राजपथ - जनपथ

राजपथ-जनपथ : पार्टी देवेंद्र के साथ
21-Aug-2024 4:32 PM
 राजपथ-जनपथ : पार्टी देवेंद्र के साथ

पार्टी देवेंद्र के साथ 

बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण पर भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद से राजनीतिक माहौल गरम है। कहा जा रहा है कि पुलिस ने पुख्ता सुबूतों के आधार पर ही गिरफ्तारी की है। सीएम विष्णु देव साय ने तो कड़े तेवर दिखाते हुए कांग्रेस नेताओं पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी है, और कहा है कि देवेन्द्र की बेगुनाही के सुबूत हों, तो कोर्ट जाएं।

दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने आगजनी प्रकरण में देवेन्द्र की भूमिका होने पर गिरफ्तारी की है। चर्चा है कि देवेन्द्र घटना के आरोपियों के लगातार संपर्क में रहे हैं। घटना के एक दिन पहले, और बाद में देवेंद्र ने वीडियो कॉलिंग कर आरोपियों से बातचीत भी की थी।

हल्ला तो यह भी है कि देवेन्द्र यादव ने कार्यक्रम के आरोपियों को करीब 10 लाख रुपए मदद भी की थी। इसके सुबूत पुलिस को मिल गए हैं। अभी तो सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप, और चर्चाओं का दौर चल रहा है। इस पूरे मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद ही वस्तुस्थिति सामने आने की उम्मीद है।

दूसरी तरफ, देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी पर कांग्रेस हाईकमान की नजर है, और पूरी तरह उनके साथ है। यही वजह है कि गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदेश भर में प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की गई है। साफ है कि आने वाले दिनों में मामला और गरमा सकता है।

नजरें अमित शाह पे 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से पहले भाजपा में कैबिनेट विस्तार को लेकर आपसी चर्चा हो रही है। अमित शाह 23 तारीख को प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं, और 25 तारीख को राज्य सरकार के कामकाज की समीक्षा करेंगे।

कुछ नेताओं का अंदाजा है कि शाह की प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक में कैबिनेट विस्तार पर बातचीत हो सकती है। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने पहले ही कैबिनेट विस्तार की अनुमति दे दी थी। मगर प्रदेश संगठन के रणनीतिकारों ने चुनाव के बाद विस्तार करने की इच्छा जताई है, जिसे हाईकमान ने मान लिया।

चर्चा है कि जिन दो चेहरे को कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद थी, वो दोनों नए थे। पार्टी के रणनीतिकारों को लगता था कि नए चेहरों को जगह मिलने पर सीनियर विधायकों में नाराजगी फैल सकती है। इसका चुनाव में असर पड़ सकता है। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार टल गया। अब अमित शाह क्या कुछ करते हैं, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है।

पहले हटाया, अब तैनात किया !!

चुनाव आयोग ने राज्य के तीन आईपीएस प्रशांत अग्रवाल, अभिषेक मीणा और उदय किरण की हरियाणा, और जम्मू कश्मीर में चुनाव ड्यूटी लगाई है। खास बात यह है कि आयोग ने ही विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राजनांदगांव एसपी अभिषेक मीणा, और कोरबा एसपी से उदय किरण को हटा दिया था। सरकार बदलने के बाद से दोनों लूप लाइन में हैं।  प्रशांत अग्रवाल की भी रायपुर एसएसपी रहते चुनाव आयोग से काफी शिकायतें हुई थी। मगर अब चुनाव आयोग ने इन तीनों को पर्यवेक्षक बनाया है। ये अलग बात है कि छह महीने के भीतर ही चुनाव आयोग ने तीनों अफसरों को निष्पक्ष मान लिया है। इसकी पुलिस और प्रशासनिक हलकों  में काफी चर्चा है। 

साजिश रचने में दिमाग किसका ?

बस्तर के चार पत्रकारों को गांजा रखने के आरोप में आंध्रप्रदेश की पुलिस से गिरफ्तार कराने के मामले में  कोंटा के टीआई को पहले सस्पेंड किया गया, फिर उसकी गिरफ्तारी भी हो गई और जेल भी भेज दिया गया। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने प्रकरण सामने आते ही कहा था, कि जांच के बाद कार्रवाई होगी और हुई भी। मगर, मामले में कई मोड़ आ रहे हैं। पहले तो गिरफ्तारी से पहले टीआई अजय सोनकर ने कथित रूप से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली- नेता जी को बता देना...। इस पोस्ट का यह मतलब निकाला जा रहा है कि किसी नेता के कहने पर टीआई ने पत्रकारों के खिलाफ साजिश रची, मगर वह नेता उन्हें नहीं बचा पाए। बस्तर के दो बड़े कांग्रेस नेता कवासी लखमा और दीपक बैज ने मामले को हाथों हाथ लेते हुए प्रेस कांफ्रेंस में बता भी दिया कि किस भाजपा नेता का हाथ है। अब तक कि पुलिस ने अपनी जांच में सिर्फ इतना कहा है कि दो संदिग्ध लोग पत्रकारों की कार का लॉक तोडऩे की कोशिश करते दिखे, पर ये कौन लोग हैं, यह अभी पता नहीं चला है। पत्रकार शायद टीआई की गिरफ्तारी से संतुष्ट जाते, मगर कांग्रेस ने अब भाजपा नेता पर रेत तस्करी और पत्रकारों को फंसाने का आरोप लगा दिया है। टीआई के सोशल मीडिया पोस्ट से ही यह पता चलता है कि किसी नेता का इससे संबंध जरूर है। पता नहीं, उसने अपने बयान में भी कुछ उगला है या नहीं। पर सवाल यही है कि क्या अकेले टीआई में इतना हौसला था कि वह अकेले पत्रकारों को फर्जी मामले में फंसाते?

भाई सामने नहीं, तो पुतला सही

सहज उपलब्ध नेता की मेहनत और किस्मत कभी उसे इतनी ऊंचाई पर पहुंचा देती है कि वे अपने प्रशंसकों तक प्रत्यक्ष पहुंच नहीं पाते। ऐसा मुमकिन नहीं हो तो लोग उनके पुतले से भी काम चला सकते हैं। महाराष्ट्र की यह तस्वीर यही बयान कर रही है। रक्षाबंधन के मौके पर शिंदे भाई के हाथों में इन महिलाओं ने राखी पहनाना चाहा। उन्होंने उनका एक आदमकद पुतला बनवाया और ससमारोह उसी पुतले की कलाई में राखी बांधी। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल है।

([email protected])

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news