बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 22 मई। ग्राम नवलपुर की एक बालिका जिसकी उम्र महज 16 वर्ष 7 माह की है। उक्त बालिका बाल विवाह की जानकारी प्राप्त हुई थी। उक्त ग्राम में महिलांगे परिवार की बालिका का बाल विवाह होने जा रहा था। बाल विवाह किये जाने की सूचना पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड हल्पलाईन 1098 एवं पुलिस विभाग के संयुक्त टीम द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर बाल विवाह को रोकवाया गया।
उक्त बालिका की बारात ग्रान हीरापुर, जिला कवर्धा के कोसले परिवार से आना था। सूचना के पश्चात टीम द्वारा बालिका के परिजनों के समक्ष कार्रवाई किया गया। बालिका के परिजनों के द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने के लिए अपनी सहमति प्रदान की गई तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई।
युवक के परिजनों के कथन अनुसार हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समझाईश दिये जाने पर वधु पक्ष द्वारा उक्त बालिका की विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत विवाह किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया गया।
संयुक्त टीम द्वारा उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है। बाल विवाह कराने वाले सभी सेवा प्रदाताओं पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है. तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रू. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।