राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : अफ़सरों का रतजगा
16-Mar-2024 4:28 PM
 राजपथ-जनपथ : अफ़सरों का रतजगा

अफ़सरों का रतजगा

भूपेश सरकार की कई परंपराओं को साय सरकार नहीं बदल सकी है। अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को ही लीजिए, भूपेश सरकार ने सबसे पहले आधी रात डीजीपी ए.एन.उपाध्याय को बदलकर डी.एम.अवस्थी को प्रभारी डीजीपी बना दिया था। फिर रातों-रात सीएस अजय सिंह की कुर्सी सुनील कुजूर को सौंप दी थी।

भूपेश सरकार ने एक साथ 50 से अधिक आईएएस अफसरों के तबादले किए थे। तबादले की सूची आधी रात जारी की गई थी। इसके बाद से देर रात आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के तबादले का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अब तक जारी है।

साय सरकार ने सबसे पहले 83 आईएएस अफसरों के तबादलों की सूची जारी की थी जो कि अब तक की सबसे बड़ी सूची है। यद्यपि इसमें सिर्फ डेढ़ दर्जन कलेक्टर ही बदले गए थे। जबकि भूपेश सरकार ने एक साथ 22 कलेक्टरों को बदल दिया था जबकि उस समय जिलों की संख्या कम थी। और कोरोना का भी माहौल था।

हाल यह है कि अब अफसरों को तबादले के इंतजार में देर रात तक जागना पड़ रहा है। आधी रात सूची निकालने की परंपरा क्यों शुरू की गई, इसकी कोई ठोस वजह नहीं है। ये बात अलग है कि इससे जीएडी के स्टॉफ परेशान जरूर हो जाते हैं।

एक पंडाल, तीन बिल

छह दिन पहले हमने इसी कॉलम में एक पंडाल तीन सम्मेलन के आयोजन का उल्लेख कर सरकार की मितव्ययिता की तारीफ की थी। और यह भी आशंका जताई थी कि इस एक पंडाल का बिल, क्या एक ही बनेगा या अफसर अपने अपने विभाग के लिए अलग अलग बनाएंगे। साइंस कॉलेज मैदान में  सजाए गए इस पंडाल में  पिछले सप्ताह लगातार तीन दिन  महिला, किसान और पंचायत सम्मेलन हुए।

हर रोज केवल विभाग के होर्डिंग,फ्लैक्स और ड्रापआउट (मंच के पीछे की दीवार पर लगने वाला विशाल पोस्टर) बदल कर सफल आयोजन हुआ। तीनों के समापन के बाद  किराया भंडार वालों अफसरों के साथ सेटिंग कर तीन पंडाल लगाना बताकर बिल पेश किया। मंत्री जी के पास पहुंचे तो करीबियों ने तीन का बिल नामंजूर करने जोर दिया । मंत्री ने किया भी ऐसा। ना नुकुर के बाद अंतत: इस बात पर सहमति बनी कि तीनों ही विभाग वन-थर्ड, वन-थर्ड के अनुपात में बिल पे करेंगे।

दिन में रौशन सडक़

दुर्ग का जेल तिराहा। स्ट्रीट लाइट दिन में भी जल रही है। छत्तीसगढ़ के कई शहरों का यही हाल है। अधिकांश नगर-निगमों की बकाया बिल भुगतान के लिए बिजली विभाग से ठनी रहती है। छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन में सरप्लस रहता है, इसका मतलब यह नहीं कि यह मुफ्त मिलती है।

युवा हाथों में प्रशासन

छत्तीसगढ़ में आईएएस लॉबी में समय के साथ परिवर्तन होता रहा है। पहले ओडिशा लॉबी पॉवरफुल थी। इसके बाद साउथ के अफसर शासन चलाते थे। फिर छत्तीसगढिय़ा अफसरों की बारी आई। अब यंग अफसरों की बारी है। 2005 और 2006 बैच के अफसर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में हैं। आईएएस ही नहीं, आईपीएस लॉबी में भी यही बैच पॉवरफुल है।

पारदर्शी कलेक्ट्रेट

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की कार्रवाई का सीधा प्रसारण शुरू हो जाने से लोगों को अदालती कार्रवाई समझने में मदद मिल रही है। अब छत्तीसगढ़ के एक जिले में कलेक्ट्रेट की कार्रवाई की लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है। सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर जिला दंडाधिकारी के रूप में गुरुवार के दिन जब अपनी कोर्ट में बैठते हैं, तो उसका यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में यह पहला प्रयोग है। राजस्व के बहुत से मामलों में पक्षकारों को हाजिर होने की जरूरत नहीं पड़ती, उनके वकील ही बहस करते हैं। अब वे घर बैठे कार्रवाई देख सकते हैं। ([email protected])

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