राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : उत्सुकता भोजराम के बैच की
03-Mar-2022 5:38 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : उत्सुकता भोजराम के बैच की

उत्सुकता भोजराम के बैच की

कोरबा एसपी भोजराम पटेल लो-प्रोफाईल में रहकर काम करने वाले अफसरों में गिने जाते है। लेकिन दूसरे सर्विस के अधिकारी उनके बैच को जानने के लिए काफी उत्सुक रहते है। दरअसल भोजराम पटेल छत्तीसगढ़ के ही बांशिदे है। वह 2013 बैच के आईपीएस अफसर है। उनके बैच के कुछ अफसरो को सूबे में नाम और काम से आसानी से पहचाना जाता है। भोजराम के बैच के जितेन्द्र शुक्ला, मोहित गर्ग और अभिषेक पल्लव के नाम का जिक्र होते ही बैच भी याद आ जाता है। दरअसल राज्य पुलिस में आमद देने से पहले भोजराम को अपना ट्रेनिंग दो बार छोडऩा पड़ा था। हैदराबाद में प्रशिक्षण के बीच पिता की सेहत बिगडऩेऔर निधन के चलते भोजराम अपने बैच के साथियों को छोडऩे विवश हो गए थे। उन्हें बाद में दूसरे बैच के अफसरों के साथ प्रशिक्षण पूरा करना पड़ा। वैसे भोजराम को 2013 बैच का अफसर माना जाता है, पर देर से ज्वाईनिंग देने से बैच से उनका नाम छूट जाता है। भोजराम पटेल उस समय आईपीएस बिरादरी में चर्चा में आए वह एडीशनल एसपी नियुक्ति हुए सीधे कांकेर एसपी पदस्थ हो गए। बताते है कि तत्कालीन गर्वनर श्रीमती आंनदीबेन पटेल की सिफारिश पर सरकार ने उन्हें कांकेर जैसे बड़े जिले की कप्तानी सौंप दी। सुनते है कि भोजराम के धार्मिक भाव और रामायण की गहरी समझ रखने से पूर्व राज्यपाल काफी प्रभावित हुई थी। ओएसडी नियुक्ति से पूर्व महामहिम ने भोजराम का धार्मिक विषयों पर पकड़ जानने के लिए औपचारिक साक्षात्कार लिया था।

छत्तीसगढ़ में पृथ्वी का केंद्र

क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी का केंद्र कहां है? बैगा आदिवासियों की मान्यता के अनुसार यह छत्तीसगढ़ के सरोदा दादर में है। यह वही जगह है जिसे यहां के रहवासी पृथ्वी का केंद्र मानते हैं। लेकिन, पृथ्वी का भौगोलिक केंद्र तुर्की के इस्किलिप में ४०ए५२'हृ-३४ए३४'श्व पर है, जैसा कि वैज्ञानिक इसेनबर्ग ने गणना की है।

कोविद के खाली बिस्तर

कोविड-19 महामारी का प्रकोप तीसरी लहर में दूसरी लहर की अपेक्षा कम था। पर अधिकांश जिलों में व्यवस्था ऐसी की गई थी कि यदि बड़ी संख्या में मरीज आएं तब भी उनको इलाज मिल सके। रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा और दूसरे जिलों में कोविड-19 के जो सेट अप तैयार किए गए थे, वे अब खाली पड़े हैं। दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में दूसरी बीमारियों के मरीज भटक रहे हैं। केंद्र सरकार की भी गाइडलाइन आ चुकी है कि तीसरी लहर समाप्ति की ओर है और सारी सेवाएं पहले की तरह शुरू की जाएं, तब इन कोविड-19 अस्पतालों का क्या किया जाए? भिलाई में इसकी पहल शुरू की गई है। यहां पर 114 बिस्तरों का कोविड-19 केयर सेंटर बनाया गया था, जिसे जिला प्रशासन ने अधिगृहित करने का निर्णय लिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि सेक्टर-9 अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं मिल पा रही है। कमोबेश दूसरे जिलों का भी यही हाल है और क्यों नहीं वहां भी इसी तरह के कदम उठाए जाएं।

मनोबल बढ़ाने वाला पेपर

ऑफलाइन के खिलाफ अब ज्ञापन, धरना-प्रदर्शन का कोई मतलब रहने गया है क्योंकि परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। कल पहले दिन सीजी बोर्ड ने बारहवीं की परीक्षा ली और आज दसवीं का पर्चा हुुआ।

बीते दो सत्रों में कोरोना के कारण ऑफलाइन परीक्षा में बाधा पहुंची थी, पर इस बार ऑनलाइन पढ़ाई होने के बावजूद ऑफलाइन ली जा रही है। इससे परीक्षार्थियों में थोड़ा डर बना हुआ है। पर पहले दिन जो बच्चे परचे देकर निकले उनके चेहरे खिले हुए दिखे। दरअसल पर्चा हिंदी का था। फिर भी  सरल होना उन्हें मुस्कुराने का मौका दे रहा था। आगे के प्रश्न पत्रों से पता चलेगा कि पर्चा सेट करने वालों ने बच्चों के साथ कितनी नरमी बरती है।

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