बेमेतरा

75 समितियों में अभी भी 27523.64 टन धान जाम, प्रबंधकों को बारिश, ओला व चूहों का डर सता रहा
23-Feb-2024 2:01 PM
75 समितियों में अभी भी 27523.64 टन धान जाम, प्रबंधकों को बारिश, ओला व चूहों का डर सता रहा

 उठाव नहीं होने की स्थिति में काम बंद करने का दिया संकेत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 फरवरी।
जिले की 75 समितियां नुकसान पर चल रही हैं। लाखों के नुकसान के बीच संचालित हो रही समितियों पर धान खरीदी के बाद धान का परिवहन नहीं होने से एक बार फिर नुकसान होने का खतरा मंडराने लगा है। परिवहन नहीं होने से परेशान चल रहे समिति प्रबंधकों ने गुरूवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर उच्चाधिकारियों से परिवहन शुरु करने की मांग रखी है। प्रबंधकों ने मार्केटिंग प्रबंधक द्वारा उठाव के लिए ऑर्डर नहीं जारी करने की वजह से इस तरह की स्थिति होने की बात कही है।

जानकारी हो कि जिले की 102 समितियों में से 75 समितियां लाखों के नुकसान पर चल रही हैं। जिले में बीते वित्तीय सत्र में नुकसान का ब्यौरा सामने आया था। पहले से नुकसान का सामना कर रही सहकारी समितियों के सामने जारी सत्र में धान खरीदी की अवधि समाप्त होने के 19 दिन बाद भी परिवहन प्रारंभ नहीं होने से नुकसान होने का खतरा बढ़ गया है। 
हालत को देखते हुए समिति प्रबंधकों ने गुरूवार को कलेक्टर की अनुुपस्थिति में अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी को ज्ञापन सौंपा। बताया गया कि जिले में 5 फरवरी तक 934686:68 टन धान खरीदी गई है, जिसमें से 703576:60 टन धान के लिए डीओ ऑर्डर जारी किया गया था। जारी डीओ ऑर्डर के विपरीत जिले की समितियों से 676052.96 टन धान का उठाव हुआ है और अभी भी 27523 64 टन का उठाव होना बाकी है। डीओ जारी करने के बाद भी जिले के धान खरीदी केन्द्रों में 23110.08 टन धान के लिए परिवहन आदेश जारी नहीं हुआ है। साथ पुराने परिवहन आदेश में से बचत धान मिलाकर समितियों में कुल 258633.72 टन धान का स्टॉक बचा हुआ है। जिले की 20 समितियों में 29264 टन से लेकर 40503 टन तक का भंडारण है।

समिति प्रबंधकों को सताने लगा है खराब होने का भय 
जिले में समिति एवं शासन के द्वारा किए गए अनुबंध के अनुसार खरीदी के 72 घंटे बाद धान का परिवहन पूर्ण करना है। लेकिन खरीदी के 19 दिन बीत जाने के बाद भी समितियों में बफर लिमिट से अधिक स्थान डंप है, जिससे समिति प्रबंधकों को सूखत आने और चूहों का डर सता रहा है। कलेक्टोरेट पहुंचे सहायक समिति प्रबंधकों का कहना है कि बफ र लिमिट से अधिक धान समिति में डंप है, जिससे सीधा नुकसान समितियां को होगा और इसी से समितियों के कर्मचारियों का जीवकोपार्जन होता है। हालात लगातार विपरीत होते जा रहे हैं। मार्केटिंग अधिकारी द्वारा डीओ जारी करने में कोताही बरती जा रही है। आसपास के जिले में धान का परिवहन हो रहा है पर बेमेतरा जिले में बेवजह रोक लगा दी गई है। 
समिति प्रबंधकों की ओर से दीपक साहू, नरेश साहू ने बताया कि धान में दीमक लगने, सुरही, चूहा, असमय बारिश, ओला गिरने, आंधी-तूफान व खुले आसमान के नीचे धान रखे होने की वजह से समितियों को धान सुरक्षित रखने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रबंधकों ने बताया कि पूर्व में काटे गए डीओ का पूरा धान उठाया नहीं गया है। इसके बचत धान के परिवहन का आदेश जारी किया गया है। समिति प्रबंधकों ने उठाव शुरू नहीं होने की स्थिति में आने वाले समय में काम बंद करने के संकेत दिए हैं। वहीं मामले को लेकर अपर कलेक्टर डॉ.अनिल बाजपेयी ने कहा कि संबंधितों के द्वारा धान उठाव करने की मांग की गई है। केंद्र से चावल आवंटन कम मिलने के कारण उठाव की गति मंद पड़ी है। आबंटन आने के बाद जल्द ही धान उठाव कराया जाएगा।

एक नजर आंकड़ों पर
जिले में धान खरीदी की मात्रा - 934686.68 टन
जारी किया गया डीओ - 703576.60 टन
डीओऑर्डर के बाद धान का उठाव - 676052.96 टन
समितियों में धान का स्टॉक - 258633.72 टन
नुकसान में चल रही समितियों की संख्या - 75 
 
जिले में परिवहन आदेश जारी नहीं किए जाने पर जिला विपणन अधिकारी उपेन्द्र कुमार ने बताया कि अधिक मात्रा में धान खरीदी की वजह से डीओ जारी नहीं हो रहा था। सेंट्रल से नया आदेश अब आया है। आने वाले एक दो दिन में डीओ जारी किया जाएगा । बहरहाल तय अनुबंध के बाद भी धान का उठाव नहीं होने की वजह से संभावित नुकसान को देखते हुए समिति प्रबंधक हलाकान हैं।
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