राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : सत्ता बाजार और सट्टा बाजार
12-Apr-2024 3:06 PM
	 राजपथ-जनपथ :  सत्ता बाजार और सट्टा बाजार

सत्ता बाजार और सट्टा बाजार 

लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित होंगे। इससे पहले सट्टा बाजार में केंद्र में सरकार बनाने को लेकर भाव खुल चुके हैं। चर्चा है कि फलौदी सट्टा बाजार में अकेले भाजपा को 316 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है। यानी इससे कम सीट पर भाव लगाने पर दोगुनी रकम मिलेगी। 

कहा जा रहा है कि अभी राज्यों की सीटों पर भाव नहीं लग रहा है। वैसे सटोरिए फिलहाल छत्तीसगढ़ की सभी सीट भाजपा की झोली में जाने का अनुमान लगा रहे हैं। बाजार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हफ्तेभर के भीतर राज्यवार सीटों पर भाव लगेंगे। 

हालांकि सट्टा बाजार का अनुमान विधानसभा चुनाव में गलत साबित हुआ था। सट्टा बाजार ने कांग्रेस को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया था। जबकि भाजपा को विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है। लोकसभा चुनाव में क्या कुछ होता है, यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा। 

एक फंदे से निकले, दूसरे में फँसे 

चर्चा है कि ईडी ही नहीं एसीबी के छापे भी लीक हो रहे हैं। एसीबी ने शराब घोटाला केस में 21 ठिकानों पर छापेमारी की, और मुख्य आरोपी एपी त्रिपाठी को बिहार से गिरफ्तार कर लिया। जो ईडी के इसी केस में जमानत पर थे। एसीबी ने त्रिपाठी के अलावा अनवर ढेबर, और अरविन्द सिंह को भी गिरफ्तार किया है। मगर कांग्रेस नेता पप्पू बंसल के यहां छापेमारी की खूब चर्चा हो रही है। 

दिलचस्प बात यह है कि पप्पू बंसल के यहां सालभर पहले ईडी ने छापेमारी की थी। तब भी पप्पू बंसल घर पर नहीं थे। और गुरुवार को एसीबी ने पप्पू बंसल के भिलाई-3 निवास पर दबिश दी, तब भी वो घर पर नहीं मिले। सुनते हैं कि पप्पू बंसल बुधवार की रात घर पर ही थे। इसके बाद कहीं चले गए। एसीबी ने कई जगह पूछताछ की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद पप्पू बंसल के घर को सील कर दिया गया है। चर्चा है कि एसीबी के छापे की खबर पप्पू बंसल को पहले ही मिल गई थी। अब आगे क्या होता है, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। 

कवासी का हाल 

बस्तर में पीएम की सभा के बाद भाजपा के पक्ष में माहौल बना है। कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने सीमावर्ती इलाकों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का सोचना है कि यदि जगदलपुर, नारायणपुर और कोंडागांव से कांग्रेस पिछड़ती भी है, तो इसकी भरपाई बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा आदि क्षेत्रों से हो जाए। 

बीजापुर में प्रचार के लिए तेलंगाना सरकार के मंत्री भी आए हैं। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। इसके अलावा सुकमा में भी बड़ी बढ़त की उम्मीद पाले हुए हैं। मगर भाजपा इन तीनों क्षेत्रों में भी प्रचार में कांग्रेस से कम नहीं है। सुकमा में तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कभी बढ़त नहीं मिली है। खुद कवासी विधानसभा चुनाव तो जीत गए थे, लोकसभा उप चुनाव में अपने क्षेत्र से पिछड़ गए थे। अब इस बार क्या रहता है यह तो नतीजे आने के बाद पता चलेगा। 

रामनवमी और चुनावी जुलूस

देश की 102 सीटों पर पहले चरण में लोकसभा चुनाव हो रहा है, जिनमें तमिलनाडु, उत्तराखंड और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों की असम छोडक़र लगभग सारी सीटें, राजस्थान की 12 सीटें, मध्यप्रदेश के मंडला इलाके की सीटें और छत्तीसगढ़ की केवल एक बस्तर सीट शामिल है। यह संयोग है कि चुनाव प्रचार के आखिरी दिन ही रामनवमी है। रामनवमी पर शहरों-गावों में शोभायात्रा और जुलूस निकाले जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों से यह परम्परा और व्यापक होती गई है। एक ही समय में रामनवमी का जुलूस निकलेगा और चुनाव अभियान की रैलियां, सभाएं होगी। चुनाव प्रचार को शाम 5 बजे तक ही छूट मिलती है, पर रामनवमी का चुनाव से कोई सीधा संबंध है नहीं। एक राजनीतिक कार्यक्रम है तो दूसरा धार्मिक। पर मुमकिन है कि दोनों कई जगह एक दूसरे से मिल जाएं। निर्वाचन प्रेक्षकों को नजर रखनी पड़ेगी कि धार्मिक जुलूस का चुनाव के लिए इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है। पुलिस के सामने भी कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए कुछ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। कांग्रेस भाजपा दोनों ही कोशिश कर सकती हैं कि रामनवमी के लिए निकली भीड़ का रुख अपनी ओर करें। अनुमान लगाएं, फायदा किसे मिलेगा?

बीजेपी का मीडिया मैनेजमेंट

लोकसभा चुनाव में भाजपा पूरी तैयारी से उतरी है। संगठन के कई लोग प्रबंधन में लगे हैं, जिनकी विपक्ष की हर एक गतिविधि पर पैनी नजर है और फील्ड पर काम करने वालों को तुरंत निर्देश जारी कर दिया जाता है और एक जैसी प्रतिक्रिया पूरे प्रदेश में एक साथ दी जाती है। बस्तर के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा का कथित बयान कवासी जीतेगा, मोदी मरेगा, जैसे ही सामने आया सोशल मीडिया पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया शुरू कर दी। इतना ही नहीं गुरुवार को प्रदेश के सभी अधिकांश जिला मुख्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता या विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर बयान की निंदा की। ऐसा ही तब देखने मिला जब राजनांदगांव में डॉ. चरण दास महंत ने मोदी का सिर फोडऩे की बात कही थी। दो चार घंटे के भीतर ही सोशल मीडिया पर मंत्री, विधायकों, पदाधिकारियों के अपलोड हो गए। महंत कह रहे थे तिल का ताड़ बना दिया, उधर भाजपा की ओर से निर्वाचन आयोग में उसी दिन शिकायत भी हो गई। दूसरी तरफ ऐसे मामलों में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व्यक्तिगत रूप से प्रतिक्रिया दे रहे हैं या राजीव भवन से वक्तव्य जारी कर रहे हैं। मीडिया के जरिये चौतरफा हमले में वह कमजोर दिखाई दे रही है।

चंदिया के घड़े छाए...

बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर चंदियारोड एक छोटा सा स्टेशन है। इसी स्टेशन से उतरकर चंदिया कस्बे में पहुंचा जा सकता है। यहां की सुराही और घड़े बहुत प्रसिद्ध हैं। इन दिनों रायपुर, बिलासपुर सहित कई शहरों में चंदिया से कुम्हारों की टोली ट्रकों में मिट्टी के आकर्षक बर्तन लेकर पहुंचे हैं। वे बताते हैं कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी उनके मिट्टी के बर्तनों की मांग है। चंदिया क्षेत्र के सैकड़ों परिवार इसी व्यवसाय से जुड़े हैं। जो कुम्हार परिवार यहां मटके लेकर आये हैं, उनमें से ज्यादातर लोग इसे खुद नहीं बनाते, बल्कि सिर्फ वहां से लाकर इन्हें बेचते हैं। इनका कहना है कि चंदिया की मिट्टी में खासियत ही कुछ ऐसी है कि इसके ग्राहक दूर-दूर तक मिल जाते हैं। पिछले कुछ दिनों से गर्मी कम होने से उनकी बिक्री घट गई है पर उन्हें मालूम है कि आगे गर्मी के काफी दिन बचे हैं। हर साल की तरह इस साल भी पूरा माल बेचकर ही जाएंगे।  

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