कोरिया
बैकुंठपुर, भरतपुर और खडग़वां में अब तहसील स्तर पर मिलेंगे दस्तावेज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 13 अगस्त। गुरूवार को भरतपुर और बैकुंठपुर तहसील में डेढ़ वर्ष से बंद पड़े मिसल सॉफ्टवेयर को दुबारा शुरू कर दिया गया, डेढ़ सौ किमी दूर स्थित भरतपुर के लोगों ने सोशल मीडिया पर कलेक्टर की इस पहल की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। वहीं शुक्रवार को खडग़वां में भी इसे शुरू कर दिया गया। अब सोनहत और मनेन्द्रगढ़ में जल्द शुरू कर होने की उम्मीद है। इस सॉफ्टवेयर के तहसीलों में शुरू होने से आमजन की परेशानियां से काफी हद तक निजात मिला है।
इस संबंध में एनआईसी प्रमुख सुखदेव पटेल ने बताया कि कलेक्टर ने ही भरतपुर के सुदूर अंचलों से आने वाले लोगोंं की परेशानियों को देखते हुए मामले को संज्ञान लिया था। उन्होंने जल्द से जल्द शुरू कर तहसील स्तर पर दस्तावेज मुहैया कराने को कहा था, इसे लेकर जो भी परेशानियां थी, उसे खत्म कर ली गई, भरतपुर और बैकुंठपुर तहसील में गुरूवार और आज से खडग़वां में भी इसकी शुरूआत कर दी गई है। तीनों तहसील में सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने के साथ नए सिस्टम भी लगाए गए है। अब तहसील स्तर पर ही दस्तावेज मिल जाया करेंगे।
जानकारी के अनुसार भूमि संबंधी वर्ष 1948-49 के दस्तावेजों की पीडीएफ बनाकर उन्हें मिसल सॉफ्टवेयर के जरिए जल्द और आसानी से लोगों को देने के काम पर तहसील स्तर पर ब्रेक लगा हुआ था, कलेक्टर कार्यालय के सामने नकल शाखा में दस्तावेज की प्रति लेने के लिए हर दिन काफी भीड़ लगी रहती थी, सबसे ज्यादा परेशानी दूरस्थ क्षेत्र से आने वाले भरतपुर क्षेत्र के लोगों को होती थी, क्योंकि एक दिन तो उन्हें यहां आने और फिर दूसरे दिन रूकर उन्हें दस्तावेज लेकर जाना पडता था, नवपदस्थ कलेक्टर ने इस मामले में एनआईसी को तलब कर जल्द से जल्द सॉफ्टवेयर शुरू करने को कहा था, जिसके बाद गुरूवार को भरतपुर और बैकुंठपुर में इसकी फिर से शुरूआत कर दी गई।
2012 में हुई थी इसकी शुरूआत
कोरिया जिले में वर्ष 2012 को मिसल सॉफ्टवेयर की शुरूआत की गई थी। जिससे मिसल के लिए लोगों को जिला मुख्यालय तक की दौड़ नहीं लगाना पड़ता था। इसमें लोगों को तहसील कार्यालय में ही अपनी भूमि के संबंध में पुराने दस्तावेज मिल जाया करते थे। लेकिन बीते डेढ़ वर्ष से मिशल सॉफ्टवेयर के सर्वर में खराबी आ गई। परन्तु इस दौरान पदस्थ कलेक्टर के साथ किसी और राजस्व के अधिकारी ने लोगों की ये बेहद महत्वपूर्ण समस्या को लेकर किसी तरह की सुध नहीं ली।
सर्वर में हुई थी खराबी
सर्वर के खराब होने के कारण लोगों को अपने क्षेत्र के तहसील कार्यालय से जमीन के पुराने दस्तावेज प्राप्त नहीं हो रहे है। उन्हें कलेक्टर कार्यालय आकर नकल शाखा में आकर भूमि के पुराने दस्तावेज के लिए पहले आवेदन करना पड़ता है। और निर्धारित रसीद कटाने के बाद भी समय पर उन्हें भूमि के दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं। कुछ दिन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह ने शिकायत भी की थी कि नकल प्राप्त करने के लिए अवैध वसूली किया जा रहा है।
सोशल मीडिया में प्रशासन की तारीफ
जैसे ही मामले की जानकारी सोशल मीडिया में आई कि मिसल सॉफ्टवेयर अब भरतपुर में शुरू हो गया, जिसके बाद सोशल मीडिया में कलेक्टर की पहल की हर कोई सराहना करने लगा, जनकपुर भरतपुर के कई व्हाट्सअप गु्रप में लोगों ने लिखा कि इस काम से वहां के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, कलेक्टर की इस पहल से भरतपुर के लोगों को काफी राहत मिली है, लोग खुलकर कलेक्टर को धन्यवाद देते देखे गए।