कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 1 अगस्त। कोरिया जिले में जारी लगातार बारिश के कारण भरतपुर क्षेत्र की नदियों उफान पर हंै, जिसकी वजह से क्षेत्र के कई गांवों के लोग अपने ब्लॉक मुख्यालय से पूरी तरह से कट चुके हंै। ऐसे गांव में पहुंचना बेहद मुश्किल भरा हो गया है, जिसके कारण ग्रामीण को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह बताते हैं कि भरतपुर क्षेत्र के कई गांव बेहद दुर्गम इलाके में है, यहां कई नदियां अब उफान पर हैं, जिसके कारण गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय के साथ उनके पंचायत मुख्यालय तक से कट चुका है। वर्षों से ऐसे ग्रामों को मुख्य धारा से जोडऩे की मांग उठती रही है, परन्तु इन ग्रामीण इलाकों की सुध कोई नहीं लेता है।
लगातार जारी बारिश से परेशान ग्रामीणों की सुध लेने जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह ने कई क्षेत्रों को दौरा किया। उन्होंने बताया कि भरतपुर जनपद क्षेत्र के कई गांव इन दिनों बरसात के दौरान अपने ब्लाक मुख्यालय भरतपुर से पूरी तरह से कट चुके हैं, साथ ही ऐसे कई गांव हैं, जो कि अपने पंचायत मुख्यालय से ही कट गये हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि ऐसे कटे गांवों के लोगों की जिंदगी किस तरह से कट रही होगी। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीणों को इस दौरान किसी परिवार के सदस्यों के बीमार पड़ जाने के दौरान इलाज को लेकर होती है।
रविशंकर सिंह ने बताया कि भरतपुर जनपद क्षेत्र के अंधेरगढ़ नदी उफान पर चल रही है, जिसके कारण ग्राम मेहदौली के आश्रित ग्राम सत्कयारी के ग्रामीण जेलनुमा गांव में रहने को मजबूर हंै, उनका मेहदौली आना-जाना पूरी तरह से बंद हो चुका है।
इसी तरह सेमरिहा का कठर्राडोल, दुलारी, कुदरा, सरगुजिहापाठ, कोरमो, खोहरा, बोटा राक्सा सहित ऐसे कई और गांव हैं। क्षेत्र के नदियों में बाढ़ भर आने के कारण प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण अपने गांव तक ही सिमट कर रह गये है। जिन्हें आवश्यक कार्य से जनपद मुख्यालय आना हो उन्हें बहते नदी नाले को पार कर आना होता है, सबसे ज्यादा दिक्कत मरीज केा लाने में हो रही है। प्रतिवर्ष बरसात के दौरान इस तरह की समस्या का समाना ग्रामीणों को करना पड़ता है।
झांपर भी कट गया मुख्यालय से
जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत भरतपुर अंतर्गत दुरस्थ ग्राम झापर वैसे तो कई समस्याओं से ग्रसित है लेकिन सबसे ज्यादा यहां के ग्रामीणों को आवागमन को लेकर है। ग्राम झापर इन दिनों अन्य ग्रामों से पूरी तरह से कट गया है। यहां तक कि अपने पंचायत मुख्यालय से भी झापर कट गया है।
जानकारी के अनुसार जंगलों के बीच स्थित गाम झापर के तीन ओर नदियों से घिरा हुआ गांव है। इस गांव के तीन ओर जिन नदियों से घिरा है, वह पैरी नदी, काठो मनिहार नदी तथा एक अन्य नदी प्रवाहित होती है नदियों में पुल नहीं होने के कारण बरसात के दौरान ग्राम झपर पूरी तरह से बरसात के दौरान अन्य क्षेत्रों से कट जाता है। ग्रामीणों को नदी पार कर आना-जाना करना पड़ता है। तीनों ही नदिया बारहमासी नदी है लेकिन बरसात के दौरान नदियों में बाढ़ होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी होती है इसके बाद अन्य मौसम में पानी का बहाव कम होने से ज्यादा परेशानी नहीं होती।
सौर ऊर्जा प्लांट महीनों से बंद पड़ा
भरतपुर जनपद पंचायत के दुरस्थ ग्राम झापर में कई महीनों से सौर उर्जा प्लांट बिगड़ा पड़ा है, जिस कारण ग्रामीणों केा इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में सौर उर्जा की लाईट नहीं होने के कारण हम लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार सौर उर्जा बिगडने के बाद कभी भी जल्द सुधार नही होता। यदि समय पर सुधार कार्य करा दिया जाता है तो बिजली की सुविधा मिलती रहती।