राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : बघेल और बघेल
30-Jul-2024 4:16 PM
राजपथ-जनपथ : बघेल और बघेल

बघेल और बघेल 

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने यहां तक कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने गरीबों को घर नहीं देने का पाप किया है। 

चौहान जब मीडिया से रूबरू हो रहे थे, उस वक्त दुर्ग के सांसद विजय बघेल भी साथ थे। दरअसल, चौहान अपने मंत्रालय भवन की सीढिय़ों से उतर रहे थे, उस वक्त विजय बघेल से उनका आमना-सामना हुआ। 

विजय बघेल ने चौहान को अपना परिचय दिया, तो वो गर्मजोशी से  विजय बघेल से मिले। इसके बाद उन्होंने कहा कि बघेलजी की सरकार ने गरीबों का काफी नुकसान किया है। उन्होंने विजय बघेल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये बघेल जी नहीं, भूपेश बघेल ने गरीबों का नुकसान किया है। इस पर विजय बघेल, और अन्य लोग मुस्कुराए बिन नहीं रह सके। 

अब नामी-गिरामी की बारी?

सरकार ने एसीबी, और ईओडब्ल्यू को जुआ-सट्टा के प्रकरणों की जांच और कार्रवाई के अधिकार दे दिए हैं। एसीबी-ईओडब्ल्यू अब तक केवल भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामलों की जांच करती रही है, लेकिन इस अधिसूचना के प्रकाशन से एसीबी, और ईओडब्ल्यू की जांच व कार्रवाई का दायरा बढ़ गया है। 

चर्चा है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी जल्द ही महादेव ऑनलाइन सट्टा एप से जुड़े प्रकरणों की जांच करेगी। महादेव ऑनलाइन सट्टा प्रकरण में कई लोग जेल में हैं, और कई प्रभावशाली नेता-अफसर जांच के दायरे में हैं। ईडी ने ऐसे कई नामों का खुलासा भी किया था, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। कहा जा रहा है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी जल्द ही ऐसे नामी गिरामी लोगों को पूछताछ के लिए बुलाएगी। देखना है आगे क्या होता है।

रमन नहीं रमन 

स्पीकर डॉ. रमन सिंह को राज्यपाल बनाए जाने का हल्ला लंबे समय से उड़ता रहा है, लेकिन अब नए राज्यपालों की सूची जारी होने के बाद  विराम लग गया है। दरअसल, जो लोग रमन सिंह को राज्यपाल के रूप में देखना चाहते थे, उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई। ये अलग बात है कि रमन को राज्यपाल तो बनाया गया है, लेकिन वो रमन सिंह नहीं असम के रमन डेका हैं। जिन्हें छत्तीसगढ़ में राज्यपाल का दायित्व सौंपा गया है। यानी दो शीर्ष संवैधानिक पद पर ‘रमन’ रहेंगे। 

डीजीपी नियुक्ति साउथ ब्लॉक से ...?

बघेल सरकार ने पिछले पांच साल सामान्य प्रशासन में छत्तीसगढ़ी वाद चलाया। जबकि पुलिस में दिल्ली लॉबी सक्रिय रही। और बीते सात महीनों में भी दिल्ली, राजस्थान, बिहार, यूपी और नागपुर कनेक्शन निकालकर पद पा रहे है। इसमें आईएएस, आईपीएस समेत राज्य सेवा के अधिकारी भी हैं। इस बार बिहार की लॉबी बिहार मूल के अधिकारी को छत्तीसगढ़ में डीजीपी बनाना चाहती है। वहीं छत्तीसगढ़ के प्रभारी भी बिहार से है। उनके पास भी जोर आजमाइश चल रही है। बिहार के ही दो आईजी रैंक के अधिकारी ताकत झोंक रहे है। दोनों अधिकारी पावरफुल जगह पोस्टेड है। जबकि जिस अधिकारी को डीजीपी बनने की कोशिश हो रही है। मगर कुछ शिकायतों का लोचा है।

लेकिन इस बार नियुक्ति में केंद्रीय गृह मंत्री की अंडरटेकिंग होने से आसान नहीं है। बताया गया है कि देश के अधिकांश राज्यों में डीजीपी साउथ ब्लॉक दिल्ली से ही हो रही है। अब प्रभारी कितना इनफ्लुएंस कर पाते हैं यह समय बताएगा। नए पुलिस प्रमुख 1 सितंबर को बिठाए जाएंगे।

पांडे, क्लास कैप्टन बने

राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे दूसरी बार भाजपा संसदीय दल के सचेतक (व्हिप) नियुक्त किए गए हैं । पार्टी ने करीब डेढ़ दर्जन और सांसदों को भी सचेतक बनाया है। सचेतक का काम संसदीय कार्य मंत्री को सदन संचालन में मदद करना होता है। सदन के भीतर, विपक्ष से निपटने के हर पैंतरे, कदम से सांसदों को सचेत रखना। सभी की उपस्थिति की गारंटी रखना ताकि मत विभाजन (वोटिंग) की स्थिति में अपने सभी सांसदों से मतदान कराया जा सके। कोई भी सांसद, सचेतक को सूचित किए बगैर अनुपस्थित नहीं रह सकता। लोकसभा में छत्तीसगढ़ से 10 सांसद हैं। पांडे, इन सभी के क्लास कैप्टन की भूमिका में रहेंगे। लेकिन सभी छात्र एक से एक दिग्गज हैं। इन्हें सम्हालना एक बड़ा टास्क होगा। लेकिन यह भाजपा है,जो अनुशासन से चलती है। नहीं तो एक प्राचार्य और प्रधान पाठक तो हैं ही। बाकी वो सम्हालेंगे।

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