बेमेतरा
![समाधान महाविद्यालय में जीवन विद्या परिचय शिविर समाधान महाविद्यालय में जीवन विद्या परिचय शिविर](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1717949815MG-20240609-WA0144.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 9 जून। समाधान महाविद्यालय बेमेतरा में मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद आधारित चेतना विकास मूल्य शिक्षा कार्यशाला (जीवन विद्या परिचय शिविर) का आयोजन 1 जून से 7 जून तक किया गया। इस कार्यशाला में प्रबोधक के रूप में सुरेंद्र पाल अध्येता मध्यस्थ दर्शन (मानवीय शिक्षा शोध संस्थान अछोटी) उपस्थित हुए।
यह कार्यशाला महाविद्यालय के शिक्षकों, ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल एवं सृजन पब्लिक स्कूल के शिक्षकों के लिए आयोजित की गई। इस कार्यशाला में सार्वभौमिक सुख, शिक्षा और सामाजिक व्यवस्था को समझने के बारे में चर्चा हुई। साथ ही एक शिक्षक के रूप में मूल्य आधारित शिक्षा को समझने एवं अपने बच्चों को समझाने की आवश्यकता पर भी बात हुई।
सुरेंद्र पाल ने बताया कि स्वयं, परिवार, समाज, प्रकृति एवं अस्तित्व में व्यवस्था को समझकर एवं उसी के अनुरूप आचरण करने से ही मानव सुखपूर्वक रह सकता है। शिक्षा में चेतना विकास मूल्य शिक्षा को अपनाकर ही शिक्षा के अधूरेपन को पूरा किया जा सकता है तथा भावी पीढ़ी के रूप में एक स्वस्थ, सभ्य एवं समझदार नागरिक बना जा सकता है। परिवार में व्यवस्था के अंतर्गत व मूल्यों को लेकर चर्चा हुई तथा इन मूल्यों के साथ जीने में एक मानव का जीना सरल एवं सुखमय हो सकता है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी प्रतिभागियों द्वारा मिलकर पौधारोपण का कार्यक्रम भी किया गया। कार्यक्रम के समापन में शिक्षकों ने सात दिवसीय शिविर की उपलब्धि का मूल्यांकन भी दिया, जो काफी प्रेरणामयी रहा। इसके बाद सभी शिक्षकों को कार्यशाला में सहभागिता प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के अंत में समाधान महाविद्यालय एवं ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल की अध्यक्ष डॉ. अलका तिवारी एवं सृजन पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर वसीम खान ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस तरह मानव लक्ष्य के अर्थ में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रकृति के चारों अवस्थाओं में संबंधपूर्वक एवं पूरकता से ही मानव सुखपूर्वक एवं समृद्धिपूर्वक जी सकता है।