बेमेतरा
बेमेतरा, 14 जून। जिले के किसान अब अपनी खेती-बाड़ी में जुट गए हैं। जिले में ऋणी कृषकों की संख्या अधिक होने के कारण राज्य शासन द्वारा 60:40 के स्थान पर 70:30 के अनुपात में सहकारी और निजी दुकानों को खाद आबंटन करने का निर्णय लिया गया है अर्थात 70 फीसदी या 70 फीसदी से अधिक खाद रैक प्वाइंट से बेमेतरा जिले को खाद की आपूर्ति मार्कफेड के माध्यम से की जा रही है। कलेक्टर ने जिले को मिले खाद-बीज आंबटन और उनके भण्डारण तथा समितियों के माध्यम से किसानों तक वितरण व्यवस्था की पूरी गहनता से समीक्षा की।
कलेक्टर शरणबीर शर्मा ने कहा कि जिले को मिले खाद-बीज के आबंटन के आधार पर उपलब्ध खाद एवं बीज समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों को वितरण सुनिश्चित करें। बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में डीएपी खाद की मांग अधिक है, लेकिन इस खाद की उपलब्धता मांग के तुलना में कम है। डीएपी खाद के विकल्प में सिंगल सुपर फास्फेट खाद खेती-किसानी के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी और गुणकारी है।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि डीएपी खाद के विकल्प के रूप में खेती-किसानी के लिए सिंगल सुपर फास्फेट और एनपीके खाद की महत्व को किसानों को बताने की जरूरत है। कृषि विभाग के अधिकारी अपने अमलों के माध्यम से किसानों को खेती-किसानी के लिए समसमायिक उचित और सही सलाह दे, ताकि किसान भाई अपनी बेहतर खेती-किसानी कर सके।
कलेक्टर ने कहा कि खाद-बीज की उपलब्धता, भण्डारण एवं वितरण की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी।
कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि जिले के किसान उन्नत और स्वस्थ्य खेती करने के लिए डीएपी खाद के विकल्प में सुपर फास्फेट और एनपीके इफको खाद का उपयोग कर बेहतर पैदावार पा सकते है। यहाँ बताया गया कि जिले में वर्तमान में डीएपी खाद के अलावा 4250 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट और एनपीके खाद उपलब्ध है। सिंगल सुपर फास्फेट में फास्फोरस 16 प्रतिशत और 11 प्रतिशत सल्फर पाया जाता है। इसलिए जिले के किसान डी.ए.पी. के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट या एनपीके खाद का उपयोग कर सकते हैं।