राजपथ - जनपथ
आला अफ़सरों का कनेक्शन
ये एक संयोग है कि केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए, और एनएसजी के नए चीफ सदानंद दाते व नलिन प्रभात छत्तीसगढ़ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
दाते आईपीएस के 90 बैच के अफसर हैं। उन्हें बेहद काबिल अफसर माना जाता है। दाते मुंबई में आतंकवादी हमले के खिलाफ अभियान में अहम भूमिका निभाई थी। वो लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के आईजी भी रहे। इस दौरान राज्य पुलिस से सीआरपीएफ का तालमेल बेहतर रहा, और सुरक्षा बलों के सहयोग से नक्सल प्रभावित इलाकों में काफी निर्माण कार्य भी हुए।
दूसरी तरफ, नलिन प्रभात आईपीएस के 92 बैच के अफसर हैं वो भी सीआरपीएफ के डीआईजी के रूप में बस्तर में पोस्टेड रहे हैं। सदानंद दाते के उलट नलिन प्रभात के कार्यकाल में राज्य पुलिस के साथ सीआरपीएफ का तालमेल अच्छा नहीं रहा। उनके कार्यकाल में नक्सल विस्फोट में करीब 73 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे। नलिन प्रभात की कार्यप्रणाली पर काफी सवाल भी उठे थे। वो प्रकरण के जांच के घेरे में भी आए लेकिन उन्हें क्लीनचिट मिल गई। अब वो एनएसजी संभाल रहे हैं।
सब फूल छाप
एक जानकारी के अनुसार अब तक तेइस, चौबीस हजार लोग फूल छाप हो चुके हैं। यह सिलसिला जारी है । इस दावे के साथ दो दिन पहले भाजपा कांग्रेस के प्रवक्ता टीवी डिबेट से बाहर निकले। भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेसी से कहा अब राजीव भवन में कोई नहीं बचा तुम भी आ जाओ। और हाथ पकड़ ठाकरे परिसर ले जाने लगे। कांग्रेसी ने कहा जो गए हैं वो कारोबारी नेता थे, डिपार्टमेंट में बिल अटके पड़े हैं। मेरा कोई बिल नहीं दिल है कांग्रेस में। हां दिल से एक भाजपाई, और शरीर से कांग्रेसी नेता को ले जाओ, हमारा काम आसान कर दो। ये कौन हैं- नेता ने पूछा,तो जवाब मिला, राजधानी के एक पूर्व महापौर। सही है दोबारा महापौर बनने का मौका नहीं मिला, विधानसभा की टिकट नहीं मिली, लोकसभा के लिए भी मना कर दिया गया। नाराजगी स्वाभाविक है। बताते हैं भाजपाई डोरे लेकर सक्रिय हो गए हैं। देखना है यह प्रवेश 7 मई से पहले होता है या नहीं।
भाजपा प्रवेश, एक सच्चाई यह भी
भाजपा प्रवेश करने की इन दिनों कांग्रेसियों में होड़ लगी है। इनके प्रवेश के पीछे न तो राम मंदिर, न मजबूत देश, न सनातनी परंपरा और न ही तुष्टिकरण नीति। ये सब आरोप हम अखबार वालों को बयान देने के तत्व हैं।
और प्रवेश करने के बाद पुराने नेताओं को तराजू भर भर उलाहनाएं, लांछन, आरोप लगाने के लिए। इसे वे लेटर बम का नाम दे रहे हैं तो तीर भी बता रहे। यह सब कुछ नए भाजपा को खुश करने के लिए करना पड़ रहा है । बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों को बताकर भाजपा प्रवेश किया है। इसके पीछे विभागों में अटके लाखों के बिल, कारण हैं। एक नेता के तो तीन विभागों नगरीय प्रशासन,महिला बाल विकास और लोनिवि में बिल पेंडिंग हैं। इन्होने पूर्व मंत्री से कहा भैया कांग्रेस में रूमाल सम्हाले रहना, बिल क्लीयर होते ही लौट आऊंगा।
अब दिख रहा भ्रष्टाचार...
बस्तर विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन का काम 20 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। कई जगह टंकियां बन गई हैं, पाइप लाइनें बिछ गई हैं लेकिन अब तक घर घर पानी पहुंच नहीं रहा है। कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ग्रामीणों के बीच दौरे में यह मान रहे हैं कि योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। ऐसा कहकर वे अपनी ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। विधानसभा के पिछले कार्यकाल में भी उन्होंने यहां का प्रतिनिधित्व किया था। क्या उन्होंने निगरानी नहीं की, या फिर सरकार अपनी होने की वजह से आवाज नहीं उठाई? अब जब भीषण गर्मी में परेशान लोग शिकायत कर रहे हैं तो उन्हें ध्यान आ रहा है कि योजना में भ्रष्टाचार हुआ, 80 प्रतिशत काम अधूरा है।
इस योजना के पूरे प्रदेश में करोड़ों रुपये के टेंडर रद्द किए गए हैं, करोड़ों का भुगतान भी रोका गया है। शायद डीएमएफ के बाद सबसे ज्यादा मौज जल जीवन मिशन के अफसरों ने ही किया है। अभी हालत यह है कि अधिकांश जिलों में घर घर जल पहुंचाने की योजना में काम आगे बढ़ नहीं रहा है। कुछ भ्रष्टाचार की जांच के चलते तो बाकी चुनाव व्यस्तता के चलते।
सुबह-सुबह के सुंदर पोस्ट...
सुबह-सुबह वाट्सएप पर आने वाले खूबसूरत गुडमॉर्निंग और प्रेरक संदेश से सीख लेते चले तो एक साधारण आदमी असाधारण बन सकता है। जो ऐसे संदेश भेजता है उसके बारे में तो उम्मीद की ही जा सकती है कि वह खुद उन प्रेरणादायी विचारों को अमल में लाता होगा। तभी तो आपका भला चाहते हुए आपके लिए संदेश भेजने का समय निकालता है। यह अलग बात है कि बना बनाया संदेश देने वाले ऐसे कई ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं, इन्हें ब्रॉडकास्ट करने के लिए कुछ खास मेहनत नहीं करनी पड़ती। हाल ही में कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने अपनी 40 साल की निष्ठा को रद्दी की टोकरी में डालकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। अगले दिन सुबह वाट्सएप पर रंग बिरंगी आकृतियों से सजा एक संदेश उनके शुभचिंतकों को मिला- सिद्धांतों पर कायम रहना कठिन जरूर है, लेकिन आपका सिद्धांत ही आपके स्वाभिमान का रक्षक है।
मोदी ही एकमात्र गारंटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास पर राजधानी रायपुर में जगह-जगह बड़े बड़े बिलबोर्ड और पोस्टर लगे। मोदी की आदमकद तस्वीर के साथ और कोई नहीं। न पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, न और राज्य का और कोई नेता। सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्टर्स की तस्वीर खींचकर डाली गई है। तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ का कहना है कि अब भाजपा मतलब मोदी, मोदी मतलब भाजपा। भाजपा जीतेगी तो मोदी की बदौलत। यदि नहीं जीत पाई तब पता चलेगा कि कौन अध्यक्ष था, कौन चुनाव संचालक था। किस पदाधिकारी की कौन सी जिम्मेदारी दी गई थी। ([email protected])