राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : मोदी के लिए आरएसएस एक्टिव
11-May-2024 3:51 PM
राजपथ-जनपथ : मोदी के लिए आरएसएस एक्टिव

मोदी के लिए आरएसएस एक्टिव

लोकसभा चुनावों के बीच छत्तीसगढ़ में आरएसएस कार्यकर्ताओं में यह चर्चा है कि वे भाजपा के लिए नहीं, बल्कि मोदी के लिए एक्टिव हैं। दरअसल, राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद यह संदेश गया कि भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आरएसएस ने भी बड़ी मेहनत की। इसके बाद सरकार के निर्णयों और नियुक्तियों में आरएसएस के दखल की बात होने लगी। इसके विपरीत आरएसएस के लोगों का कहना था कि उनकी सिफारिशें सुनी ही नहीं गई। कई कार्यकर्ता, अफसर आरएसएस की सिफारिशें लिए घूमते रहे, लेकिन उन्हें न ओएसडी का पद मिला, न ही ? मनचाही पोस्टिंग मिली। संभव है कि चुनाव के बाद आरएसएस इस मसले पर आंखें तरेरे।

बृजमोहन की डिमांड ओडिशा में

केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान राज्य की सीमा से सटे ओडिशा के संबलपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वो प्रदेश भाजपा के सबसे ज्यादा समय तक प्रभारी रहे हैं। लिहाजा, यहां के छोटे-बड़े नेताओं से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। प्रधान के चुनाव में यहां के नेताओं की भी दिलचस्पी है।

सुनते हैं कि प्रधान ने स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को फोनकर प्रचार के लिए बुलाया है। बृजमोहन चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। उनके साथ सीनियर नेताओं की एक टीम दो-तीन दिनों में संबलपुर पहुंचेगी। और प्रधान के चुनाव प्रचार का मोर्चा संभालेगी।

खास बात यह है कि संबलपुर इलाके में छत्तीसगढ़ी लोगों की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि यहां के नेताओं के प्रचार से प्रधान को काफी फायदा होगा। अब छत्तीसगढ़ के नेताओं से प्रधान को कितनी मदद मिलती है यह तो चुनाव नतीजे आने के बाद पता चलेगा।

एक अनार, सौ बीमार 

चर्चा है कि लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मंत्री पद छोड़ देंगे। राजनीतिक हल्कों में उनका चुनाव जीतना तय माना जा रहा है। खासबात यह है कि बृजमोहन की जगह लेने के लिए पार्टी के कई नेता अभी से जोड़-तोड़ में लग गए हैं।

बताते हैं कि कुछ नेताओं की तो बृजमोहन अग्रवाल से चर्चा भी हुई है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, और धरमजीत सिंह भी बृजमोहन से मिलने उनके घर गए और चुनाव को लेकर चर्चा हुई। धरमलाल कौशिक का नाम मंत्री पद के लिए प्रमुखता से लिया जा रहा था। लेकिन अंतिम समय में वो रह गए।

इसी तरह धरमजीत सिंह का नाम भी चर्चा में है। उनका नाम विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए लिया जा रहा है। इससे परे पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पहले और दूसरे चरण का चुनाव निपटने के बाद रायपुर लोकसभा में प्रचार की कमान सम्हाली थी।

चंद्राकर भी सीनियर हैं और खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने बस्तर की सभा में उन्हें काफी तवज्जो दिया था। ऐसे मेें उनकी स्वाभाविक दावेदारी है। दौड़ में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल और राजेश मूणत, लता उसेंडी व विक्रम उसेंडी भी पीछे नहीं है। देखना है कि साय कैबिनेट के दो खाली पद पर किसको मौका मिलता है।

लेकिन मंत्री पद के साथ-साथ बृजमोहन अग्रवाल विधायक पद भी ख़ाली कर सकते हैं, अगर वे सांसद बन जाते हैं। इसलिए उनके आसपास वे लोग भी टिकट मिलते ही मंडराने लगे हैं जो रायपुर दक्षिण से चुनाव लडऩा चाहते हैं। बृजमोहन के छोड़े जाने वाले शून्य पर दर्जन-दर्जन भर लोगों की नजऱ है।

अगले साल से पीएमश्री टॉपर?

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं में पिछली बार की तरह इस बार भी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के विद्यार्थियों ने खासी सफलता हासिल की। प्रथम श्रेणी में आने वाले विद्यार्थियों का औसत भी इन स्कूलों में बाकी के मुकाबले अच्छा रहा। शिक्षकों और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी इनमें भी रही, लेकिन दूसरे सरकारी स्कूलों के मुकाबले पढऩे का माहौल छात्र-छात्राओं को बेहतर मिला, जो नतीजों से साफ है। महंगी फीस वाले निजी स्कूलों से अच्छे नंबर लाने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम रही।

दूसरी ओर पीएम श्री (पीएम- स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) सन् 2022 में घोषित केंद्र सरकार की योजना है। प्रदेश में अब तक 200 पीएम श्री स्कूल खुल चुके हैं। सन् 2024-25 में 400 और खोलने की तैयारी है। खबर यह है कि सरकार ने 311 पीएम श्री स्कूलों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है और इन स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों की जगह पर ही खोला जाएगा। कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिनकी यह प्राथमिकता वाली योजना थी, ने कहा है कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों का नाम बदलना साधु-संतो का अपमान होगा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी विरोध दिया है। एक पैरेंट्स एसोसियेशन की ओर से भी आपत्ति दर्ज कराई गई है।

स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने पहले अलग से बजट नहीं रखा था। डीएमएफ फंड से इंफ्रास्ट्रक्चर और अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। इनके टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधा नहीं है। दूसरी ओर पीएम श्री योजना का पूरा फंड फिलहाल केंद्र से मिल रहा है। सन् 2027 तक केंद्र सरकार इसका खर्च उठाएगी, उसके बाद राज्यों को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।

 इस तरह से पीएमश्री स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों का भविष्य अधिक सुरक्षित दिखाई देता है, मगर सवाल इस बात का है कि क्या नाम बदलेगा? स्वामी आत्मानंद प्रदेश के शीर्ष विभूतियों में से एक हैं। पर यह नामकरण कांग्रेस के कार्यकाल में किया गया है। इन स्कूलों का नाम लेते ही भूपेश सरकार की याद आ जाती है। दूसरी तरफ अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है। पीएम श्री से मोदी का नाम जुड़ा लगता है।  बच्चों को इस सियासत से ज्यादा मतलब नहीं होगा। स्कूल चाहे स्वामी आत्मानंद नाम पर हो या पीएमश्री पर, पढ़ाई का माहौल ऐसा हो कि उन्हें उड़ान भरने का मौका मिले।

तपेदिक की दवा की दरकार

पिछले साल अक्टूबर में जब अखबारों में टीबी रोधी दवाओ की कमी की खबरें आईं तो केंद्र सरकार ने इसका खंडन कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों में इसकी नियमित आपूर्ति की जा रही है और हमारे पास 6 माह का स्टाक है। पिछले महीने अप्रैल में जब राज्यों में संकट गहरा गया तो केंद्र ने हाथ खड़े कर दिये। उन्होंने राज्यों से कहा कि अपने स्तर पर निजी सप्लायरों से खरीदी कर लें। मगर, फार्मेसी वाले यह दवा रखते नहीं है। जिस दवा की मुफ्त में आपूर्ति की जाती हो उसका स्टाक भला वे क्यों रखें। हालत यह है कि देश के तमाम टीबी मरीजों को दवा नहीं मिल रही है। अकेले छत्तीसगढ़ में ऐसे 12 हजार मरीज हैं। विभिन्न रिपोर्ट्स को खंगालने से इतना ही पता चलता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा खरीद के लिए टेंडर जारी करने में देरी की। मगर इस बीच टीबी मरीजों की हालत बिगड़ रही है। टीबी का उन्मूलन राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। दवाओं की किल्लत ने इस लक्ष्य को वर्षों पीछे कर दिया है।

हाईवे के नीचे टाइगर...

मध्यप्रदेश के सिवनी से महाराष्ट्र के नागपुर तक जाने वाली सडक़ नेशनल हाईवे नंबर 44 घने जंगलों से गुजरती है। वन्य जीवों के विचरण वाले इलाकों में इस सडक़ को ऊंचा उठाकर नीचे पुलिया बना दी गई है ताकि बिना सडक़ क्रॉस किये वन्य प्राणी एक ओर से दूसरी ओर जा सकें। एक सैलानी ने इसी हाईवे के नीचे से गुजर रहे एक टाइगर की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली है। ([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news