य कार्य करने के लिए 24 घंटे की डयूटी करते करते कई कोटवार बुजुर्ग हो चुके हैं। अनेक कोटवारों की कई पीढ़ी इस काम को करते आ रही है। लंबे समय से सेवा करने का अनुभव रखने वाले कोटवारों ने बताया कि मानेदय नहीं मिलने की स्थिति उनके सामने नहीं रही है। हालत ये है कि आर्थिक तंगी के चलते परिवार चलाना पड़ रहा है।

हाजिरी देने के लिए उधार लेकर आने की है मजबूरी

बेमेतरा व दाढ़ी क्षेत्र समेत संभी संबंधित तहसील व थाना के कोटवारों को तहसील व थाना में पहुचंकर हाजिरी देनी पड़ती है। दाढ़ी व बेमेतरा के अनेक कोटवारों को प्रतिमाह बेमेतरा तहसील हाजिरी देने के लिए 80 किमी की दूरी तय कर आना-जाना पड़ता है। तहसील के अलावा कोटवार प्रत्येक सप्ताह थाना हाजिरी के लिए पहुंचते हैं। साथ ही तहसील से निकलने वाली पेशी नोटिस को तामिल करते हैं। उसको भी तहसील से लाते हैं और किसान की पेशी तारीख से पहले उसको तहसील में जमा भी करते हैं। इसके अलावा अन्य प्रकार की ड्यूटी भी तहसील में कोटवारों की लगाई जाती है। कोटवारों ने बताया कि 8 माह से मानदेय नहीं मिला है, जिसकी वजह से इस वेतन प्रभावित अवधि के दौरान आने-जाने के लिए उधार तक लेना पड़ रहा है।

पुराना मानदेय मिलता है, जिले में नया आदेश लागू नहीं किया जा रहा

ज्ञात हो कि कोटवारों को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अधिक मानदेय देने का आदेश 26 जुलाई 2023 को राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किया गया था। 26 जुलाई को जारी आदेश में अलग-अलग चार कैटेगरी में कोटवारों को मानदेय दिया जाना तय किया गया, जिसके अनुसार पारिश्रमिक 3000 से 6000 रुपया कोटवारों को मिलना था। जिले के सभी तहसीलों में 2018 में जारी किए गए आदेश के अनुसार 2250 से लेकर 4500 रुपया परिश्रमिक दिया जा रहा है। बीते जुलाई से लेकर अब तक दायरे में आने वाले कोटवारों को 750 व 1500 रुपए का नुकसान हो रहा है।

एक तहसील का एक माह का परिश्रमिक 5 लाख से अधिक

अलग-अलग स्लैब के अनुसार कोटवारों को परिश्रमिक दिया जा रहा है। अनुमानित तौर पर जिले के कोटवारों के लिए एक तहसील से करीब 5 लाख 50 हजार से लेकर 7 लाख तक का बजट जारी किया जाता है।

चुनाव में काम किया, चेकपोस्ट पर रहे, विशेष पुलिस बनाया गया

विधानसभा चुनाव के दौरान कोटवारों से चुनावी ड्यूटी, अनुविभागीय कोर्ट में, तहसील कार्यालय कोर्ट में व पुलिस विभाग में भी चेकपोस्ट व नाका में भी काम लिया गया है। चुनाव के दौरान विशेष पुलिस अधिकारी के तौर पर सेवा दे चुके हैं। तब भी नियमित मानदेय नहीं दिया गया था। ड्यूटी करने के बाद भी कोटवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

क्या कहते हैं कोटवार संघ के पदाधिकारी 

पारिश्रमिक नहीं मिलने से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे कोटवार संघ के पदाधिकारी कई बार दफ्तरों का लगा चुके हैं। बेमेतरा दाढ़ी कोटवार संघ अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि दाढ़ी व बेमेतरा के 203 कोटवारों को 8 माह का मानदेय नहीं मिला है। नवागढ़ अध्यक्ष भारत दास ने बताया कि 7 माह से नवागढ़ व नांदघाट के 200 से अधिक कोटवार मानदेय का इंतजार कर रहे हैं।

बेरला अध्यक्ष मोहन सिंह चौहान ने बताया कि देवरबीजा, भिभौरी व बेरला के 158 कोटवार मानदेय नहीं मिलने से परेशान हैं। साजा के अध्यक्ष गोपालदास मानिकपुरी ने बताया कि 122 कोटवारों को मानदेय नहीं मिला है। कोटवारों ने बताया कि शासन का साफ आदेश है कि उन्हें प्रति माह 5 तारीख तक पारिश्रमिक जारी किया जाना है। बावजूद इसके उनको राशि जारी करने में 8 से 10 माह की लेटलतीफी की जाती है। बहरहाल महज 2250 रुपए का पारिश्रमिक पाकर परिवार चलाने वाले जिले के 700 से अधिक कोटवारो को आवंटन नहीं मिलने की वजह से इन दिनों आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है।

अक्टूबर 2023 में शासन से मांगा गया था अतिरिक्त आवंटन

कोटवारों को पारिश्रमिक जारी करने के लिए 5 अक्टूबर को कलेक्टर ने भू अभिलेख आयुक्त को पत्र जारी कर अतिरिक्त आवंटन के तौर पर 1 करोड़ 66 लाख 63 हजार 500 रुपए की मांग की थी। इससे पूर्व 2 करोड़ 43 लाख 30 हजार रुपए कोटवारों को पारिश्रमिक के लिए जारी किया गया था। फि लहाल आवंटन की स्थिति समाने नहीं आई है।

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