बेमेतरा

सहकारी समितियों में जरूरत की अपेक्षा सिर्फ एक तिहाई है रासायनिक उर्वरकों का स्टॉक
13-Apr-2024 2:58 PM
सहकारी समितियों में जरूरत की अपेक्षा सिर्फ एक तिहाई है रासायनिक उर्वरकों का स्टॉक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 13 अप्रैल। खरीफ फसल सीजन के शुरूवाती समय में खाद के दाम में इजाफा नहीं हुआ है। किसानों को खाद का दर नहीं बढऩे से राहत मिलेगा। जिले में खरीफ सीजन के दौरान प्रारंभिक जरूरत के लिए 50520 टन खाद वितरण का लक्ष्य तय किया गया है। जानकारी हो कि खरीफ फसल सीजन की तैयारी के लिए किसानों को प्री टाईम में खाद उपलब्ध कराया जाना है। प्रदेश में नये सीजन को देखते हुुए बीज की तरह खाद की नई दर घोषित की गई है।

हालांकि सभी प्रमुुख खाद का दाम यथावत रखा गया है, जिससे किसानों को राहत मिलेगा। घोषित किए गए नए दर में यूरिया 266.50 पैसा, सुपरफास्फेट 510 रूपया, डीएपी 1350 रूपया, पोटाश का दाम 1625 रूपया प्रति बैग का निर्धारित किया गया है। जिले में खरीफ सीजन के दौरान किसानों को निर्धारित दर पर केसीसी लोन के तौर पर खाद उपलब्ध कराया जाएगा। जिले में बीते सीजन के दौरान बेमेतरा, जेवरा, नवागढ़, दाढ़ी, मारो, संबलपुर, बेरला, साजा, देवकर, परपोड़ी, थानखम्हरिया, ठेलका, भिभौरी, देवरबीजा, खंडसरा, केहका, खर्रा, समेत सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के 19 शाखाओं में 110985 किसानों को 11487 लाख 56 हजार का कर्ज दिया गया था। जिसकी वसूली धान बेचने के दौरान लिकिंग कर किसानों से वसूल किया गया था।

83 हजार टन से अधिक की खपत का अनुमान

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में गत सीजन में 6 प्रकार के खाद की कुल 83594 टन का था जिसमें सहकारी समितियों के माध्यम सें 57636 टन खाद खरीदा गया था। वहीं जिले के निजी दुकानो से 25958 टन खाद किसानो द्वारा खरीदा गया था। वर्तमान समय में जिले के डबललॉक गोदाम में 16188 टन खाद एवं सिंगल लॉक गोदाम में 12090 टन खाद का स्टांक है। वही जिले के निजी दुकानों में 6460 टन का स्टॉक है।

 बहरहाल किसानो द्वारा फसल की तैयारी में जुटने से पूर्व खाद का अग्रिम भंडारण प्रारंभ कर दिया गया है।

कुल 14092 टन का स्टॉक

जिले के समितियों में खाद का भंडारण प्रारंभ कर दिया गया है। सीजन की तैयारी के लिए कुछ किसान खाद का उठाव करने लगे है। जिले में सीजन की शुरूवाती जरूरतों को देखते हुए 22980 टन यूरिया, 5820 टन सुपरफास्फेट, 15360 टन डीएपी, 3060 टन 12/32 खाद, 3300 टन पोटाश की खपत का अनुमान है। जिले में बीते सत्र का गोदाम में बचत स्टाक 12731 टन का है। वही प्रथम खेप के तौर पर जिले को 1403 टन खाद की आपूर्ति प्राप्त हो चुका हैं। जिले में कुल 14134 टन खाद में से 42 टन का उठाव होने के बाद 1292 टन का स्टाक समितियों के पास बचत है जिसमें 4554 टन यूरिया, 1274 टन सुपरफास्फेट, 3679 टन डीएपी व 2779 टन 12/32 3352 टन पोटाश का स्टाक है। उपलब्ध स्टाक जिले की शुरूवाती जरूरत के विपरीत 30 फीसदी के करीब ही है।

सीजन के दौरान 2 लाख हेक्टेयर में धान की खेती

जिले में कास्तकारी काम पूरी तरह धान पर निर्भर है। खरीफ सीजन में सबसे अधिक खेती धान की होती है। बीते सीजन के दौरान 202981 हेक्टेयर में धान का पैदावारी लिया गया था जिसमें 51338 हेक्टेयर बेमेतरा में, 527956 हेक्टेयर साजा में, 48543 हेक्टेयर नवागढ़ मेें एवं 50303 हेक्टेयर बेरला ब्लाक में धान की खेती किया जाता है। धान के रकबा को देखते हुए यूरिया और डीएपी का सबसे अधिक खपत होने के कारण पूरे सीजन में दोनों उर्वरक की मांग बरकरार रहता है। किसान मोहन वर्मा ने बताया कि दोनो खाद की सप्लाई अभी से जरूरत के अनुसार रखा जाता है तो किसानो को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

उपसंचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना ने कहा कि जिले में सत्र में करीब 83 हजार टन से अधिक खाद की खपत है, जिसमें यूरिया की खपत सबसे अधिक है।

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