राजपथ - जनपथ
खर्च और विवाद
रायपुर की एक सीट पर कांग्रेस के चुनाव संचालकों के बीच आपस में खींचतान शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रत्याशी सीधे-सरल हैं, और वो सब पर भरोसा करते हैं। मगर संचालकों की वजह से प्रचार तंत्र बिखरता दिख रहा है। हालांकि कुछ नेता जरूर ईमानदारी से काम करते दिख रहे हैं। मगर उनके विरोधी ही मेहनत पर पलीता लगाने में पीछे नहीं हैं।
हुआ यूं कि प्रत्याशी का प्रचार व्यवस्थित ढंग से करने की रणनीति बनाई गई थी। और एक संचालक ने कार्यकर्ताओं के खाने-पीने के लिए रसोई भी शुरू करवा दी। ये बात संचालक मंडल से जुड़े एक अन्य सदस्य को पसंद नहीं आई। उन्होंने तुरंत मीडिया में खबर चलवा दी।
हाल यह हो गया कि चारों विधानसभा से कार्यकर्ता खाने-पीने के लिए वहां पहुंच जा रहे हैं। इससे खाने-पीने का खर्च चार गुना बढ़ जा रहा है। इस तरह संचालन समिति के सदस्य एक-दूसरे को झटका दे रहे हैं। हालांकि सीएम खुद प्रचार तंत्र पर नजर रखे हुए हैं। देखना है आगे क्या होता है।
भाजपा दिग्गजों के रोड शो
भाजपा ने दिग्गज नेताओं के रोड शो का कार्यक्रम किया है। पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का अलग-अलग शहरों में रोड शो होगा।
मोदी धरसींवा से लेकर रायपुर की चारों सीट से होते हुए आरंग तक रोड शो कर सकते हैं। इस पर चर्चा चल रही है। योगी आदित्यनाथ की दर्जनभर सभाएं होंगी। ये सभाएं मैदानी इलाकों में होंगी। सभा की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश की तकरीबन सभी सीटों पर रोड शो का प्लान तैयार किया गया है। देखना है कि रोड शो से कितना फायदा होता है।
नेताम के बाद रेणुका का वीडियो
भाजपा नेताओं के पुराने वीडियो इन दोनों सोशल मीडिया पर एक के बाद एक वायरल हो रहे हैं। दो दिन पहले रामानुजगंज के भाजपा प्रत्याशी राम विचार नेताम का वीडियो छाया था, जिसमें वे भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे लगाते दिख रहे थे। यह 3 साल पुराना वीडियो था, जिसे इस तरह से पेश किया गया मानो वह अभी के चुनाव प्रचार का हो। अब एक वीडियो क्लिप भरतपुर-सोनहत प्रत्याशी केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का आया है। 3000 से अधिक फॉलोवर वाले छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री नाम के अनवेरीफाइड ट्विटर पेज पर रेणुका सिंह का 28 सेकंड का एक वीडियो 29 अक्टूबर को पोस्ट किया गया है, जिसमें वह सामने खड़े कुछ कर्मचारियों को धमका रही हैं कि भगवाधारी भाजपा कार्यकर्ताओं को कमजोर मत समझना। ...जनपद और तहसील में बैठकर जो भेदभाव कर रहे हो ना, भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ.. भूल जाइए। अंधेरी कोठरी में ले जाकर ना, मैं बेल्ट खोलकर ठोकना जानती हूं अच्छे से।
दरअसल यह वीडियो मई 2020 का है। कोविड-19 महामारी का दौर था। इस दौरान बलरामपुर जिले के एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में कर्मचारियों को उन्होंने धमकी दी थी। इसका वीडियो उसी समय वायरल भी हो गया था।
नेताम और रेणुका सिंह दोनों के ही वीडियो पुराने हैं पर इन्हें विधानसभा चुनाव से जोडक़र दिखाया जा रहा है। दूसरे चरण के चुनाव प्रचार में अभी और तेजी आने वाली है। देखना होगा कि सोशल मीडिया पर कांग्रेस से ज्यादा सक्रिय रहने वाली भाजपा कोई जवाबी हमला कर पाती है या नहीं।
चुनावी रैली का एक सीन ऐसा भी...
ड्डचुनावी सभाओं में जय जयकार, जिंदाबाद, जोशीले नारे और तालियों की गडग़ड़ाहट सुनाई-दिखाई देना आम बात है। मगर कांग्रेस की प्रियंका गांधी के भाषण के दौरान बिलासपुर की सभा में मौजूद कुछ महिलाएं सिसकने-सुबकने लगीं। दरअसल भाषण के बीच में प्रियंका गांधी बताने लगीं कि किस तरह बचपन में उन्होंने और राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की मौत का खौफनाक दृश्य देखा, और दोनों को खो देने का उन पर और राहुल पर क्या असर हुआ। प्रियंका का भाषण करीब 6 मिनट तक इसी पर था, जिसे सुनकर सभा में पहुंचे कई लोग भावुक हो गए थे।
चुनाव में रेलवे की सावधानी..
छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों को विकास, मरम्मत आदि की वजह से रद्द करने का सिलसिला इन दिनों थमा हुआ है। वरना यह सिलसिला एक के बाद एक चलता है। इसे इन दिनों चल रहे विधानसभा चुनाव के साथ जोडक़र देखा जा रहा है। यहां तक तो ठीक है, पर ट्रेनों के घंटों विलंब से चलने की स्थिति नहीं सुधर पाई है। कल राजेंद्रनगर से दुर्ग के लिए चलने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस 10 घंटे देर से चली वहीं पुरी से आने वाली उत्कल एक्सप्रेस करीब 14 घंटे। कई दूसरी ट्रेनों का भी यही हाल था। इसका कारण सामने आया कि राउरकेला के पास बिसरा नाम के एक स्टेशन पर कई घंटे तक रेलवे के खिलाफ ही रेल रोको आंदोलन चला। यदि किसी रेल रोको आंदोलन के चलते आवागमन पर असर पड़ता है तो रेलवे इसकी सूचना जनसंपर्क विभाग के जरिये जरूर देता है। पर इस बार कोई जानकारी नहीं दी गई। शायद रेलवे को लगा होगा कि नाहक इसे क्यों फैलाया जाए। छत्तीसगढ़ में भी तो रेलवे की चाल को लेकर लोगों में नाराजगी है। उनका ध्यान रेलवे की ओर से हटा रहे।
रजनीश की अग्नि परीक्षा
बेलतरा के विधायक रजनीश सिंह को अधर में लटकाए रखने के बाद अंतिम सूची में आखिर भाजपा ने उनकी टिकट काट दी। इस झटके से सिंह उबर पाए ही नहीं थे कि पार्टी ने उन पर एक बड़ा बोझ डाल दिया है। उसी बेलतरा सीट से उनको चुनाव संचालक बना दिया गया, जहां से वे दोबारा खुद चुनाव लडऩे की उम्मीद कर रहे थे। अब उन पर जिम्मेदारी है कि अपनी पीड़ा और मलाल को दबाकर अधिकृत प्रत्याशी सुशांत शुक्ला को जिताने के लिए काम करें। आम तौर पर टिकट के मजबूत दावेदारों को दूसरे विधानसभा क्षेत्रों का काम सौंप दिया जाता है, पर भाजपा ने उसी पर प्रत्याशी को जिताने की जिम्मेदारी डाल दी। समस्या यह है कि यदि रजनीश सिंह की मेहनत के बाद भी भाजपा यहां की सीट नहीं निकाल पाई तो भी उन पर आरोप लग सकता है कि ठीक तरह से काम नहीं किया और टिकट कटने का हिसाब
चुका दिया।
सरल और सहजता में उलझे नेताजी
बड़े सहज, सरल हैं डिप्टी सीएम हैं। न काहू से बैर के बड़े प्रवर्तक भी हैं। लेकिन जाने अनजाने मुश्किल में पड़ ही जाते हैं। पिछले माह पीएम मोदी के लिए मिनिस्टर इन वेटिंग बने और मंच से तारीफ कर दी। जबकि कांग्रेस की मोदी से बड़ी अदावत रही है। नतीजे में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष की चेतावनी झेलनी पड़ी। अब वे एक नई दिक्कत में पड़ते दिख कहे। उन्होंने दिल्ली की एक ऐसी पत्रकार को लंबा- चौड़ा इंटरव्यू दे दिया। इस पत्रकार से कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने चर्चा पर रोक लगाई है। सुनते हैं यह बात कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर गठबंधन के नेताओं तक फैल गई है । अब नेतृत्व के रूख का इंतजार है।