कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 अगस्त। स्वतंत्रता दिवस पर जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में ध्वजारोहण होगा और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया जाएगा, परन्तु कोरिया जिलामुख्यालय बैकुंठपुर एकमात्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का स्मारक उपेक्षा का दंश झेल रहा है। नगर पालिका की कार्यशैली से लोग बेहाल तो दूसरी ओर नगर पालिका प्रशासन को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के स्मारक की सुध लेने तक की फुर्सत नहीं है।
जानकारी के अनुसार शहर के सिविल लाईन मार्ग पर पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता कार्यालय से लगे सिविल लाईन मुख्य मार्ग के किनारे तत्कालिन नगर पालिका अध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने शहर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे जगदीश प्रसाद नामदेव की प्रतिमा लगवाई थी। लेकिन अब स्वतंत्रता दिवस आने में चंद दिन बचे हुए है ऐसे में उक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की लगायी गयी प्रतिमा स्थल पर भी साफ सफाई नहीं करायी गयी है। बीते एक साल से कभी कभार नपा उक्त स्थल के आसपास कभी कोई सफाई कार्य नहीं कराया गया है।
गोविंदगढ़ से आकर अंग्रेजों के विरूद्ध आवाज उठाई-जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जगदीश प्रसाद नामदेव मूल रूप से गोविंदगढ़ मप्र से मात्र 25 वर्ष की उम्र में अपना घर छोडकर बैकुंठपुर आये थे और बैकुंठपुर क्षेत्र में स्वतंत्रता की अलख जगाने की जिम्मेदारी ली तथा यहां धीरे धीरे लोगों को अंग्रेजों के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए संगठित करने के काम में जुट गये।
तब भारत छोड़ों आंदोलन चरम पर था। ऐसे समय में अंग्रेजों के विरूद्ध एकजुटता दिखाना व आंदोलन करना कम आसान काम नहीं था। अंग्रेजों के विरोध के कारण उन्हें कई बार जेल की यात्रा भी करनी पड़ी और जब देश को आजादी मिली तो लंबे समय तक यही अपनी कर्मभूमि बना लिये जाने के कारण बैंकुंठपुर के ही होकर रह गये।
स्व जगदीश प्रसाद नामदेव द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के लिए किये गये उल्लेखनीय कार्य के लिए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने इन्हें ताम्रपत्र से सम्मानित किया था। 18 मार्च 1993 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अंतिम सांस ली और पंचतत्व में विलीन हो गये।