राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : ओवैसी से मिलना भारी पड़ा...
07-Jul-2019
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ :  ओवैसी से मिलना भारी पड़ा...

पिछले दिनों संसद भवन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के साथ मेल मुलाकात पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर बुरी तरह ट्रोल हो गए। मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने दोनों को काफी सुनाया। 

ओवैसी कट्टरपंथी मुस्लिम नेता माने जाते हैं और वे पीएम मोदी के घोर आलोचक हैं। भाजपाई उन्हें गोवध समर्थक और पाक परस्त तक करार देते हैं। ऐसे में प्रेमप्रकाश और अजय का उनके साथ हँस-हँसकर बात करने को समर्थक पचा नहीं पा रहे हैं। वैसे सेंट्रल हॉल में पक्ष-विपक्ष के लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और आपस में बातचीत करते हैं। ऐसे में प्रदेश के नेताओं की ओवैसी से चर्चा कोई गलत भी नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि मुलाकात के दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी थे, लेकिन जैसे ही किसी को मोबाइल से तस्वीर लेते देखा, वे चुपचाप किनारे हो गए। तस्वीर में ओवैसी के साथ प्रेमप्रकाश-अजय के अलावा शिवरतन शर्मा भी कैद हो गए। भाजपाईयों ने उन्हें भी जमकर कोसा।

मुकेश गुप्ता की लुकाछिपी
नान-फोन टैपिंग प्रकरण में जांच का सामना कर रहे निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता तीसरी बार भी ईओडब्ल्यू में पेश नहीं हुए। उन्होंने पारिवारिक कारणों का हवाला देकर गैरहाजिर रहने की सूचना भिजवा दी। ईओडब्ल्यू अब उन्हें और समय देने के लिए तैयार नहीं है। मुकेश गुप्ता पर विवेचना में सहयोग नहीं करने का आरोप लग रहा है और ईओडब्ल्यू इसको लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।

सुनते हैं कि मुकेश गुप्ता का गैरहाजिर रहना बेवजह नहीं है। बेटी के एडमिशन के लिए भागदौड़ स्वाभाविक है। इसके चलते व्यस्तता भी समझ में आ रही है। लेकिन यहां आने के बाद मुकेश गुप्ता कुछ और समस्या में घिर सकते हैं। चर्चा है कि मिक्की मेहता प्रकरण की फाइल तैयार है। इस प्रकरण पर मुकेश गुप्ता के खिलाफ एक और एफआईआर हो सकती है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। इन सबसे बचने के लिए मुकेश गुप्ता ईओडब्ल्यू में पेश नहीं हो रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि वे जल्द ही एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और कोर्ट से राहत के लिए प्रयास करेंगे। खैर, अगले हफ्ते हाईकोर्ट में कई प्रभावशाली लोगों के प्रकरणों पर सुनवाई होगी। लोगों की निगाहें इन पर लगी हुई है। 

बड़ी महंगी शांति
छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों एक बहुत बड़ी और सनसनीखेज घटना हुई जिसमें सरकार की बड़ी फजीहत हो सकती थी। मामला चूंकि केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ था, इसलिए दिल्ली में बैठे छत्तीसगढ़ के एक भूतपूर्व अफसर ने केंद्र में अपने संबंधों का इस्तेमाल करके इस मामले को शांत किया। लेकिन इस किस्म की शांति खासी महंगी पड़ती है, और पड़ी भी। इस मामले में सबसे अधिक हैरान यह बात करती है कि कैसे बुरे संबंधों के चलते हुए भी कैसी बड़ी मदद की गई। लेकिन पैसों में बड़ी ताकत होती है। ([email protected])

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