राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : अब टोकन की गलती नहीं
29-Nov-2023 4:27 PM
राजपथ-जनपथ : अब टोकन की गलती नहीं

अब टोकन की गलती नहीं 

भाजपा के रणनीतिकार अन्य दलों के मजबूत उम्मीदवारों पर नजर रखे हुए हैं। रणनीतिकारों का मानना है कि बहुमत नहीं मिलने पर अन्य दलों के समर्थन की जरूरत पड़ सकती है। भाजपा के कुछ प्रमुख नेता निजी चर्चा में 40 से 42 सीट मिलने की उम्मीद जता रहे हैं। 

हालांकि पार्टी के कई नेता ऐसे भी हैं, जो कि पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद पाले हुए हैं। इससे परे अन्य दलों में बसपा के दो, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के दो और एक निर्दलीय व जोगी कांग्रेस के एक प्रत्याशी की स्थिति मजबूत बताई जा रही है। भाजपा के नेता अन्य दलों के संपर्क में तो हैं, लेकिन चुनाव नतीजे देखकर ही आगे कोई कदम उठाने की सोच रहे हैं। 

पार्टी के कुछ लोग बताते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में रणनीतिकारों को धोखा हुआ था, और काफी कुछ चपत लग गई थी।  हुआ यूं कि रणनीतिकारों को भरोसा था कि पार्टी थोड़ी दूर रहेगी। ऐसे में मतगणना से पहले ही अन्य दलों के कुछ मजबूत उम्मीदवारों को टोकन दे दिया था। मगर भाजपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद टोकन वापसी के लिए पहल की गई, लेकिन उम्मीदवारों ने  हाथ खड़े कर दिए। पिछले अनुभव को देखते हुए इस बार रणनीति बदली गई है, और चुनाव नतीजे आने के बाद ही कोई फैसला लेने की बात कही जा रही है।  

पड़ोस प्रेम 

छत्तीसगढ  में जिनके नाम से राजकाज चलता है उनकी हाईकमान से शिकायत की खबर है । दरअसल ये संवैधानिक नेता जी पड़ोसी राज्य में अघोषित गठबंधन वाली पार्टी की सरकार के  कामकाज को लेकर लगातार घेरे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने गृह प्रदेश के दौरे भी बढ़ा लिए हैं। लगातार आमदरफ्त हो रही है। जब जाते हैं सरकार को घेर आते हैं। वर्ष 2000 से 09 तक गठबंधन सरकार में मंत्री रहे हैं इसलिए सरकारी कामकाज के लूपहोल जानते हैं। इसे लेकर भाजपा हाईकमान के संदेश भी भेजा गया है। इसका असर आने वाले दिनों में देखना होगा। लेकिन  इससे परेशान दल के दो नेताओं सश्मित पात्रा, प्रियव्रत मोहंती ने मीडिया से कहा है कि नेताजी, पुत्र को प्रदेश भाजपा में स्थापित करना चाहते हैं,इसलिए यह बयानबाजी करते रहते हैं। वैसे बेटा अभी प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर है।

जश्न के हफ्ते का बिजनेस

आम हिंदू परिवार मुहूर्त और पंचांग से बाहर जाकर विवाह की तिथि तय नहीं करता। ज्योतिषियों ने बताया है कि दिसंबर में 4 से लेकर 9 तारीख तक उसके बाद 11 और 15 दिसंबर को ही शादियां हो सकती हैं। दिसंबर के बाद अगले साल फरवरी में मुहूर्त हैं। दिसंबर के पहले सप्ताह में  ही खूब शादियां होने जा रही हैं। इधर विधानसभा चुनाव की मतगणना भी 3 दिसंबर को हो रही है। इसमें भी जीत का जश्न मनाया जाएगा। रैलियां निकलेगी, जिनमें फूल माला, बैंड बाजे, पटाखे और गाडिय़ों की जरूरत वैसी ही पड़ेगी, जैसी शादियों में होती है। कुछ फूल माला और बैंड बाजे वाले बता रहे हैं कि पहले हफ्ते के लिए उन्हें एडवांस आर्डर खूब मिल रहे हैं। जैसे-जैसे दिसंबर नजदीक आ रहा है, वे एडवांस की रकम बढ़ा रहे हैं। खासकर जो जुलूस वाली बुकिंग हैं उनमें। कहीं-कहीं 100 फीसदी एडवांस भी लिया जा रहा है, क्योंकि नतीजा अनुमान के अनुसार नहीं आया तो बुकिंग कैंसिल हो सकती है। वैवाहिक समारोह तय कर चुके उन लोगों को दिक्कत नहीं है, जो काफी पहले बुकिंग करा चुके हैं। पर जो देर से आ रहे हैं उन्हें अधिक खर्च करना पड़ रहा है।

महतारी जतन की यहां भी जरूरत..

मिनी माता छत्तीसगढ से पांच बार सांसद रहीं लेकिन उनकी पहचान समाज सुधारक के रूप में अधिक थी। उनके नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार महतारी जतन योजना चलाती है, जिसमें गर्भवती श्रमिक महिला को 20 हजार रुपये की सहायता मिलती है। आम तौर पर विभूतियों के नाम पर चौक-चौराहों का नामकरण कर तो दिया जाता है पर बाद में उसकी बदहाली की ओर से किसी का ध्यान नहीं जाता। रायगढ़ के मिनी माता चौराहे में उनके चबूतरे का हाल यही बता रहा है।

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