राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : धोखाधड़ी-जालसाजी
20-May-2024 3:16 PM
राजपथ-जनपथ : धोखाधड़ी-जालसाजी

धोखाधड़ी-जालसाजी

बहुत सावधान रहने पर भी हर कुछ दिनों में हमारा नंबर वॉट्सऐप पर किसी विदेशी नंबर से सोने में पूंजीनिवेश बताने वाले ग्रुप में जोड़ दिया जाता है, या क्रिप्टोकरेंसी के दांव लगाने वाले ग्रुप में। ऐसे ग्रुप के तमाम एडमिन विदेशी फोन नंबरों वाले रहते हैं, और ग्रुप में माहौल बनाने वाले पांच-दस लोगों का ऐसा गिरोह रहता है जो लगातार यह गुणगान करते रहता है कि उन्हें इस ग्रुप से मिली टिप से कितना फायदा हो गया। लोग उन्हें होने वाली कमाई के बैंक से आए जैसे दिखने वाले तथाकथित संदेश का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट करते रहते हैं ताकि नए मुर्गों को भरोसा होता चले। ऐसे ग्रुप के एनालिस्ट की ऐसी भाषा में तारीफ होती है कि लोगों को लगे कि भगवान उनके हाथ लग गए हैं।

अभी गोल्ड इन्वेस्टमेंट से मोटी कमाई का झांसा देने वाले एक ग्रुप में हमें जोड़ा गया है जिसमें शामिल लोगों के नाम भी बड़े दिलचस्प हैं। इनमें एक जेफरी शुक्ला है, एक स्पेंसर शमा है, एक ट्राईसेडी विजय है, एक जालिम द्विवेदी भी है। बाकी सैकड़ों लोगों को इसमें जोड़ दिया गया है, और सैकड़ों लोग इसे छोड़ भी चुके हैं। एक नजर देखने पर इस ग्रुप को छोडऩे वाले लोग, ग्रुप में अभी भी जुड़े हुए लोगों के मुकाबले दस-बीस गुना दिख रहे हैं।

जो गिरोह के लोग हैं वे इस ग्रुप में मिली जानकारी के आधार पर पूंजीनिवेश करने से कितनी कमाई हुई इसे बताते नहीं थकते, और यह ग्रुप लोगों को जिस जगह पूंजीनिवेश सुझाता है उसके लिए आमतौर पर 20 सेकेंड का समय देता है, ताकि लोग अक्ल का इस्तेमाल न कर सकें। पिछले कुछ दिनों से हमने ऐसे एक ग्रुप में लेन-देन देखा, और झांसे के तौर-तरीके देखे। वॉट्सऐप पर एक विकल्प यह भी रहता है कि ऐसे धोखेबाज ग्रुप में जोडऩे के खिलाफ शिकायत की जाए, और जब सैकड़ों लोग ग्रुप को छोड़ रहे हैं, तो उनमें से कई लोगों ने इसकी शिकायत भी की होगी, लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम की तरह वॉट्सऐप भी मेटा कंपनी का कारोबार है, और हो सकता है कि इस कंपनी की दिलचस्पी धोखेबाजों पर कार्रवाई में न हो।

गूगल से जवाब-तलब

दुर्ग में कुछ दिन पहले एक व्यापारी के साथ गूगल में मिले फर्जी कस्टमर केयर नंबर से संपर्क करने पर 5 लाख रुपये की ठगी हो गई थी। ऐसे पिछले कई मामलों को देखते हुए दुर्ग के आईजी ने गूगल के नोडल अधिकारी को पत्र लिखकर फर्जी कस्टमर केयर नंबरों को सर्च इंजन से हटाने कहा है। फर्जी कस्टमर केयर नंबर से साइबर ठगी देशभर में तेजी से बढ़ी है। फरवरी 2024 में केंद्र सरकार ने 3.08 लाख सिम और 2000 आईएमईआई ब्लॉक करने की जानकारी दी थी। फ्रॉड करने की नीयत से तैयार 2000 यूआरएल (वेबसाइट) और 19 हजार से अधिक ग्रुप एसएमएस इकाईयों को काली सूची में डालने की बात कही गई  तथा 500 से अधिक गिरफ्तारी की गई। इसके बावजूद जिस रफ्तार से छत्तीसगढ़ और देश के बाकी हिस्सों से फोन और एसएमएस के जरिये ठगी की जा रही है, उससे साफ है कि ये प्रयास नाकाफी हैं। दुर्ग आईजी के पत्र को भेजे 4 दिन बीत चुके हैं, पर जैसी जानकारी है, अभी तक गूगल की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। ज्यादातर वे लोग ठगे जा रहे हैं जो किसी बैंक, बीमा कंपनी और प्रोडक्ट की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कस्टमर केयर का अधिकृत नंबर ढूंढने की मेहनत भी नहीं करना चाहते। साइबर फ्रॉड में लगे लोग तकनीकी रूप से एडवांस भी हैं। सर्च करने के पैटर्न को समझकर वे अपना लिंक इस तरह से बनाते हैं कि सर्च करने पर फर्जी नंबर सबसे पहले दिखाई देते हैं। अब गूगल का जवाब मिलने पर पता चलेगा कि उसे आईजी के पत्र की कितनी परवाह है।

धूप के चश्मे में माता रानी

बस्तर के कांगेर नेशनल पार्क के भीतर बसे कोटमसर की गुफाएं तो हतप्रभ करती हैं। यहां की बास्ताबुंदिन देवी का मंदिर भी प्रसिद्ध है। देवी दर्शन के लिए पहुंचने वाले लोग उन्हें चश्मा चढ़ाते है। इस अनोखी परंपरा का एक भावनात्मक कारण है। ग्रामीण मानते हैं कि यह देवी जंगल और उनकी रक्षा के लिए है। वे चश्मा पहनकर इसकी सुरक्षा बेहतर तरीके से कर सकती हैं। बरसों पहले किसी ने देवी को इसी भाव से चश्मा पहनाया होगा, बाद में यह परंपरा बन गई।

अब स्थानीय सरकार की बारी

प्रदेश के अधिकांश नगरीय निकायों का कार्यकाल कुछ महीने बाद खत्म हो रहा है। इसी साल नवंबर-दिसंबर में इनमें फिर से चुनाव होने का अनुमान है। सन् 2019 में कांग्रेस सरकार ने नगर निगमों में महापौर व अन्य निकायों में अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया बदल दी थी। इनका चुनाव आम मतदाताओं ने नहीं बल्कि पार्षदों ने किया। परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी नगर निगमों में कांग्रेस का कब्जा हो गया। अधिकांश नगरपालिकाओं व नगर पंचायतों में भी यही स्थिति रही। भाजपा ने इस पद्धति का जमकर विरोध किया था। अब संकेत यही है कि एक बार फिर मतदाताओं को फिर एक साथ दो वोट करने का मौका मिलेगा। एक वोट पार्षद के लिए दूसरा अध्यक्ष या महापौर के लिए। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही भाजपा ने इन चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक लोकसभा के चुनाव परिणाम के तुरंत बाद प्रदेश व जिलों के स्तर पर संगठन में नगरीय चुनावों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक फेरबदल किया जाएगा। इसी के साथ निगमों-मंडलों में नियुक्ति का सिलसिला भी शुरू होगा।  ([email protected])

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