बेमेतरा
![दीगर प्रदेशों से तिरपाल का कारोबार करने पहुंचे दर्जनभर लोग दीगर प्रदेशों से तिरपाल का कारोबार करने पहुंचे दर्जनभर लोग](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1717837659173.jpg)
वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर से सामने आएगी सच्चाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 जून। शहर में उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों के लोगों की आमद बढऩे से अपराध बढ़े हैं। यह कारोबारी तिरपाल, गैस चूल्हा, दर्री समेत अन्य वस्तुओं का कारोबार कर रहे हैं। यह सभी व्यापारी गांवो में घम-घूम कर लोगों को सामान बेच रहे हैं। गौरतलब कारोबारी व मकान मलिक थाने में विधिवत सूचना नहीं दे रहे हैं ऐसे में अपराध की घटनाएं घटित हो रही हैं।
बढ़ते अपराधों के बीच पुलिस बेखबर
‘छत्तीसगढ़’ की पड़ताल में दीगर प्रदेश से आए कारोबारी व्यापार में उपयोग होने वाली मोटरसाइकिल के मालिक व रजिस्ट्रेशन मालिक का नाम अलग-अलग है। वहीं कई गाडिय़ों के नंबर रजिस्ट्रेशन से मैच नहीं खा रहे हैं। उन्हें गलत बताया जा रहा है। इस मामले में मकान मालिक भी कोताही बरत रहे हैं, जो थानों में सूचना नहीं दे रहे हैं।
गन्ना बाडिय़ों में दीगर प्रदेश से आए लोग कर रहे काम
दीगर प्रदेश से आए लोग बड़े अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बीते दिन उत्तर प्रदेश बागपत से आए युवक के पैर में गोली लगने मामला हुआ। यहां पुलिस की जांच में अवैध हथियारों की खरीदी बिक्री का खुलासा हुआ। जिले की गन्ना बाडिय़ों में दीगर प्रदेश से आए लोग कार्यरत हैं, जो कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बाड़ी मालिक थाने में सूचना नहीं दे रहे हैं।
‘छत्तीसगढ़’ के खुलासे के बाद दीगर प्रदेश से आए लोगों को पुलिस ने खदेड़ा
‘छत्तीसगढ़’ द्वारा पुलिस को भैरव मंदिर के पास दो मकान में दीगर प्रदेश के लोगों के रहने की सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने सभी लोगों को थाना बुलाया। जहां वे संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे पा रहे थे। सभी लोगों को घर खाली कर बेमेतरा से जाने कहा गया। यहां भी दोनों मकान मालिकों द्वारा पुलिस को सूचना नहीं दी गई। वहीं संबंधित लोगों द्वारा भी थाने में मुसाफिर दर्ज नहीं कराई गई।
वाहनों के नंबर में मिली गड़बड़ी, कई के नंबर गायब
एमपी 43 एमएस 7050, एमपी 13, ईटी 2054, एमपी 1445 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में इस वाहन की जानकारी नहीं मिल पा रही है। एमपी 14 एमआर 4519 वाहन मालिक का नाम कैलाश बताया गया लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में नहीं दिखा रहा है। ऐसी गड़बडिय़ां अन्य 8 से 10 गाडिय़ों में पाई गई है। वहीं कई मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन नंबर वाहन अंकित नहीं है।
लोलेसरा में 15 से 20 लोग तिरपाल बेचने पहुंचे
ग्राम लोलेसरा में मुख्य मार्ग पर दो मकान में 15 से 20 लोगों के रहने की जानकारी मिली। यह लोग तिरपाल का कारोबार करने मध्य प्रदेश से आए हैं। इनके पास मौजूद मोटरसाइकिल की जानकारी जुटाने पर कई गाडिय़ों के नंबर गलत पाए गए। वहीं वाहन मालिक का नाम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से मैच नहीं खा रहा है।
बाहरी लोगों के पहचान से संबंधित दस्तावेज सत्यापित कराना अनिवार्य
इनके अलावा अस्थाई रूप से आने जाने वाले बाहरी व्यक्तियों की जानकारी के लिए ढाबा मकान मालिकों एवं व्यवसायिक परिसर के मालिकों को उनके प्रतिष्ठान पर ठहरने वाले व्यक्तियों के नाम पता की जानकारी देकर पहचान पत्र पुलिस से सत्यापित कराना होता है। मकान या दुकान में नए किराएदार, नौकर रखते समय उनकी संपूर्ण जानकारी एवं लिखित आवेदन बनाकर थाने में जमा करने का नियम होता है लेकिन ऐसा भी नहीं किया जा रहा है।
मुसाफिरी दर्ज करने की सुस्त व्यवस्था पर उठे सवाल-
कामकाज के लिए आने वाले दीगर प्रदेश के लोगों की मुसाफिरी दर्ज करने की सुस्त व्यवस्था आपराधिक घटनाओं का अंदेशा बढ़ा रही है। जिसमें मकान मालिक को दीगर प्रदेश से आए लोगों का पुलिस को सहयोग नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में चोरी-लूट सहित अन्य वारदातों के बाद पुलिस इलाके में चिन्हित आरोपियों को ही खंगालती रह जाती है और बाहर से आए अनजान बदमाश हाथ साफ कर गायब हो जाते हैं।
पटरी से उतरी व्यवस्था, की जा रही खानापूर्ति
पहले थाना क्षेत्र में आकर डेरा डालने वाले हर बाहरी व्यक्ति, कारोबारी या मजदूर-फेरी वाले को थाने में पहुंचकर अपना नाम-पता और पहचान दर्ज कराना होता था। यह व्यवस्था अनजान लोगों द्वारा वारदात को अंजाम देने के बाद गायब होने और पकड़ में न आने के कारण की गई थी। बिना मुसाफिरी दर्ज कराए थाना क्षेत्र में डेरा डालने वाले के खिलाफ भी पुलिस का रवैया सख्ती भरा होता था।
जांच के लिए पेट्रोलिंग टीम को भेजा जा रहा
थाना प्रभारी देवेंद्र वर्मा ने कहा कि मामले की जांच के लिए पेट्रोलिंग टीम को भेजा रहा है। आगे की कार्रवाई पेट्रोलिंग टीम के रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।